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समस्तीपुर: बाढ़ के खतरे को देखते हुए निजी नाव तलाशने में जुटा प्रशासन - समस्तीपुर में बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट

समस्तीपुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रशासन अलर्ट हो गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए नाव की तलाश में जुट गया है. वहीं नाव का सही तरीके से देखरेख न हो पाने से कुछ महीनों बाद नाव परिचालन के लायक नहीं बचती, जिस वजह से नाव मिलने में परेशानी होती है.

district administration alert about flooding
बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन अलर्ट
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Published : Jun 20, 2020, 10:57 PM IST

समस्तीपुर: जिले में मानसून और संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे को देखते हुए नाव तलाशने में जुट गया है. आपदा प्रबंधन के निर्देशों के बाद निजी नाव संचालकों के साथ तीन महीने के एकरारनामे की तैयारियां शुरू की गई है.

प्रशासन हुआ अलर्ट
जिले के बाढ़ प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ आने से पहले तैयारियां की जा रही है. जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव का प्रबंध कराने में जुटा हुआ है. खास बात यह है कि इस वर्ष सरकारी नाव से ज्यादा निजी नाव संचालक के साथ तीन महीने का एकरारनामा करने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन ने कहा है कि निजी नाव को 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए निर्धारित भाड़ा पर लिया जाएगा. नाव की देखरेख और सुरक्षा मानकों की पूरी जिम्मेदारी नाव मालिक को दी जाएगी.

निजी नाव के साथ एकरारनामा
गौरतलब है कि बाढ़ प्रभावित विभिन्न हिस्सों के लिए समय-समय पर सरकारी नावों की खरीद होता है. लेकिन मेंटनेंस के आभाव में नाव कुछ ही महीनों बाद परिचालन लायक नहीं रहती. राज्य सरकार के आपदा प्रबंंधन विभाग के निर्देशों के बाद इस वर्ष निजी नाव के साथ ही एकरारनामा किया जाएगा.

समस्तीपुर: जिले में मानसून और संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे को देखते हुए नाव तलाशने में जुट गया है. आपदा प्रबंधन के निर्देशों के बाद निजी नाव संचालकों के साथ तीन महीने के एकरारनामे की तैयारियां शुरू की गई है.

प्रशासन हुआ अलर्ट
जिले के बाढ़ प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ आने से पहले तैयारियां की जा रही है. जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव का प्रबंध कराने में जुटा हुआ है. खास बात यह है कि इस वर्ष सरकारी नाव से ज्यादा निजी नाव संचालक के साथ तीन महीने का एकरारनामा करने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन ने कहा है कि निजी नाव को 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए निर्धारित भाड़ा पर लिया जाएगा. नाव की देखरेख और सुरक्षा मानकों की पूरी जिम्मेदारी नाव मालिक को दी जाएगी.

निजी नाव के साथ एकरारनामा
गौरतलब है कि बाढ़ प्रभावित विभिन्न हिस्सों के लिए समय-समय पर सरकारी नावों की खरीद होता है. लेकिन मेंटनेंस के आभाव में नाव कुछ ही महीनों बाद परिचालन लायक नहीं रहती. राज्य सरकार के आपदा प्रबंंधन विभाग के निर्देशों के बाद इस वर्ष निजी नाव के साथ ही एकरारनामा किया जाएगा.

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