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समस्तीपुर: लॉकडाउन में ढिलाई के बावजूद मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, परिवार पालने की मुसीबत

वैसे तो लॉकडाउन टू में ग्रीन जोन में शामिल इस जिले में 20 अप्रैल से कई छूट दिए गए, लेकिन अभी भी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा.

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Published : Apr 25, 2020, 7:24 PM IST

समस्तीपुर: कोरोना संकट के बीच जारी लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों को राहत और रोजगार देने के लिए भले ही कई तरह के छूट दिए गए हों, लेकिन इन सब के बावजूद मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा. जिला मुख्यालय समस्तीपुर के सबसे बड़े मंडी से खाली हाथ लौट रहे मजदूरों को एक ही चिंता सता रही है कि, आखिरकार घर में चूल्हा कैसे जलेगा.

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मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

सामान्य दिनों में जिले के सोनबरसा चौक पर दिहाड़ी मजदूरों की सबसे अधिक भीड़ होती है. आम दिनों में यहां निर्धारित समय के बाद ढूंढने पर एक भी मजदूर नहीं मिलते, लेकिन कोरोना संकट में मजदूरों के रोजगार से जुड़े इस खास चौक का हाल भी बेहाल है. वैसे तो लॉकडाउन टू में ग्रीन जोन में शमिल इस जिले में 20 अप्रैल से कई छूट दिए गए, लेकिन अभी भी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा.

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काम के इंतजार में मजदूर

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
इक्के दुक्के जगहों पर कुछ सरकारी काम जरूर होने लगे हैं, लेकिन अभी भी बड़े स्तर के निर्माण व अन्य तरह के काम प्रभावित ही हैं. बहरहाल मजदूर यहां काम की तलाश में आ तो रहे हैं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद खाली हाथ मायूस घर लौट रहे हैं. गौरतलब है कि रोज कमाकर खाने वाले ये मजदूर एक महीने से ज्यादा समय से बेरोजगार हैं. अब देखने वाली बात ये है कि लॉकडाउन में ढिलाई के कितने दिनों बाद से ये मजदूर सामान्य जीवन जी पाते हैं.

समस्तीपुर: कोरोना संकट के बीच जारी लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों को राहत और रोजगार देने के लिए भले ही कई तरह के छूट दिए गए हों, लेकिन इन सब के बावजूद मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा. जिला मुख्यालय समस्तीपुर के सबसे बड़े मंडी से खाली हाथ लौट रहे मजदूरों को एक ही चिंता सता रही है कि, आखिरकार घर में चूल्हा कैसे जलेगा.

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मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

सामान्य दिनों में जिले के सोनबरसा चौक पर दिहाड़ी मजदूरों की सबसे अधिक भीड़ होती है. आम दिनों में यहां निर्धारित समय के बाद ढूंढने पर एक भी मजदूर नहीं मिलते, लेकिन कोरोना संकट में मजदूरों के रोजगार से जुड़े इस खास चौक का हाल भी बेहाल है. वैसे तो लॉकडाउन टू में ग्रीन जोन में शमिल इस जिले में 20 अप्रैल से कई छूट दिए गए, लेकिन अभी भी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा.

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काम के इंतजार में मजदूर

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
इक्के दुक्के जगहों पर कुछ सरकारी काम जरूर होने लगे हैं, लेकिन अभी भी बड़े स्तर के निर्माण व अन्य तरह के काम प्रभावित ही हैं. बहरहाल मजदूर यहां काम की तलाश में आ तो रहे हैं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद खाली हाथ मायूस घर लौट रहे हैं. गौरतलब है कि रोज कमाकर खाने वाले ये मजदूर एक महीने से ज्यादा समय से बेरोजगार हैं. अब देखने वाली बात ये है कि लॉकडाउन में ढिलाई के कितने दिनों बाद से ये मजदूर सामान्य जीवन जी पाते हैं.

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