समस्तीपुरः हाल ही में आए भीषण बाढ़ से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. समस्तीपुर जिले का भी एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में होने से लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं. बरसात के बाद लगभग हर साल यहां बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं. बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्य पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन बाढ़ के मानव निर्मित कारणों पर विचार करना जरूरी नहीं समझती.
नदी में हो रही प्लाटिंग
जिले से होकर बहने वाली गंडक नदी का दोनों छोड़ अतिक्रमण की चपेट में है. भूृ-माफिया नदी में प्लाटिंग कर धड़ल्ले से जमीन बेच रहे हैं. तटबंध के अंदर बड़े-बड़े मकान बने हैं. जिससे नदी में पानी बढ़ने पर इसकी धार अवरुद्द होती है. इसी कारण कई बार धारा बहकती है और बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है.
'अवैध निर्माण के लिए हो रहा नक्शा पास'
सामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर सिंह ने कहा कि नगर परिषद के इंजीनियरों की मिलीभगत से तटबंध के अंदर बिके जमीन पर निर्माण के लिए नक्शा पास हो रहा है और गंडक की गोद में बड़े-बड़े होटल और घर बन रहे हैं. वहीं, इस मामले के जानकार डॉ सुरेंद्र प्रसाद कहते हैं कि यह बहुत गंभीर विषय है. यदि तटबंध के अंदर का इलाका अतिक्रमण मुक्त हो जाता है तो निश्चित रूप से बाढ़ का खतरा कम हो जाएगा. सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.