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समस्तीपुर: 100 चयनित गांवों में दुधारू पशुओं का बनेगा आधार कार्ड - दुधारू पशुओं का बनेगा आधार कार्ड

आधार कार्ड के जरिये पशुओं का सारा डाटा सरकार और विभाग के पास मौजूद रहेगा. जिससे विभाग के पास पशुओं से संबंधित हर छोटी-बड़ी बीमारियों के साथ गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

दुधारू पशुओं का बनेगा आधार कार्ड
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Published : Sep 14, 2019, 1:59 PM IST

समस्तीपुर: अभी तक आपने लोगों और छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनते हुए देखे होंगे. लेकिन जिले में अब जल्द ही पशुओं का आधार कार्ड बनेगा. इसको लेकर पशुपालन विभाग ने पहल शुरू कर दी है. जल्द ही जिले में पशुओं की गणना के बाद इस पर कार्य तेज कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत गाय-भैंस के कान के पीछे धातु का छोटा सा टैग लगाया जाएगा. जिससे पशु की पहचान हो सकेगी.

'पशुओं की जानकारी रहेगी सुरक्षित'
इस बाबत जिला पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.चंद्रभूषण मिश्र का कहना है कि जिले के 100 चयनित गांव में जल्द ही दुधारू पशुओं का आधार कार्ड बनना शुरू हो जायेगा. आधार कार्ड के जरिये पशुओं का सारा डाटा सरकार और विभाग के पास मौजूद रहेगा. जिससे विभाग के पास पशुओं से संबंधित हर छोटी-बड़ी बीमारियों के साथ गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

जिला पशुपालन कार्यालय
जिला पशुपालन कार्यालय

किसानों की आय दोगुनी करना है मकसद
बताया जाता है कि इस योजना के तहत सरकार का मकसद किसानों की आय दोगुनी करना है. मामले पर पशुपालन विभाग का कहना है कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी तभी संभव है जब दूध का उत्पादन बढ़ेगा और यह तभी संभव होगा जब किसानों के पास उत्तम नस्ल के दुधारू पशु होंगे. योजना से बेहतर नस्ल को आगे बढ़ाया जा सकेगा, साथ ही पशुधन पर नजर रखी जा सकेगी.

जल्द बनेगा पशुओं का आधार कार्ड
जल्द बनेगा पशुओं का आधार कार्ड

ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा
इस योजना के लिए लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पशुओं को ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा. जिससे पशुपालकों को पशुधन की खरीद-बिक्री में कोई समस्या नही होगी.

पेश है एक रिपोर्ट

'भ्रष्टाचार पर लगेगा लगाम'
वहीं, इस मामले पर संबंधीत क्षेत्र के विशेषज्ञ जयशंकर सिंह का कहना है कि इस योजना के लागू हो जाने से किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर फायदा होगा. पशुओं का आधार कार्ड बनने से विभाग के पास सभी डाटा मौजूद रहेगा. जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा. इस योजना के तहत विभाग के किसान से सभी जानकारियां जुटाएगी, जैसे पशु ने पहला बच्चा कब दिया, उसका हेल्थ रिकार्ड कैसा है, कितना दूध देती है, पशु किस कलर की है. सभी जानकारियां पशु मालिक से जानकारी लेकर गाय के कान में एक टैग लगाया जाएगा. इसके बाद पशु कहीं भी जाएगी, तो उसी टैग के आधार पर पशु और उसके मालिक की पहचान की जाएगी. जिससे पशु तस्करी पर लगाम लग जाएगी.

समस्तीपुर: अभी तक आपने लोगों और छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनते हुए देखे होंगे. लेकिन जिले में अब जल्द ही पशुओं का आधार कार्ड बनेगा. इसको लेकर पशुपालन विभाग ने पहल शुरू कर दी है. जल्द ही जिले में पशुओं की गणना के बाद इस पर कार्य तेज कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत गाय-भैंस के कान के पीछे धातु का छोटा सा टैग लगाया जाएगा. जिससे पशु की पहचान हो सकेगी.

'पशुओं की जानकारी रहेगी सुरक्षित'
इस बाबत जिला पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.चंद्रभूषण मिश्र का कहना है कि जिले के 100 चयनित गांव में जल्द ही दुधारू पशुओं का आधार कार्ड बनना शुरू हो जायेगा. आधार कार्ड के जरिये पशुओं का सारा डाटा सरकार और विभाग के पास मौजूद रहेगा. जिससे विभाग के पास पशुओं से संबंधित हर छोटी-बड़ी बीमारियों के साथ गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

जिला पशुपालन कार्यालय
जिला पशुपालन कार्यालय

किसानों की आय दोगुनी करना है मकसद
बताया जाता है कि इस योजना के तहत सरकार का मकसद किसानों की आय दोगुनी करना है. मामले पर पशुपालन विभाग का कहना है कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी तभी संभव है जब दूध का उत्पादन बढ़ेगा और यह तभी संभव होगा जब किसानों के पास उत्तम नस्ल के दुधारू पशु होंगे. योजना से बेहतर नस्ल को आगे बढ़ाया जा सकेगा, साथ ही पशुधन पर नजर रखी जा सकेगी.

जल्द बनेगा पशुओं का आधार कार्ड
जल्द बनेगा पशुओं का आधार कार्ड

ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा
इस योजना के लिए लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पशुओं को ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा. जिससे पशुपालकों को पशुधन की खरीद-बिक्री में कोई समस्या नही होगी.

पेश है एक रिपोर्ट

'भ्रष्टाचार पर लगेगा लगाम'
वहीं, इस मामले पर संबंधीत क्षेत्र के विशेषज्ञ जयशंकर सिंह का कहना है कि इस योजना के लागू हो जाने से किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर फायदा होगा. पशुओं का आधार कार्ड बनने से विभाग के पास सभी डाटा मौजूद रहेगा. जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा. इस योजना के तहत विभाग के किसान से सभी जानकारियां जुटाएगी, जैसे पशु ने पहला बच्चा कब दिया, उसका हेल्थ रिकार्ड कैसा है, कितना दूध देती है, पशु किस कलर की है. सभी जानकारियां पशु मालिक से जानकारी लेकर गाय के कान में एक टैग लगाया जाएगा. इसके बाद पशु कहीं भी जाएगी, तो उसी टैग के आधार पर पशु और उसके मालिक की पहचान की जाएगी. जिससे पशु तस्करी पर लगाम लग जाएगी.

Intro:जिले के दुधारू पशुओं का जल्द बनेगा आधार कार्ड , पशुपालन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है । खासबात यह है की , पशुओं के इस यूनिक आईडी के जरिये जंहा कृतिम गर्भाधान समेत अन्य इससे जुड़े कई योजनाओं का फायदा मिलेगा । वंही अब दुधारू के इस आधार कार्ड के जरिये जुबानबालो के भ्र्ष्टाचार पर निगहबानी भी संभव है ।


Body:जिले के 100 चयनित गांव में जल्द दुधारू पशुओं का आधार कार्ड बनना शुरू हो जायेगा। इन बेजुबानों के कान में इनका यह यूनिक आईडी झुमके के तरह इनके कान पर लटका होगा । इस आधार कार्ड के जरिये जंहा इन बेजुबानों के स्वास्थ्य , छोटी बड़ी बीमारियों के साथ साथ गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी महजूद होगा । पशुपालन विभाग के वरीय रीजनल अधिकारी के अनुसार , जिले में इसको लेकर काम शुरू हो गया है । केंद्र सरकार के इस योजना के अन्यर्गत , जिले के पशुपालकों का इसका बेहतर फायदा मिलेगा । बेहतर देखरेख व अच्छे नस्ल के सीमेन से गर्भाधान होने से इनके दूध में तीन से पांच फीसदी की बढ़ोतरी संभव है । वंही जानकर का मानना है की , दुधारू के बनने वाले इस आधार कार्ड के जरिये भ्र्ष्टाचार पर भी लगाम संभव है । दरअसल आज इसके जरिये ब्लैकमनी को वाइटमनी करने का खेल चल रहा । आज बड़े पैमाने पर लोग पशुपालन के झूठे आंकड़ो के जरिये अपने ब्लैकमनी को इस व्यवसाय से जोड़ सरकार को चपत लगा रहे । अब पशुओं से जुड़े सभी डाटा पारदर्शी होंगे ।

बाईट - डॉ चंद्रभूषण मिश्र , क्षेत्रीय निदेशक , पशुपालन विभाग ।
बाईट - जयशंकर सिंह , विशेषज्ञ ।


Conclusion:गौरतलब है की , पहले चरण में जिले के 100 गांव में सौ-सौ दुधारू पशुओं का इस यूनिक आईडी को लेकर चयन होगा । वैसे पशुपालकों को पशुओं के इस आधार कार्ड बनने के बाद भी , इसके खरीद विक्री में कोई समस्या नही होगा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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