सहरसा: करीब 20 साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सांसद आनंद मोहन एक साथ एक मंच पर दिखे. मौका था पंचगछिया में स्व. राम बहादुर सिंह और उनके पुत्र स्वतंत्रता सेनानी पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण का. इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ की. साथ ही इस बात के भी संकेत दे दिए कि आने वाले समय में आनंद मोहन किस राजनीतिक दल से अपने सियासी सफर को आगे बढ़ाएंगे.
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नीतीश ने आनंद मोहन को अपनी दोस्ती याद दिलाई: अनावरण कार्यक्रम के बाद जनसभा को संबोधिन करने के दौरान नीतीश कुमार का आनंद मोहन के प्रति प्रेम छलक पड़ा. उन्होंने पुराने दिनों का जिक्र करते हुए वैशाली में लवली आनंद के समर्थन से लेकर आनंद मोहन की जेडीयू के साथ संबंध से लेकर अपने रिश्तों को भी याद किया. सीएम ने कहा कि आनंद मोहन को जैसी राजनीति करनी है करें लेकिन ये न भूलें कि उनके साथ उनका कैसा संबंध रहा है. नीतीश ने कहा कि आपको जो मन है करें, कोई दिक्कत होने नहीं देंगे. हमलोग आपके हमेशा से समर्थन में रहे हैं.
"आपको जो भी राजनीति करना होगा करिये लेकिन हमरा रिश्ता तो आपके साथ दूसरा न है जी. इसलिए हमलोगों को बनाकर रखना होगा ना. आपको जो मन हो करिये. आज आप हमको बुलाए तो बड़ी खुशी की बात है. इसलिए आपको कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए. हमलोगों तो आपका समर्थक हैं ही. आपको जो मन हो करियेगा, आपको जैसी इच्छा हो करियेगा. कोई रहेगी तो हम जरूर सहयोग करेंगे"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'नीतीश कुमार के कारण जेल से बाहर आया': वहीं, आंनद मोहन ने भी नीतीश कुमार की दिल खोलकर तरफदारी की. उन्होंने जेल से रिहाई का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे इस बात को स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं कि आज अगर वह जेल से बाहर लोगों के बीच खड़े हैं तो वह सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण.
"16 बरसों के बाद भी अगर हिंदुस्तान के लोगों के जेहन में आनंद मोहन जिंदा है तो आनंद मोहन समर्थकों के कारण. आज अगर आपके बीच हम खड़े हैं तो हमें ये कहने में कोई गुरेज नहीं कि यह माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कारण ये संभव हो पाया"- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
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