सहरसा : बिहार के सहरसा में बाढ़ के कारण पलायन हो रहा है. खासकर जिले के नवहट्टा प्रखंड बाढ़ से सात पंचायत प्रभावित हैं. इन पंचायत के विभिन्न गांवों से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. पीड़ित लोगों का कहना है कि अचानक आयी बाढ़ में अपना सब कुछ गंवाकर किसी तरह जान बचाकर ऊंचे स्थानों की तलाश में हैं. ऐसी परिस्थिति में भी पीड़ितों की सुधि लेने वाला भी कोई नहीं है.
ये भी पढ़ें : Bihar Flood: सहरसा में बाढ़ का कहर, छोटे नेता बांट रहे राहत सामग्री, बड़े सिर्फ आश्वासन देकर निकल रहे
ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे लोग : मौके पर मौजूद पीड़िता रंजीता देवी की माने तो अचानक आई बाढ़ ने सबकुछ लील लिया. घर बह गया घर में रखे अनाज बर्बाद हो गए. ऐसी स्थिति हो गई है कि भूखे प्यासे रहने पड़ रहा है. कोसी पीड़ित परिवार आज अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए अब आवाजाही का साधन बस नाव ही रह गया है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधि कोई सहायता नहीं कर रहे हैं.
"अचानक आई बाढ़ से घर-बार डूब गया. सबकुछ छोड़कर गांव से बाहर कहीं ऊंची स्थान की ओर शरण लेने जाना पड़ रहा है. साथ ही भूखे रहने की स्थिति बन गई है. इसी के साथ कोई जनप्रतिनिधि या जिला प्रशासन के लोग मदद के लिए नहीं पहुंच रहे हैं".- रंजीता देवी, बाढ़ पीड़ित
नहीं मिल रही सरकारी सहायता : पीड़ित मनोज कुमार ने कहा कि अचानक आई बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया. घर मे रखी जमापूंजी भी तेज धार में बह गई. इस विकट परिस्थिति न तो सरकार का और न ही किसी जनप्रतिनिधि का सहारा मिल सका. भगवान भरोसे जीना मजबूरी बन गया. अपनी और परिवार की सुरक्षा व संरक्षा के लिए घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेना पड़ा. कोसी के कारण सहरसा में बाढ़ग्रस्त इलाका में केदली, असैय, डरहार, हाटी, बराही और बकुनियां पंचायत के सैकड़ों गांव हैं.
"सरकार प्रदत्त जो भी सुविधा उपलब्ध है सभी सुविधा का लाभ इन पीड़ितों को मिलेगा. फिलवक्त कोसी में पानी स्थिर है". - जितेंद्र कुमार, बीडीओ, नवहट्टा प्रखंड