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समस्तीपुर: लॉकडाउन के कारण खेतों में सूख रहे फूल, किसानों के मुरझाए चेहरे

लॉकडाउन के कारण सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लगी है. इससे खेतों में फूल सूख रहे हैं और उत्पादक किसानों के सामने रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

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Published : Apr 30, 2020, 5:52 PM IST

samastipur
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समस्तीपुर: जिले के रोसरा अनुमंडल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फूल की खेती कर रहे किसानों को इन दिनों मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण फूलों की मांग में कमी के कारण जिले के कई किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन से फूलों की मांग को ग्रहण लग गया है. इससे फूल उत्पादक किसान काफी मायूस हैं. बता दें कि मार्च से जुलाई के बीच शादी ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्यों का आयोजन बड़े पैमाने पर होता है. इस महीनों में शादी के अलावे मुंडन, गृह प्रवेश सहित पूजा-पाठ में सजावट में फूलों का प्रयोग होता है. लॉकडाउन के कारण तमाम मांगलिक कार्यों सहित अन्य सभी प्रकार के छोटे-बड़े आयोजनों पर रोक लगी है. साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर तमाम मंदिर भी बंद हैं. इससे फूलों की मांग में भारी गिरावट आई है. खेतों में फूल सूख रहे हैं. इससे उत्पादक किसानों के सामने रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

नहीं बिक रहे फूल
बता दें कि रोसडा़ अनुमंडल क्षेत्र के कई गांवों के किसान फूलों की खेती से जुड़े हैं. फूल उत्पादकों की मानें तो लॉकडाउन से पहले फूल की खेती से एक कट्ठा में 20-25 कीड़ी से लगभग डेढ़ क्विंटल रोज गेंदा के फूल बिकता था. वहीं अब यह बिलकुल बंद है. किसान फूल के खेती छोड़ अब सब्जी की खेती करने की सोच रहे हैं.

समस्तीपुर: जिले के रोसरा अनुमंडल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फूल की खेती कर रहे किसानों को इन दिनों मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण फूलों की मांग में कमी के कारण जिले के कई किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन से फूलों की मांग को ग्रहण लग गया है. इससे फूल उत्पादक किसान काफी मायूस हैं. बता दें कि मार्च से जुलाई के बीच शादी ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्यों का आयोजन बड़े पैमाने पर होता है. इस महीनों में शादी के अलावे मुंडन, गृह प्रवेश सहित पूजा-पाठ में सजावट में फूलों का प्रयोग होता है. लॉकडाउन के कारण तमाम मांगलिक कार्यों सहित अन्य सभी प्रकार के छोटे-बड़े आयोजनों पर रोक लगी है. साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर तमाम मंदिर भी बंद हैं. इससे फूलों की मांग में भारी गिरावट आई है. खेतों में फूल सूख रहे हैं. इससे उत्पादक किसानों के सामने रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

नहीं बिक रहे फूल
बता दें कि रोसडा़ अनुमंडल क्षेत्र के कई गांवों के किसान फूलों की खेती से जुड़े हैं. फूल उत्पादकों की मानें तो लॉकडाउन से पहले फूल की खेती से एक कट्ठा में 20-25 कीड़ी से लगभग डेढ़ क्विंटल रोज गेंदा के फूल बिकता था. वहीं अब यह बिलकुल बंद है. किसान फूल के खेती छोड़ अब सब्जी की खेती करने की सोच रहे हैं.

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