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दिल्ली अग्निकांड के पीड़ित ने साझा किया दर्द, अस्पताल में होश आया तो पता चला नहीं रहे दोनों भाई - delhi fire

घटना के बार में नौशाद ने बताया कि संभवत: आग शॉट सर्किट के कारण लगी होगी. वैसे भी फैक्ट्री में चारों तरफ बैग बनाने के सामान बिखरे हुए थे. जिसमें आसानी से आग पकड़ सकती थी. वहीं, बाहर निकलने का बिल्कुल छोटा सा रास्ता था, जिससे आग लगने के दौरान भागना असंभव था.

समस्तीपुर
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Published : Dec 11, 2019, 8:43 PM IST

समस्तीपुर: दिल्ली अग्निकांड में जिले के हरिपुर का रहने वाला खुशकिस्मत नौशाद की जान जरूर बच गयी, लेकिन आग ने उसके अपनों को उससे छीन लिया. पीड़ित नौशाद ने अपनी आंखों से इस खौफनाक मंजर को देखा. इस हादसे में उसके 2 भाइयों की मौत हो गई.

अग्निकांड से बचने के बाद पीड़ित नौशाद अपने घर हरिपुर आ गया है. यहां ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नौशाद ने बताया कि घटना के दिन वो और सारे कर्मचारी काम करने के बाद रात करीब डेढ़ बजे सोने चले गए. अचानक से आग और धुएं के कारण उसकी नींद खुली, चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी. उसके 2 बड़े भाई दूसरे कमरे में सोए हुए थे. लेकिन वहां तक पहुंचना संभव नहीं था. वह किसी तरह से निकलने में सफल हुआ. इस दौरान उसे गंभीर चोटें भी लगी.

पीड़ित नौशाद से खास बातचीत

फैक्ट्री से बाहर निकलने का छोटा सा रास्ता
घटना के बार में नौशाद ने बताया कि संभवत: आग शॉट सर्किट के कारण लगी होगी. वैसे भी फैक्ट्री में चारों तरफ बैग बनाने के सामान बिखरे हुए थे. जिसमें आसानी से आग पकड़ सकती थी. वहीं, बाहर निकने का बिल्कुल छोटा सा रास्ता था. जिससे आग लगने के दौरान भागना असंभव था.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में मिली भाइयों की मौत की खबर
नौशाद ने अपने दोनों भाई की मौत के बारे में कहा कि जब वह अग्निकांड में बचकर बाहर निकला तो उसे अपने भाईयों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहा. लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे वापस जाने नहीं दिया गया. तब उसे अस्पताल में अपने भाइयों की मौत की खबर मिली.

समस्तीपुर: दिल्ली अग्निकांड में जिले के हरिपुर का रहने वाला खुशकिस्मत नौशाद की जान जरूर बच गयी, लेकिन आग ने उसके अपनों को उससे छीन लिया. पीड़ित नौशाद ने अपनी आंखों से इस खौफनाक मंजर को देखा. इस हादसे में उसके 2 भाइयों की मौत हो गई.

अग्निकांड से बचने के बाद पीड़ित नौशाद अपने घर हरिपुर आ गया है. यहां ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नौशाद ने बताया कि घटना के दिन वो और सारे कर्मचारी काम करने के बाद रात करीब डेढ़ बजे सोने चले गए. अचानक से आग और धुएं के कारण उसकी नींद खुली, चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी. उसके 2 बड़े भाई दूसरे कमरे में सोए हुए थे. लेकिन वहां तक पहुंचना संभव नहीं था. वह किसी तरह से निकलने में सफल हुआ. इस दौरान उसे गंभीर चोटें भी लगी.

पीड़ित नौशाद से खास बातचीत

फैक्ट्री से बाहर निकलने का छोटा सा रास्ता
घटना के बार में नौशाद ने बताया कि संभवत: आग शॉट सर्किट के कारण लगी होगी. वैसे भी फैक्ट्री में चारों तरफ बैग बनाने के सामान बिखरे हुए थे. जिसमें आसानी से आग पकड़ सकती थी. वहीं, बाहर निकने का बिल्कुल छोटा सा रास्ता था. जिससे आग लगने के दौरान भागना असंभव था.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में मिली भाइयों की मौत की खबर
नौशाद ने अपने दोनों भाई की मौत के बारे में कहा कि जब वह अग्निकांड में बचकर बाहर निकला तो उसे अपने भाईयों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहा. लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे वापस जाने नहीं दिया गया. तब उसे अस्पताल में अपने भाइयों की मौत की खबर मिली.

Intro:दिल्ली अग्निकांड हादसे का एक चश्मदीद , जिसने अपने आंखों से देखा इस मौत के मंजर को । करीब रात डेढ़ बजे सभी साथ सोने गए थे , लेकिन उन्हें क्या पता , वेदर्द आग उनके कितने अपने को मौत का नींद सुलाने वाला है ।


Body:दिल्ली अग्निकांड में हरिपुर का वह खुदकिस्मत नौसाद जिसकी जान जरूर बच गयी , लेकिन आग ने उसके कई अपनों को उनसे छीन लिया । नौसाद के अनुसार , रात डेढ़ बजे वे सभी सोने गए थे , अचानक आग व धुँए के गुबार से उसकी नींद खुली । चारो तरफ अलग ही चीख पुकार मचा था । उसके अपने दो बड़े भाई दूसरे कमरे में सोए थे , लेकिन वँहा तक पंहुचना संभव नही था । वह किसी प्रकार वँहा से निकलने में सफल हुआ , वैसे इस दौरान उसके गंभीर चोटे जरूर लगी । वैसे नौसाद के अनुसार यह आग शॉट सर्किट से लगी होगी , ऊपर चारो तरफ बैग बनाने के सामान बिखरे थे । वंही वँहा से बाहर निकलने का रास्ता काफी छोटा व तंग था ।

121 नौसाद ।


Conclusion:गौरतलब है की , नौशाद जब खुद होश में आया तो , अस्पताल में उसे जानकारी मिली की , उसके दोनों सगे भाई समेत उनके कितने करीबी की मौत आग से झुलसने व धुँए में दम घुटने से हो गयी है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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