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समस्तीपुर: कुम्हारों को बिजली चलित आधुनिक चाक की दी जा रही ट्रेंनिग - training of electric chak in samastipur

भारत सरकार का खादी ग्रामोद्योग आयोग जिले के कई पंचायतों में बकायदा इसकी ट्रेंनिग दे रहे. आयोग के सदस्यों के अनुसार कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत चयनित लोगों को बिजली स्वचालित चाक से जुड़ी ट्रेंनिग दी जा रही है.

कुम्हारों को बिजली चलित आधुनिक चाक की दी जा रही ट्रेंनिग
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Published : Sep 15, 2019, 5:07 PM IST

समस्तीपुर: बाजारवाद में गुम होते कुम्हारों के पुस्तैनी काम को अब आधुनिकता से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिले में खादी ग्रामोद्योग आयोग ने पारंपरिक चाक से इतर, बिजली से चलने वाले चाक से लेकर इस क्षेत्र में अन्य नई विधा के ट्रेंनिग के जरिये कुम्हारों को एक अलग ही कला से जोड़ने का प्रयास शुरू किया है.

बिजली चलित आधुनिक चाक की ट्रेनिंग
अधिक मेहनत और कम मुनाफा जैसी मूल समस्याओं के कारण जिले में चाक से मिट्टी को खूबसूरती से गढ़ने वाले कुम्हार अपने पुस्तैनी धंधे से दूर होते जा रहे हैं. लेकिन अब इस क्षेत्र में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई है. बदलते बाजारवाद में इस कला को अब नई उड़ान देने के साथ-साथ इस क्षेत्र को रोजगार का सशक्त जरिया भी बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में इन कुम्हारों के पारम्परिक चाक की जगह बिजली चलित आधुनिक चाक की ट्रेंनिग जिले में शुरू की गई है.

समस्तीपुर में बिजली चलित आधुनिक चाक पर रिर्पोट

जिले के कई पंचायतों में दी जा रही है ट्रेनिंग
खादी ग्रामोद्योग आयोग जिले की कई पंचायतों में बकायदा इसकी ट्रेनिंग दे रहा है. आयोग के सदस्यों के अनुसार कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत चयनित लोगों को बिजली स्वचालित चाक से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे वे बदलते वक्त में अपने इस पुस्तैनी काम को बाजार के अनुरूप गढ़ सकें. वहीं ट्रेंनिग ले रहे इन लोगों का भी मानना है कि ऐसी सरकारी सहायता के जरिये वे अपने इस पुस्तैनी काम में बहुत कुछ नया कर सकते हैं.

Electricity chak training samastipur
कुम्हार को ट्रेंनिग देते प्रशिक्षक

90 सरकारी अनुदान पर लोग ले सकते हैं चाक
बता दें कि जिले के मुक्तापुर पंचायत में इस कड़ी में 40 लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है. यही नहीं इच्छुक लोग 90 फीसदी सरकारी अनुदान पर यह बिजली से चलने वाले चाक को ले सकते हैं. जिससे वे कम वक्त और कम लागत में अधिक से अधिक मिट्टी से बर्तन या अन्य चीजें गढ़ सकते हैं.

समस्तीपुर: बाजारवाद में गुम होते कुम्हारों के पुस्तैनी काम को अब आधुनिकता से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिले में खादी ग्रामोद्योग आयोग ने पारंपरिक चाक से इतर, बिजली से चलने वाले चाक से लेकर इस क्षेत्र में अन्य नई विधा के ट्रेंनिग के जरिये कुम्हारों को एक अलग ही कला से जोड़ने का प्रयास शुरू किया है.

बिजली चलित आधुनिक चाक की ट्रेनिंग
अधिक मेहनत और कम मुनाफा जैसी मूल समस्याओं के कारण जिले में चाक से मिट्टी को खूबसूरती से गढ़ने वाले कुम्हार अपने पुस्तैनी धंधे से दूर होते जा रहे हैं. लेकिन अब इस क्षेत्र में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई है. बदलते बाजारवाद में इस कला को अब नई उड़ान देने के साथ-साथ इस क्षेत्र को रोजगार का सशक्त जरिया भी बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में इन कुम्हारों के पारम्परिक चाक की जगह बिजली चलित आधुनिक चाक की ट्रेंनिग जिले में शुरू की गई है.

समस्तीपुर में बिजली चलित आधुनिक चाक पर रिर्पोट

जिले के कई पंचायतों में दी जा रही है ट्रेनिंग
खादी ग्रामोद्योग आयोग जिले की कई पंचायतों में बकायदा इसकी ट्रेनिंग दे रहा है. आयोग के सदस्यों के अनुसार कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत चयनित लोगों को बिजली स्वचालित चाक से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे वे बदलते वक्त में अपने इस पुस्तैनी काम को बाजार के अनुरूप गढ़ सकें. वहीं ट्रेंनिग ले रहे इन लोगों का भी मानना है कि ऐसी सरकारी सहायता के जरिये वे अपने इस पुस्तैनी काम में बहुत कुछ नया कर सकते हैं.

Electricity chak training samastipur
कुम्हार को ट्रेंनिग देते प्रशिक्षक

90 सरकारी अनुदान पर लोग ले सकते हैं चाक
बता दें कि जिले के मुक्तापुर पंचायत में इस कड़ी में 40 लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है. यही नहीं इच्छुक लोग 90 फीसदी सरकारी अनुदान पर यह बिजली से चलने वाले चाक को ले सकते हैं. जिससे वे कम वक्त और कम लागत में अधिक से अधिक मिट्टी से बर्तन या अन्य चीजें गढ़ सकते हैं.

Intro:बाजारबाद में गुम होते कुम्हारों के पुस्तैनी काम को अब आधुनिकता से जोड़ने का हो रहा अहम प्रयास । जिले में खादी ग्रामोद्योग आयोग ने पारंपरिक चाक से इतर , बिजली से चलने वाले चाक से लेकर इस क्षेत्र में अन्य नई विधा के ट्रेंनिग के जरिये , कुम्हारों को एक अलग ही कला से जोड़ने का प्रयास शुरू किया है ।


Body:मेहनत अधिक व मुनाफा कम , कुछ इन्ही मूल समस्याओं के कारण , जिले में चाक से मिट्टी को खूबसूरती से गढ़ने वाले कुम्हार , अपने पुस्तैनी धंधे से धीरे धीरे दूर होते जा रहे है । लेकिन अब इस क्षेत्र में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई है । बदलते बाजारबाद में इस कला को अब नई उड़ान देने के साथ साथ , इस क्षेत्र को रोजगार का सशक्त जरिया भी बनाया जा रहा । इसी कड़ी में इन कुंभकारों के पारम्पारिक चाक के जगह बिजली चलित आधुनिक चाक की ट्रेंनिग जिले में शुरू की गई है । भारत सरकार के खादी ग्रामोद्योग आयोग ने , जिले के कई पंचायतों में वकायदा इन्हें इसका ट्रेंनिग दे रहे । आयोग के सदस्यों के अनुसार , कुंभकारी सशक्तिकरण योजना के तहत चयनिय इन लोगों को इसका बिजली स्वचालित चाक से जुड़ी ट्रेंनिग दी जा रहा । जिससे वे बदलते वक्त में अपने इस पुस्तैनी काम को बाजार के अनुरूप गढ़ सके । वंही ट्रेंनिग ले रहे इन लोगों का भी मानना है की , यैसे सरकारी सहायता के जरिये , वे अपने इस पुस्तैनी काम मे बहुत कुछ नया कर सकते है ।

बाईट - विकास कुमार , ट्रेनर , खादी ग्रामोद्योग आयोग ।
बाईट - शत्रुधन पंडित , लाभार्थी ।
बाईट - राकेश कुमार , लाभार्थी ।



Conclusion:गौरतलब है की , जिले के मुक्तापुर पंचायत में इस कड़ी में चालीस लोगों को ट्रेंनिग दिया जा रहा । यही नही इच्छुक लोग 90 फीसदी सरकारी अनुदान पर यह बिजली से चलने वाले चाक ले सकते है । जिससे व कम वक्त व कम लागत में अधिक से अधिक मिट्टी से वर्तन या अन्य चीजें गढ़ सकते है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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