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समस्तीपुर: सड़कों पर फेंका जा रहा बायो मेडिकल वेस्ट, विभाग की उदासीनता से जनता परेशान

समस्तीपुर में विभिन्न नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को सड़कों पर फेंक दिया जा रहा है. जिसकी वजह से बिमारियों का खतरा बढ़ गया है.

कचरे का अंबार
कचरे का अंबार
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Published : Dec 25, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Dec 25, 2020, 9:10 AM IST

समस्तीपुर: सफाई को लेकर नगर परिषद की ओर से तमाम दावे किये जाते हैं, लेेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ऐसे में गंदगी की वजह से लोगों का सड़कों पर चलना मुहाल हो गया है. आलम यह है कि जगह-जगह फेके जा रहे कचरे से कई प्रकार के संक्रमित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सड़कों पर ही फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट
सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार विभिन्न सरकारी हॉस्पिटलों के साथ-साथ जिले के महज 175 निबंधित नर्सिंग होम और जांच घर से ही मानक के अनुरुप बॉयोमेडिकल वेस्ट का उठाव होता है. वहीं, एक आंकड़े के अनुसार जिले में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा नर्सिंग होम, क्लिनिक और जांच घर संचालित हैं. बहरहाल नियम के अनुरुप इन जगहों से मेडिकल वेस्ट सड़कों पर ही फेंका जा रहा है.

Samastipur
समाहरणालय

गंभीर बीमारी फैलने का खतरा
वहीं, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे संस्थान के खिलाफ विभाग संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है. सवाल यह भी कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसे हानिकारक कचरे को लेकर गंभीर क्यों नहीं है. वहीं, सिविल सर्जन ने प्रदूषण बोर्ड के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियम के खिलाफ कचरा निष्पादन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा. विशेषज्ञ का मानना है कि बॉयोमेडिकल वेस्ट से सामान्य वायरल बुखार से लेकर हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी फैलने का खतरा होता है.

समस्तीपुर: सफाई को लेकर नगर परिषद की ओर से तमाम दावे किये जाते हैं, लेेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ऐसे में गंदगी की वजह से लोगों का सड़कों पर चलना मुहाल हो गया है. आलम यह है कि जगह-जगह फेके जा रहे कचरे से कई प्रकार के संक्रमित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सड़कों पर ही फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट
सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार विभिन्न सरकारी हॉस्पिटलों के साथ-साथ जिले के महज 175 निबंधित नर्सिंग होम और जांच घर से ही मानक के अनुरुप बॉयोमेडिकल वेस्ट का उठाव होता है. वहीं, एक आंकड़े के अनुसार जिले में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा नर्सिंग होम, क्लिनिक और जांच घर संचालित हैं. बहरहाल नियम के अनुरुप इन जगहों से मेडिकल वेस्ट सड़कों पर ही फेंका जा रहा है.

Samastipur
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गंभीर बीमारी फैलने का खतरा
वहीं, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे संस्थान के खिलाफ विभाग संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है. सवाल यह भी कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसे हानिकारक कचरे को लेकर गंभीर क्यों नहीं है. वहीं, सिविल सर्जन ने प्रदूषण बोर्ड के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियम के खिलाफ कचरा निष्पादन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा. विशेषज्ञ का मानना है कि बॉयोमेडिकल वेस्ट से सामान्य वायरल बुखार से लेकर हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी फैलने का खतरा होता है.

Last Updated : Dec 25, 2020, 9:10 AM IST
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