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आनंद मोहन की रिहाई कराने के लिए लंदन से पढ़ाई छोड़ आया बेटा, लवली आनंद का ऐलान अब 23 अप्रैल को होगी 'गर्जना' - Demand for Release of Anand Mohan

पूर्व सांसद आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. उनकी रिहाई (Demand for Release of Anand Mohan) और दूसरे मुद्दों को लेकर होने वाले 29 जनवरी को पटना में सिंह गर्जना रैली को स्थगित कर दिया गया है. इसपर आनंद मोहन के बेटे अंशुमन आनंद और पत्नी लवली आनंद ने राज्य सरकार (Anand Mohan son attack on cm Nitish) पर जमकर निशाना साधा.

Anand Mohan son attack on cm Nitish
Anand Mohan son attack on cm Nitish
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Published : Jan 24, 2022, 1:22 PM IST

सहरसा: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासत तेज हो गई है. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड (krishnaiah murder case ) में पूर्व सांसद आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. उनकी रिहाई और दूसरे मुद्दों को लेकर 29 जनवरी को पटना में सिंह गर्जना रैली (Singh Garjana Rally In Patna) आयोजित की गई थी. लेकिन कोरोना पाबंदियों के कारण इस रैली को स्थगित कर दिया गया है. इसपर आनंद मोहन की पत्नी (Lovely Anand demands Anand Mohan release ) और बेटे ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा.

दरअसल सिंह गर्जना रैली को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके पुत्र चेतन आनंद और अंशुमन आनंद ने लोगों को रैली में आने का न्योता दिया था. लेकिन बढ़ते कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक बढ़ा दिया. इसपर आनंद मोहन के छोटे बेटे अंशुमन आनंद ने राज्य सरकार को घेरा है. पूर्व सांसद लवली आनंद का कहना है कि, सरकार नहीं चाहती है कि पटना में आनंद मोहन जी की रिहाई को लेकर कोई रैली हो. ऐसे में अब वर्चुअल के माध्यम से रैली की जाएगी.

आनंद मोहन की रिहाई की मांग

पढ़ें- आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर 'सिंह गर्जना रैली' की तारीख बदली, CM नीतीश पर भड़के चेतन

अंशुमन आनंद ने कहा, 'मैं अपनी उच्च शिक्षा के लिए पिछले साल इंग्लैंड गया हुआ था. पापा के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष में साथ देने के लिए मैं एक महीने की छुट्टी लेकर आया था. पापा के साथ हो रहे अन्याय और वादा खिलाफी पर मैं चुप नही बैठूंगा. मैं वापस आऊंगा और लॉकडाउन के बाद, सुपौल से जन अभियान की शुरुआत करुंगा. दुनिया जानती है 1995 के पहले, सीएम नीतीश कुमार मात्र नालंदा के नेता थे. जॉर्ज फर्नांडीस और पापा के संघर्षों के दम पर वे बिहार के नेत बने. लेकिन वो एहसान फरामोश निकले. कभी मेरे पापा, नीतीश कुमार के उत्थान का कारण बने थे और आने वाले दिनों में उनके पतन का कारण बनेंगे.'

ये भी पढ़ें: आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा- नीतीश कुमार हैं दगाबाज, पीठ पर घोंपते हैं खंजर

वहीं लवली आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि, तीन तरह से हम कर रहे हैं. कोर्ट में काम चल रहा है. सदन से सड़क तक हम लड़ाई लड़ेंगे. आनंद मोहन के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हत्याकांड मामले में आनंद मोहन निर्दोष हैं. निर्दोष होते हुए उन्होंने 14 साल से ज्यादा जेल में काट दिए हैं. विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ ही, स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच से उनकी रिहाई के बारे में बोलते रहे, लेकिन रिहाई अभी तक नहीं हो पाई है. अब साफ है कि बिहार सरकार आनंद मोहन को रिहा करना ही नहीं चाहती है. ऐसे में 23 अप्रैल को आनंद मोहन की रिहाई को लेकर रैली निकाली जाएगी.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी के MLA चेतन आनंद की हुंकार, नीतीश कुमार की लंगड़ी सरकार कभी भी गिर जाएगी

लवली आनंद ने यह भी कहा कि, पूरे देश के लोगों में काफी आक्रोश है. 29 जनवरी को सिंह गर्जना रैली रखी गयी थी, इसको लेकर सभी राज्यों को न्योता भी दिया गया था.लोग काफी संख्या में रैली में आने को तैयार थे. हमारी पूरी तैयारी थी, लेकिन कोरोना के बहाने हमारी रैली को विफल करने के लिए, बिहार सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक बढ़ा दिया. इससे हमारा लक्ष्य दबने वाला नहीं है. हम 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के दिन पहले से भी ज्यादा तैयारी के साथ रैली करेंगे.

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सहरसा: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासत तेज हो गई है. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड (krishnaiah murder case ) में पूर्व सांसद आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. उनकी रिहाई और दूसरे मुद्दों को लेकर 29 जनवरी को पटना में सिंह गर्जना रैली (Singh Garjana Rally In Patna) आयोजित की गई थी. लेकिन कोरोना पाबंदियों के कारण इस रैली को स्थगित कर दिया गया है. इसपर आनंद मोहन की पत्नी (Lovely Anand demands Anand Mohan release ) और बेटे ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा.

दरअसल सिंह गर्जना रैली को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके पुत्र चेतन आनंद और अंशुमन आनंद ने लोगों को रैली में आने का न्योता दिया था. लेकिन बढ़ते कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक बढ़ा दिया. इसपर आनंद मोहन के छोटे बेटे अंशुमन आनंद ने राज्य सरकार को घेरा है. पूर्व सांसद लवली आनंद का कहना है कि, सरकार नहीं चाहती है कि पटना में आनंद मोहन जी की रिहाई को लेकर कोई रैली हो. ऐसे में अब वर्चुअल के माध्यम से रैली की जाएगी.

आनंद मोहन की रिहाई की मांग

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अंशुमन आनंद ने कहा, 'मैं अपनी उच्च शिक्षा के लिए पिछले साल इंग्लैंड गया हुआ था. पापा के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष में साथ देने के लिए मैं एक महीने की छुट्टी लेकर आया था. पापा के साथ हो रहे अन्याय और वादा खिलाफी पर मैं चुप नही बैठूंगा. मैं वापस आऊंगा और लॉकडाउन के बाद, सुपौल से जन अभियान की शुरुआत करुंगा. दुनिया जानती है 1995 के पहले, सीएम नीतीश कुमार मात्र नालंदा के नेता थे. जॉर्ज फर्नांडीस और पापा के संघर्षों के दम पर वे बिहार के नेत बने. लेकिन वो एहसान फरामोश निकले. कभी मेरे पापा, नीतीश कुमार के उत्थान का कारण बने थे और आने वाले दिनों में उनके पतन का कारण बनेंगे.'

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वहीं लवली आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि, तीन तरह से हम कर रहे हैं. कोर्ट में काम चल रहा है. सदन से सड़क तक हम लड़ाई लड़ेंगे. आनंद मोहन के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हत्याकांड मामले में आनंद मोहन निर्दोष हैं. निर्दोष होते हुए उन्होंने 14 साल से ज्यादा जेल में काट दिए हैं. विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ ही, स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच से उनकी रिहाई के बारे में बोलते रहे, लेकिन रिहाई अभी तक नहीं हो पाई है. अब साफ है कि बिहार सरकार आनंद मोहन को रिहा करना ही नहीं चाहती है. ऐसे में 23 अप्रैल को आनंद मोहन की रिहाई को लेकर रैली निकाली जाएगी.

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लवली आनंद ने यह भी कहा कि, पूरे देश के लोगों में काफी आक्रोश है. 29 जनवरी को सिंह गर्जना रैली रखी गयी थी, इसको लेकर सभी राज्यों को न्योता भी दिया गया था.लोग काफी संख्या में रैली में आने को तैयार थे. हमारी पूरी तैयारी थी, लेकिन कोरोना के बहाने हमारी रैली को विफल करने के लिए, बिहार सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक बढ़ा दिया. इससे हमारा लक्ष्य दबने वाला नहीं है. हम 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के दिन पहले से भी ज्यादा तैयारी के साथ रैली करेंगे.

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