समस्तीपुरः बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं. जिले के रोसरा अनुमंडल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण बाढ़ का पानी फैल गया है. किसानों की हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गई है. जिससे पहले से नुकसान झेल रहे अन्नदाताओं की कमर टूट गई है.
बर्बाद हो रही फसल
कृषि प्रधान देश के किसानों के सामने आए दिन प्राकृतिक आपदा ने किसानों की समस्याएं बढ़ा दी हैं. समस्तीपुर जिला के शिवाजीनगर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाले करेह नदी का पानी निचले इलाकों में फैल गया है. किसानों की कड़ी मेहनत से लगाई गई फसल बारिश की वजह से बर्बाद हो रही है.
आर्थिक रूप से कमजोर हो गए किसान
किसान कमलेंद्र चौधरी ने बताया कि महंगे खाद व बीज खेतों में डालकर बड़ी उम्मीद से उनलोगों ने धान की फसल लगाई थी. लेकिन प्राकृतिक आपदाओं ने आर्थिक रूप से उन्हें काफी कमजोर कर दिया है. कई किसानों ने रोपनी में अपनी जमा पूंजी लगा दी थी.
कर्ज चुकाने की सता रही चिंता
कमलेंद्र चौधरी ने बताया कि कई लोगों ने कर्ज भी लिया था. फसल बर्बाद होने के बाद उन्हें अब कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है. उन्होंने बताया कि किसानों को क्षति के लिए सरकारी सहायता मिल रही है लेकिन आए दिन हो रही प्राकृतिक आपदओं ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है.
प्राकृतिक आपदाओं से परेशान किसान
बता दें कि पहले कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. अब बाढ़ और बारिश किसानों की फसल को बर्बाद कर रही हैं. लगातार हो रही इन प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों के चेहरे की मुस्कान छीन ली है.