ETV Bharat / state

बिहार के लाल अमन के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

author img

By

Published : Jun 19, 2020, 12:48 PM IST

गलवान घाटी में शहीद जिले के लाल अमन कुमार सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच चुका है. उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे हैं.

शहीद अमन का पार्थिव शरीर पहुंचा समस्तीपुर
शहीद अमन का पार्थिव शरीर पहुंचा समस्तीपुर

समस्तीपुर: इंडो-चाइना बॉर्डर पर शहीद जिले के अमन कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा है. मोदीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में भारी संख्या में लोगों का हुजूम शहीद को अंतिम विदाई देने उमड़ा है. इस दौरान 'भारत माता की जय' और 'अमन सिंह अमर रहें' के नारों से पूरा गांव गूंज उठा.

भारी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लिए शहीद अमन कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं. लोगों की आंखे नम हैं लेकिन, साथ ही साथ देश के लिए अमन कुमार की शहादत वे गर्व भी महसूस कर रहे हैं. उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

samastipur
अमन कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा

एक साल पहले हुई थी शादी
बता दें कि शहीद जवान अमन कुमार की शादी एक साल पहले 15 मार्च 2019 को बाढ़ प्रखंड के राणाबीघा गांव की मीनू कुमारी के साथ हुई थी. जवान की शहादत की खबर मिलते ही पूरे राणाबीघा गांव में मातम का माहौल है.

अमन के पिता को बेटे की शहादत पर गर्व
अमन के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा इसी फरवरी में घर आया था. फिर वो जुलाई में घर आने वाला था. वो उनसे कहकर गया था कि जुलाई में आयेगा तो उन्हें साथ ले जायेगा और मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज करायेगा. लेकिन अब अमन कभी नहीं आयेगा. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये वो हमेशा के लिये दूर चला गया है. शहीद अमन के पिता ने भावुक होकर कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. उसने देश की रक्षा करते हुये अपनी जान दी है. वो हमेशा हम सभी के दिलों और यादों में रहेगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग
वीर सपूत अमन कुमार सिंह समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर के रहने वाले थे. वो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. एक तरफ जहां लोगों को अमन की शहादत पर गर्व है तो वहीं चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी है. सभी भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि चीन के इस धोखे का जवाब भारत सरकार दे और अमन की शहादत का बदला ले.

samastipur
अमन के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब,

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ यह हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. यह वही गलवन वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है.

समस्तीपुर: इंडो-चाइना बॉर्डर पर शहीद जिले के अमन कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा है. मोदीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में भारी संख्या में लोगों का हुजूम शहीद को अंतिम विदाई देने उमड़ा है. इस दौरान 'भारत माता की जय' और 'अमन सिंह अमर रहें' के नारों से पूरा गांव गूंज उठा.

भारी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लिए शहीद अमन कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं. लोगों की आंखे नम हैं लेकिन, साथ ही साथ देश के लिए अमन कुमार की शहादत वे गर्व भी महसूस कर रहे हैं. उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

samastipur
अमन कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा

एक साल पहले हुई थी शादी
बता दें कि शहीद जवान अमन कुमार की शादी एक साल पहले 15 मार्च 2019 को बाढ़ प्रखंड के राणाबीघा गांव की मीनू कुमारी के साथ हुई थी. जवान की शहादत की खबर मिलते ही पूरे राणाबीघा गांव में मातम का माहौल है.

अमन के पिता को बेटे की शहादत पर गर्व
अमन के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा इसी फरवरी में घर आया था. फिर वो जुलाई में घर आने वाला था. वो उनसे कहकर गया था कि जुलाई में आयेगा तो उन्हें साथ ले जायेगा और मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज करायेगा. लेकिन अब अमन कभी नहीं आयेगा. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये वो हमेशा के लिये दूर चला गया है. शहीद अमन के पिता ने भावुक होकर कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. उसने देश की रक्षा करते हुये अपनी जान दी है. वो हमेशा हम सभी के दिलों और यादों में रहेगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग
वीर सपूत अमन कुमार सिंह समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर के रहने वाले थे. वो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. एक तरफ जहां लोगों को अमन की शहादत पर गर्व है तो वहीं चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी है. सभी भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि चीन के इस धोखे का जवाब भारत सरकार दे और अमन की शहादत का बदला ले.

samastipur
अमन के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब,

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ यह हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. यह वही गलवन वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.