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समस्तीपुर: कुपोषित नौनिहालों की योजना पर ताला, बीते कई महीनों से बंद है पोषण पुनर्वास केंद्र - जिला स्वास्थ्य समिति की लापरवाही

कुपोषित बच्चों को सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह प्रयास सिर्फ कागजों में चल रहे हैं. जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

समस्तीपुर
कुपोषित नैनिहालो के योजना पर ताला
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Published : Dec 20, 2020, 2:52 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 6:28 PM IST

समस्तीपुर:जिला स्वास्थ्य समिति की लापरवाही और उदासीनता के चलते सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र बंद है. कुपोषण के शिकार बच्चों का संबंधित सदर अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है. इससे जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के सपने पर पहरा लग गया है.

महीनों से बंद है पोषण पुनर्वास केंद्र
बड़े तामझाम और लाखों की लागत से शुरु होने वाली कुपोषित नैनिहालों की योजना कैसे विभागीय उदासीनता के वजह से धरताल पर दम तोड़ रही है, इसका उदाहरण सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में देखने को मिल रहा है. नवजात कुपोषित बच्चों के बेहतर इलाज और देखभाल को लेकर यहां पोषण पुनर्वास केंद्र खोले गए थे, लेकिन बीते तीन महीनों से भी ज्यादा वक्त से यह केंद्र पूरी तरह बंद है.

कुपोषित नैनिहालो के योजना पर लटका ताला

  • दरअसल इस केंद्र का संचालन कस्तूरबा महिला विकास कल्याण समिति के तहत चल रहा था.
  • समिति से अनुबंध समाप्त होने के बाद, राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसे सदर अस्पताल प्रशासन को इसके संचालन का आदेश दिया.
  • वहीं तीन महीना बीतने को है, लेकिन कोई इसकी खबर लेने वाला नहीं है.
  • बहरहाल कुछ समाजिक कार्यकर्ताओं ने कुपोषित नैनिहालो के बंद इस केंद्र पर सवाल उठना शुरू किया है.

वहीं बंद पड़े इस पुनर्वास केंद्र पर जब ईटीवी भारत ने सिविल सर्जन से सवाल पूछा तो, उन्होंने जगह का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल में हो रहे कामों के कारण समस्या सामने आई है. वैसे उन्होंने यह भरोसा जरूर दिया कि जल्द यह केंद्र खोला जाएगा.

गौरतलब है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों के बेहतर विकास व स्वास्थ्य सम्बंधी इलाज को लेकर यह केंद्र खोला गया था. यहां कुपोषण के शिकार बच्चों को उनकी मां के साथ रखने और उनके शारीरिक और मानसिक विकास के मद्देनजर तमाम जरूरी चीजें उपलब्ध है.

समस्तीपुर:जिला स्वास्थ्य समिति की लापरवाही और उदासीनता के चलते सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र बंद है. कुपोषण के शिकार बच्चों का संबंधित सदर अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है. इससे जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के सपने पर पहरा लग गया है.

महीनों से बंद है पोषण पुनर्वास केंद्र
बड़े तामझाम और लाखों की लागत से शुरु होने वाली कुपोषित नैनिहालों की योजना कैसे विभागीय उदासीनता के वजह से धरताल पर दम तोड़ रही है, इसका उदाहरण सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में देखने को मिल रहा है. नवजात कुपोषित बच्चों के बेहतर इलाज और देखभाल को लेकर यहां पोषण पुनर्वास केंद्र खोले गए थे, लेकिन बीते तीन महीनों से भी ज्यादा वक्त से यह केंद्र पूरी तरह बंद है.

कुपोषित नैनिहालो के योजना पर लटका ताला

  • दरअसल इस केंद्र का संचालन कस्तूरबा महिला विकास कल्याण समिति के तहत चल रहा था.
  • समिति से अनुबंध समाप्त होने के बाद, राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसे सदर अस्पताल प्रशासन को इसके संचालन का आदेश दिया.
  • वहीं तीन महीना बीतने को है, लेकिन कोई इसकी खबर लेने वाला नहीं है.
  • बहरहाल कुछ समाजिक कार्यकर्ताओं ने कुपोषित नैनिहालो के बंद इस केंद्र पर सवाल उठना शुरू किया है.

वहीं बंद पड़े इस पुनर्वास केंद्र पर जब ईटीवी भारत ने सिविल सर्जन से सवाल पूछा तो, उन्होंने जगह का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल में हो रहे कामों के कारण समस्या सामने आई है. वैसे उन्होंने यह भरोसा जरूर दिया कि जल्द यह केंद्र खोला जाएगा.

गौरतलब है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों के बेहतर विकास व स्वास्थ्य सम्बंधी इलाज को लेकर यह केंद्र खोला गया था. यहां कुपोषण के शिकार बच्चों को उनकी मां के साथ रखने और उनके शारीरिक और मानसिक विकास के मद्देनजर तमाम जरूरी चीजें उपलब्ध है.

Last Updated : Dec 21, 2020, 6:28 PM IST
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