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समस्तीपुर: सरकारी अस्पताल का हाल-बेहाल, टीकाकरण के मामले में 38वें स्थान पर समस्तीपुर

डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो ,टीवी, खसरा और हेपेटाइटिस बी जैसे गंभीर बीमारियां टीकाकरण में लापरवाही बरतने से ही होती है. इनसे बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण होता है.

टीका लगवाते बच्चे
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Published : Jun 26, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 2:30 PM IST

समस्तीपुर: बिहार में इन दिनों इंसेफेलाइटिस बीमारी से बच्चों की लागातार मौत हो रही है. आकंड़ा 186 पहुंच गया है. ज्यादातर डॉक्टर इसकी वजह कुपोषण बता रहे हैं. बच्चों को इस प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए सरकार टीकाकरण कराती है. लेकिन, समस्तीपुर टीकाकरण के मामले में सबसे निचले पायदान पर है.

samsatipur
सदर अस्पताल

राज्यभर में 38वें स्थान पर
दरअसल, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो ,टीवी, खसरा और हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारियां टीकाकरण में लापरवाही बरतने से ही होती है. इनसे बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण होता है. टीकाकरण के मामले में बिहार में समस्तीपुर 38वें स्थान पर है.

टीकाकरण के मामले में 38वें स्थान पर समस्तीपुर

बहाना बनाते दिखे सिविल सर्जन
इस मामले पर जब जिले के सिविल सर्जन से सवाल किया गया तो उन्होंने कभी हड़ताल तो कभी चुनाव का रोना रोते हुए जल्द काम पूरा करने का दावा किया. मालूम हो कि लगातार कई मौसमी बीमारी और गंभीर बीमारियों के कारण बच्चे दम तोड़ रहे हैं. लेकिन, स्वास्थ्य महकमे का रवैया सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. गरीब माता-पिता अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं.

समस्तीपुर: बिहार में इन दिनों इंसेफेलाइटिस बीमारी से बच्चों की लागातार मौत हो रही है. आकंड़ा 186 पहुंच गया है. ज्यादातर डॉक्टर इसकी वजह कुपोषण बता रहे हैं. बच्चों को इस प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए सरकार टीकाकरण कराती है. लेकिन, समस्तीपुर टीकाकरण के मामले में सबसे निचले पायदान पर है.

samsatipur
सदर अस्पताल

राज्यभर में 38वें स्थान पर
दरअसल, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो ,टीवी, खसरा और हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारियां टीकाकरण में लापरवाही बरतने से ही होती है. इनसे बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण होता है. टीकाकरण के मामले में बिहार में समस्तीपुर 38वें स्थान पर है.

टीकाकरण के मामले में 38वें स्थान पर समस्तीपुर

बहाना बनाते दिखे सिविल सर्जन
इस मामले पर जब जिले के सिविल सर्जन से सवाल किया गया तो उन्होंने कभी हड़ताल तो कभी चुनाव का रोना रोते हुए जल्द काम पूरा करने का दावा किया. मालूम हो कि लगातार कई मौसमी बीमारी और गंभीर बीमारियों के कारण बच्चे दम तोड़ रहे हैं. लेकिन, स्वास्थ्य महकमे का रवैया सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. गरीब माता-पिता अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं.

Intro:टिटनेस, खसरा ,हैपेटाइटिस जैसे साथ गंभीर बीमारियों से मासूमों की जान बचाने को लेकर दिए जाने वाले टीकाकरण को लेकर देखिए जिले का हाल। केंद्र व राज्य सरकार कई बड़े योजना अब बड़े दावों के बीच टीकाकरण के मामले में यह जिला 38 वें स्थान पर है। यानी कि सूबे में सबसे आखिरी पायदान पर। सवाल आखिर मासूमों को लेकर क्यों उदासीन है स्वास्थ्य महकमा। वही सवाल यह भी क्या आगे हालात सुधरेंगे।


Body:जिले में इंसेफेलाइटिस जैसे गंभीर बीमारी से लगातार हमारे मासूम की मौत हो रही। वैसे इस मामले के बाद सरकारी मकानों के दावे किसी से छुपे नहीं। इन्हीं हालातों के बीच बच्चों के टीकाकरण को लेकर एक बड़े आंकड़े से यह उजागर हुआ है की, समस्तीपुर जिला इस टीकाकरण के मामले पर38वें स्थान पर है, यानी की सबसे नीचे। दरअसल डिप्थीरिया ,काली खांसी, टिटनेस, पोलियो ,टीवी ,खसरा एवं हेपेटाइटिस बी जैसे गंभीर बीमारियों से सुरक्षा को लेकर बच्चों को टीकाकरण करना था। 30 अप्रैल फिर 31 मई डेडलाइन तय किये गए, लेकिन जिले के विभिन्न प्रखंडों में यह टीकाकरण का फायदा मासूमों को नहीं मिला। एक आंकड़े के अनुसार तो जिले के 20 प्रखंड में कई प्रखंडों में तो यह आंकड़ा आधे के करीब भी नहीं पहुंचा है। वैसे इस मामले पर जब जिले के सिविल सर्जन से बात किया गया तो, उन्होंने कभी हड़ताल तो कभी चुनाव का रोना रोते हुए जल्दी से पूरा करने का दावा किया।


बाईट- सियाराम मिश्रा ,सिविल सर्जन, समस्तीपुर।


वीओ- विभागीय दावे बताने को काफी है की, इन्हें मासूमों की मौत से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला। लगातार कई मौसमी बीमारी से लेकर कई गंभीर बीमारी के कारण बच्चे दम तोड़ रहे, लेकिन स्वास्थ्य मां का मां अपने कछुए के रफ्तार में आगे बढ़ रहा। वही गरीब माता-पिता अपने बच्चे को टीकाकरण को लेकर सिर्फ व सिर्फ सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे।

बाईट- लाभार्थी।


Conclusion:गौरतलब है की जिले में हर साल सैकड़ों बच्चे कई गंभीर बीमारियों के कारण दम तोड़ रहे हैं। सवाल आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है। क्या लचर बहुत सुस्त इस व्यवस्था को इन मासूमों का हत्यारा नहीं माना जाए।


अमित कुमार की रिपोर्ट।
Last Updated : Jun 28, 2019, 2:30 PM IST
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