समस्तीपुर: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू है, लेकिन शराब के अवैध कारोबार पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. पिछले दिनों समस्तीपुर में शराब के साथ एएसआई गिरफ्तार (ASI Arrested with Liquor in Samastipur) हुआ है. जिसके बाद कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब खाकी पर दाग लगा है. पहले भी शराब और अन्य मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है.
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विभूतिपुर थाने में कार्यरत एएसआई अरुण कुमार पटेल की शराब कारोबारियों से सांठगांठ की भनक मिलने पर पुलिस अधीक्षक मानव जीत सिंह ढिल्लो ने खुद उसके आवास पर छापेमारी की. इस दौरान उनके घर से एक बोतल शराब बरामद हुई. जिसके बाद आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया और विभूतिपुर थाने के हाजत में बंद कर दिया गया. लगभग 16 घंटे बाद अभियुक्त को जांच के बाद जेल भेज दिया गया.
इससे पहले इसी साल 23 नवंबर को मथुरापुर ओपी प्रभारी संजय कुमार सिंह भी भूमि विवाद मामले में 25 हजार रुपये घूस लेते निगरानी ने गिरफ्तार किया था. 9 जून 2021 को रोसड़ा थाने के सब इंस्पेक्टर को बाइक छोड़ने के नाम पर करीब दस हजार रुपए रिश्वत के साथ खुद एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने गिरफ्तार किया था.
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इसके पहले भी वर्ष 2019 में शिवाजीनगर ओपी के दारोगा के खिलाफ घूस के मामले में तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर ने कार्रवाई की थी. 2019 में ही घटहो ओपी में पदस्थापित सब-इंस्पेक्टर को शराब के नशे में एक बच्ची के साथ छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. वहीं, साल 2017 और 16 में भी कई पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी रिश्वत लेने के आरोप में हुई है.
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