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Chhath Puja: समस्तीपुर में कई छठ घाट खतरनाक! अर्घ्य देते समय बरतें सावधानी

लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व का आज पहला अर्घ्य भागवान भाष्कर को दिया जाएगा. समस्तीपुर में अर्घ्य को लेकर नदी तालाब के तटों पर भी खास व्यवस्था की गई है. वैसे इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ की वजहों से नदियों और तालाबों के कई घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है.

छठ महापर्व का आज पहला अर्घ्य
छठ महापर्व का आज पहला अर्घ्य
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Published : Nov 10, 2021, 9:41 AM IST

Updated : Nov 10, 2021, 9:51 AM IST

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Festival 2021) का तीसरा दिन है. आज पहला अर्घ्य अस्तचलगामी भगवान भाष्कर (Lord Bhaskar) को दिया जाएगा. जिले के नदी तालाबों में अर्घ्य को लेकर तमाम तैयारी की गई है, लेकिन कई घाट खतरनाक हैं.

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छठ महापर्व को लेकर खास तैयारी में श्रद्धालु जुटे हैं. वहीं, इस महापर्व के दौरान अर्घ्य को लेकर नदी तालाब के तटों पर भी खास व्यवस्था की गई है. वैसे इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ की वजहों से नदियों और तालाबों के कई घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. खासतौर पर शहर के करीब से गुजरती गंडक के कई घाट क्षतिग्रस्त होने के कारण उसे खतरनाक घोषित किया गया है.

देखें वीडियो

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वहीं, सभी घाटों को बैरिकेडिंग से घेरा गया है. छठ के दौरान श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले मगरदही घाट को देखते हुए उसे पूरी तरह बांस-बल्लों से घेर दिया गया है. घाट पर जरूरी व्यवस्थाओं की तैयारी कर ली गई है. गौरतलब है कि बूढ़ी गंडक के तट पर कई खतरनाक घाट को देखते हुए अन्य कई स्थानों पर अर्घ्य को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वहीं, कई प्रमुख पोखर में पानी लबालब होने की वजहों से ज्यादातर छठव्रतियों ने घर पर ही सूर्य भगवान को अर्घ्य देने की व्यवस्था की है.

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छठ महापर्व को लेकर खास तैयारी में श्रद्धालु जुटे हैं. वहीं, इस महापर्व के दौरान अर्घ्य को लेकर नदी तालाब के तटों पर भी खास व्यवस्था की गई है. वैसे इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ की वजहों से नदियों और तालाबों के कई घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. खासतौर पर शहर के करीब से गुजरती गंडक के कई घाट क्षतिग्रस्त होने के कारण उसे खतरनाक घोषित किया गया है.

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वहीं, सभी घाटों को बैरिकेडिंग से घेरा गया है. छठ के दौरान श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले मगरदही घाट को देखते हुए उसे पूरी तरह बांस-बल्लों से घेर दिया गया है. घाट पर जरूरी व्यवस्थाओं की तैयारी कर ली गई है. गौरतलब है कि बूढ़ी गंडक के तट पर कई खतरनाक घाट को देखते हुए अन्य कई स्थानों पर अर्घ्य को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वहीं, कई प्रमुख पोखर में पानी लबालब होने की वजहों से ज्यादातर छठव्रतियों ने घर पर ही सूर्य भगवान को अर्घ्य देने की व्यवस्था की है.

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Last Updated : Nov 10, 2021, 9:51 AM IST
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