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20 साल बाद मिला इंसाफ, समस्तीपुर में CPM नेता हत्याकांड के 3 आरोपियों को उम्र कैद

कोर्ट ने सीपीएम नेता रामनाथ महतो के हत्यारों को उम्र कैद की सजा (Accused sentenced to life imprisonment) सुनाई है. 31 जनवरी 2002 को अनशन के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पढ़ें पूरी खबर...

समस्तीपुर में सीपीएम नेता हत्याकांड
समस्तीपुर में सीपीएम नेता हत्याकांड
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Published : May 26, 2022, 1:12 PM IST

Updated : May 26, 2022, 1:26 PM IST

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में सीपीएम नेता हत्याकांड (Samastipur CPM leader murder case) में फैसला आ गया है. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम राजीव रंजन सहाय की अदालत ने दो दशक पूर्व माकपा नेता के हत्यारे को उम्र कैद की सजा सुनाई है. मामला 20 साल पहले विभूतिपुर थाना क्षेत्र का है. जब सभा के दौरान माकपा नेता को सरेआम गोली मार हत्या कर दी गयी.

ये भी पढ़ें: सीपीएम और भाकपा माले ने कांग्रेस की बजाय RJD को दिया समर्थन, CPI ने नहीं खोले पत्ते

तीन दोषी को आजीवन कारावास: दरअसल, 31 जनवरी 2002 को जब विधि व्यवस्था को लेकर आंदोलन और अनशन हो रहा था, इसी दौरान सभा को संबोधित कर रहे सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य और बिहार राज्य खेतिहर मजदूर यूनियन के महामंत्री रामनाथ महतो को मंच से खींचकर तीन लोगों हत्या कर दी. इस चर्चित हत्याकांड में 3 मुख्य आरोपी और अन्य 14 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. वहीं बीस वर्षों के बाद इस मामले में मुख्य तीन आरोपी अजय सिंह, उदय झा और डब्लू रजक को कोर्ट ने दोषी करार दिया और इन तीनों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.

20 साल पुराना मामला: सीपीएम के नेताओं ने बताया कि इन हत्यारों के अत्याचार के खिलाफ ही उस वक्त वहां आंदोलन चल रहा था. आंदोलनकारी कई दिनों से अनशन पर बैठे थे. उसी दौरान सभा को संबोधित करने पंहुचे सीपीएम नेता को मंच से खींचकर गोली मारी गयी. जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी थी. 20 वर्षों के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद अब जाकर इंसाफ मिला है.

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समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में सीपीएम नेता हत्याकांड (Samastipur CPM leader murder case) में फैसला आ गया है. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम राजीव रंजन सहाय की अदालत ने दो दशक पूर्व माकपा नेता के हत्यारे को उम्र कैद की सजा सुनाई है. मामला 20 साल पहले विभूतिपुर थाना क्षेत्र का है. जब सभा के दौरान माकपा नेता को सरेआम गोली मार हत्या कर दी गयी.

ये भी पढ़ें: सीपीएम और भाकपा माले ने कांग्रेस की बजाय RJD को दिया समर्थन, CPI ने नहीं खोले पत्ते

तीन दोषी को आजीवन कारावास: दरअसल, 31 जनवरी 2002 को जब विधि व्यवस्था को लेकर आंदोलन और अनशन हो रहा था, इसी दौरान सभा को संबोधित कर रहे सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य और बिहार राज्य खेतिहर मजदूर यूनियन के महामंत्री रामनाथ महतो को मंच से खींचकर तीन लोगों हत्या कर दी. इस चर्चित हत्याकांड में 3 मुख्य आरोपी और अन्य 14 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. वहीं बीस वर्षों के बाद इस मामले में मुख्य तीन आरोपी अजय सिंह, उदय झा और डब्लू रजक को कोर्ट ने दोषी करार दिया और इन तीनों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.

20 साल पुराना मामला: सीपीएम के नेताओं ने बताया कि इन हत्यारों के अत्याचार के खिलाफ ही उस वक्त वहां आंदोलन चल रहा था. आंदोलनकारी कई दिनों से अनशन पर बैठे थे. उसी दौरान सभा को संबोधित करने पंहुचे सीपीएम नेता को मंच से खींचकर गोली मारी गयी. जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी थी. 20 वर्षों के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद अब जाकर इंसाफ मिला है.

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Last Updated : May 26, 2022, 1:26 PM IST
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