सहरसा: जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में मुस्लिम समाज ने सामूहिक निकाह समारोह का आयोजन कर 60 जोड़ो का एक साथ निकाह करवाया. ये पहला ऐसा मौक है जब सामूहिक शादी का आयोजन किया गया. शादी में बढ़ रहे बेतहाशा खर्च से बचने के लिए ऐसा किया गया.
विभिन्न स्थानों से आये नव जोड़ों को एक टेंट के नीचे बारी-बारी से ग्रुप बनाकर गवाहों के समक्ष निकाह कबूल करवाया गया. नव जोड़ों की ओर से आये बारातियों के खाने पीने के इंतजाम के बीच जोड़ों को विदा किया गया. आइएसएसए फाउंडेशन जामिया फैजानुल के तत्वाधान में आयोजित होने वाले इस समारोह में फाउंडेशन के चैयरमैन गुजरात से शिरकत करने आये. मौलाना हादिब अहमद ने बताया कि मेरे फाउंडेशन के तहत बिहार में पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस प्रकार का आयोजन इससे बड़े पैमाने पर करने की सोंच रहे हैं.
कई सामान दिये गये
अगली बार से सभी जाति, धर्म के जोड़ों का वैवाहिक कार्यक्रम कराया जायेगा. वहीं मौलाना महबूब आलम कासिमी ने बताया कि आज पांच दर्जन जोड़ों को निकाह के साथ नव दंपति को पलंग, कुर्सी, गद्दा, ट्रंक, आलमीरा, किचन सेट, बाथरूम सेट, ट्रॉली बैग सहित कई प्रकार के घरेलू उपयोग की वस्तुएं दी गई.
आयोजन की चर्चा पूरे इलाके में है
फिलवक्त इस आयोजन की चर्चा पूरे इलाके में है. सभी जोड़ों का निकाह करवाकर नई और सुखद दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के आशीर्वाद के साथ परिजनों को सौप दिया गया. दरअसल सवा करोड़ की आबादी वाले भारत मे आज भी दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां जड़ जमाई हुई हैं. ऐसे में इस कुरीतियों से बचने के लिए इस तरह का आयोजन निश्चित रूप से सराहनीय कदम माना जायेगा.