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कोरोना संकट काल में लौटे प्रवासियों के हुनर का होगा इस्तेमाल, प्रवासी मजदूरों को मिलेगा रोजगार

कोरोना संकट काल मे अपने काम काज को छोड़ , प्रदेश से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों के हुनर का अब होगा इस्तेमाल । जानकारी के अनुसार , जिला प्रशासन नाव , फर्नीचर , मनी बैग जैसे कई क्षेत्र में नए रोजगार को लेकर इनके स्किल के इस्तेमाल करने की तैयारी में जुटा है ।

समस्तीपुर
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Published : Jul 11, 2020, 10:38 PM IST

समस्तीपुर: कोरोना संकट काल में विभिन्न राज्यों से लौटे जिले के लाखों लोगों का रोजगार जरूर छीन गया हो, लेकिन अब उनके खास हुनर का इस्तेमाल बहुत से लोगों के रोजगार का जरिया बनने वाला है. दरअसलस, जिला प्रशासन कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत से लौटे मोहद्दीनगर के प्रवासी लकड़ी के नाव बनाने का खास हुनर लेकर लौटे हैं.

समस्तीपुर
प्रवासी मजदूर

इसी तरह मनी बैग, लहठी निर्माण, फर्नीचर आदि में बेहतर काम करने वाले लोग भी इस दौरान वापस अपने गांव लौटे हैं. साथ ही कल्याणपुर, रोसड़ा, वारिसनगर समेत कई प्रखंडों के नासिक से लौटे प्रवासी अंकुर पैकिंग में दक्ष हैं. बहरहाल जिला प्रशासन ऐसे प्रवासी मजदूरों के स्किल का इस्तेमाल करने और रोजगार की राह तलाशने को लेकर इससे संबंधित योजना का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाव निर्माण करेंगे प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूरों को बेहतर रोजगार दिलाने में जुटे जिले के समाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि करीब पांच लाख मजदूर इस संकट में अपने घर वापस लौटे हैं. वहीं, इनके स्किल का सही इस्तेमाल करने पर जिले में नए रोजगार अवसर उत्पन्न हो सकेंगे. फिलहाल, जिला प्रशासन लकड़ी के नाव निर्माण से जुड़े रोजगार को शुरू करने की तैयारी में है. वहीं, नासिक में विशेष तरीके से अंगूर पैकिंग करने वाले मजदूरों की मदद से जिले की सब्जियों को पैक कर बाहर निर्यात करने की भी योजना बनाई जा रही है.

समस्तीपुर: कोरोना संकट काल में विभिन्न राज्यों से लौटे जिले के लाखों लोगों का रोजगार जरूर छीन गया हो, लेकिन अब उनके खास हुनर का इस्तेमाल बहुत से लोगों के रोजगार का जरिया बनने वाला है. दरअसलस, जिला प्रशासन कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत से लौटे मोहद्दीनगर के प्रवासी लकड़ी के नाव बनाने का खास हुनर लेकर लौटे हैं.

समस्तीपुर
प्रवासी मजदूर

इसी तरह मनी बैग, लहठी निर्माण, फर्नीचर आदि में बेहतर काम करने वाले लोग भी इस दौरान वापस अपने गांव लौटे हैं. साथ ही कल्याणपुर, रोसड़ा, वारिसनगर समेत कई प्रखंडों के नासिक से लौटे प्रवासी अंकुर पैकिंग में दक्ष हैं. बहरहाल जिला प्रशासन ऐसे प्रवासी मजदूरों के स्किल का इस्तेमाल करने और रोजगार की राह तलाशने को लेकर इससे संबंधित योजना का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाव निर्माण करेंगे प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूरों को बेहतर रोजगार दिलाने में जुटे जिले के समाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि करीब पांच लाख मजदूर इस संकट में अपने घर वापस लौटे हैं. वहीं, इनके स्किल का सही इस्तेमाल करने पर जिले में नए रोजगार अवसर उत्पन्न हो सकेंगे. फिलहाल, जिला प्रशासन लकड़ी के नाव निर्माण से जुड़े रोजगार को शुरू करने की तैयारी में है. वहीं, नासिक में विशेष तरीके से अंगूर पैकिंग करने वाले मजदूरों की मदद से जिले की सब्जियों को पैक कर बाहर निर्यात करने की भी योजना बनाई जा रही है.

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