पटना: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षा विभाग का नया फरमान (Bihar Education Department Notification) आया है. इस आदेश के बाद एक ओर जहां शिक्षक परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. हालांकि शिक्षा मंत्री ने इसका बचाव किया है. इस बीच बीजेपी कोटे से मंत्री प्रमोद कुमार (Minister Pramod Kumar) ने कहा कि मेरी नजर में शिक्षकों का पहला काम तो पठन-पाठन का ही होता है.
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सहरसा दौरे पर आए गन्ना उद्योग और विधि विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार से मीडिया ने जब इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस नए आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि शिक्षक का काम होता है पठन-पाठन करवाना.
बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी (Bihar Education Department Notification) किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.
उधर, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई शिक्षक संघ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है. यह फरमान शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन करता है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान से लोगों में गलत संदेश जाएगा कि हम सरकार की मुखबिरी करते हैं. इसके गलत मायने निकाले जाएंगे और नतीजे गलत सामने आ सकते हैं.
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