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सहरसा: जीविकी दीदी ने सुनाई बेटे के मौत की दास्तां, सीएम ने दिए तुरंत कार्रवाई के आदेश - सीएम ने तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश

सहरसा के ओपी क्ष्रेत्र में एक जीविका दीदी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग कर रही थी. इसी दौरान गांव के शराब कारोबारियों को उसका यह काम नागवार गुजरा और उन्होंने जीविका दीदी के बेटे की हत्या कर दी.

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जीविका दीदी ने DGP को बताई बेटे की हत्या की दास्तां
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Published : Jan 5, 2020, 11:40 PM IST

सहरसा: मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा में स्टॉल निरीक्षण के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. जब जीविका की एक दीदी ने रोते हुए मुख्यमंत्री के सामने अपनी दास्तां सुनाई. दरअसल जीविका दीदी ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून को लागू करवाने के दौरान मिले दायित्व का निर्वहन कर रही थी. जो एक शराब कारोबारी को नागवार गुजरा और उसने इसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया. बता दें कि यह मामला थाने भी पहुंचा पर 6 महीने गुजरने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

अपराधी की नहीं हो सकी गिरफ्तारी
बता दें कि पूरा मामला सहरसा जिले के पतरघट ओपी क्षेत्र के धबौली गांव का है. जहां जीविका दीदी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग कर रही थी. इसी दौरान गांव के शराब कारोबारियों ने उनके बेटे की हत्या कर दी. बेटे की हत्या की शिकायत लेकर जीविका दीदी थाने पहुंची. लेकिन 6 महीने गुजरने के बावजूद अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. वहीं, अपराधियों की ओर से लगातार पीड़ित को थाने से शिकायत वापस लेने की धमकी मिलनी शुरू हो गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सीएम ने तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश
हालांकि रविवार को मुख्यमंत्री ने खुद जीविका दीदी की कहानी उसकी जुबानी सुनकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. निर्देश मिलने के बाद खुद डीजीपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का दायित्व कोशी क्षेत्र के डीआईजी को सौंप दिया. साथ ही 2 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया. बहरहाल अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.

सहरसा: मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा में स्टॉल निरीक्षण के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. जब जीविका की एक दीदी ने रोते हुए मुख्यमंत्री के सामने अपनी दास्तां सुनाई. दरअसल जीविका दीदी ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून को लागू करवाने के दौरान मिले दायित्व का निर्वहन कर रही थी. जो एक शराब कारोबारी को नागवार गुजरा और उसने इसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया. बता दें कि यह मामला थाने भी पहुंचा पर 6 महीने गुजरने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

अपराधी की नहीं हो सकी गिरफ्तारी
बता दें कि पूरा मामला सहरसा जिले के पतरघट ओपी क्षेत्र के धबौली गांव का है. जहां जीविका दीदी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग कर रही थी. इसी दौरान गांव के शराब कारोबारियों ने उनके बेटे की हत्या कर दी. बेटे की हत्या की शिकायत लेकर जीविका दीदी थाने पहुंची. लेकिन 6 महीने गुजरने के बावजूद अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. वहीं, अपराधियों की ओर से लगातार पीड़ित को थाने से शिकायत वापस लेने की धमकी मिलनी शुरू हो गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सीएम ने तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश
हालांकि रविवार को मुख्यमंत्री ने खुद जीविका दीदी की कहानी उसकी जुबानी सुनकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. निर्देश मिलने के बाद खुद डीजीपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का दायित्व कोशी क्षेत्र के डीआईजी को सौंप दिया. साथ ही 2 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया. बहरहाल अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.

Intro:सहरसा-मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा में स्टॉल निरीक्षण के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी।जब जीविका की एक दीदी ने फफकते हुये मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून को लागू करवाने के दौरान मिले दायित्व का निर्वहन कर रही थी जो शराब कारोबारी को नागवार गुजरा और उसने इस जीविका दीदी के बेटे को ही इस दुनिया से हटा दिया।हद तो तब हो गयी जब यह मामला थाना भी पहुंचा पर छह महीने गुजरने के बाद भी न तो हत्यारा पकड़ाया और न ही कोई कार्यवाई हो सकी।और हाँ--उल्टे उनलोगों के द्वारा मामला उठाने की धमकी भी मिलने लगी।हालांकि मामले की जानकारी के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी को तलब किया।इधर जानकारी के तत्काल बाद डीजीपी ने पीड़िता से पूछताछ कर तत्काल मामला डीआईजी को सौंप दो दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया।
Body:दरअसल पूरा मामला सहरसा जिले के पतरघट ओपी क्ष्रेत्र के धबौली गांव की है।जहाँ जीविका दीदी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार का महत्वकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग करने के दौरान गांव के शराब कारोबारियों ने इसके बेटे की हत्या कर इसके मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया।इधर अपने बेटे की हत्या से मर्माहत जीविका दीदी थाना पहुंची पर थाना द्वारा समुचित सहयोग नहीं मिला परिणामस्वरूप छह माह गुजरने के बावजूद हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हो सकी,उलटे हत्यारे के द्वारा थाना से मामला उठा लेने की धमकी मिलना जरूर शुरू हो गयी।
हालांकि आज मुख्यमंत्री ने खुद जीविका दीदी की कहानी उसकी जुबानी सुन तत्काल कार्यवाई का निर्देश दिया।निर्देश मिलने के बाद खुद डीजीपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते जांच का दायित्व कोशी प्रक्षेत्र के डीआईजी को सौंप दो दिनों के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश भी दिया।Conclusion:अब देखना लाजिमी होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है पर इतना तो तय है कि इस घटना ने मुख्यमंत्री के शराब बंदी कानून को सख्ती से लागू करने में सहयोग करने का खामियाजा जीविका दीदी को भुगतना पड़ा वहीं सहयोग करने के बजाय पुलिस प्रशासन खुद कारोबारी को ही मदद पहुंचाया।
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