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चुनाव आचार संहिता और धारा 153 का गलत इस्तेमाल करते हैं सत्ताधारी दल: पप्पू यादव - पप्पू यादव ने सरकार पर साधा निशाना

सहरसा कोर्ट में पेश होने आए जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (JAP Supremo Pappu Yadav) ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. आचार संहिता को लेकर उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल आचार संहिता और धारा 153 का गलत इस्तेमाल करते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव
JAP Supremo Pappu Yadav
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Published : Apr 1, 2022, 10:37 PM IST

सहरसा: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव शुक्रवार को सहरसा व्यवहार न्यायालय (Saharsa Civil Court) में पेश होने पहुंचे. उन पर बीते चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का मामले दर्ज किया गया था, जिसकी पेशी के लिए वे आए थे. कोर्ट में पेश होने के बाद वे पत्रकारों से बातचीत की और सरकार पर जमकर निशाना साधा. चुनाव आचार संहिता को लेकर उन्होंने सरकार पर हमला बोला. जाप प्रमुख ने कहा कि आचार संहिता को चुनाव आयोग ने जबरदस्ती सत्ताधारी लोगों का हथियार बना दिया है.

ये भी पढ़ें-'नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति नहीं प्रधानमंत्री बनना चाहिए, बिहार के लोग उन्हें PM के रूप में देखना चाहते हैं'

सरकार पर बरसे पप्पू यादव: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि आचार संहिता जैसी चीजें सत्ताधारी दल का हथकंडा है, वे जिसको चाहे उसको एक केस में फंसा देते हैं. इसका इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. जिस तरह आंदोलन करने पर धारा 153 जो नॉन बेलेबल है, जो सरकारी काम में बाधा डालने के लिए किया जाता है. उसका भी गलत इस्तेमाल होता है. इसके इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. धारा 153 सरकारी कामकाज में दखल के लिए लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि नेताओं को, भ्रष्टाचारियों को सब कुछ करने की इजाजत है, लेकिन इसके खिलाफ कोई बोलेगा तो धारा 153 लग जाएगा. मतलब इस आईडियोलॉजी को मिटा देने की जरूरत है.

आचार संहिता को गलत इस्तेमाल करते हैं सत्ताधारी दल: जाप प्रमुख ने कहा कि शासकीय दल निरंकुश हो जाता है. वे इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. गलत लोगों के खिलाफ आप सड़क पर बैठे हैं, ट्रेन को रोके हैं. तो ये उसके खिलाफ यह कानून इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता और आंदोलन के बाद धारा 153 लगा देना. आवाज को दबाना है. इससे लोकतंत्र कमजोर होता है. अब कोई अच्छा लकीर खींची जाए. जिससे लोगों के भीतर डर रहे कि सरकारी संपत्ति की क्षति ना हो. जाप नेता ने कहा कि जब वे अपने जीने के राइट को लेकर कहीं बैठते हैं तो उस पर धारा 153 लगा देते हैं. इसीलिए आचार संहिता और धारा 153 के खिलाफ वे बराबर बोलते हैं.

व्यापारियों का रखना चाहिए ख्याल: मौके पर पूर्व सांसद के अलावा कई अन्य समर्थक मौजूद थे. वहीं उन्होंने बंगाली बाजार रेल ओवरब्रिज निर्माण को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि शहर के डेवलपमेंट को देखते हुए काम करना चाहिए. एनएच और रेलवे ने मिलकर ओवरब्रिज निर्माण के लिए बहुत पहले पैसा दे दिया है. लेकिन इसे लम्बा नहीं खींच सकते हैं. एनएच इस तरह से नहीं काम करें. कई सालों से बाजार में काम कर रहे व्यापारियों का ख्याल रखना चाहिए. जो पूंजी लगाकर इतने लंबे समय से छोटा-बड़ा बाजार करके अपने परिवार का जिंदगी को चला रहे हैं. उनका ख्याल रखना चाहिए.

ये भी पढ़ें-शराबबंदी संशोधन विधेयक पर पप्पू यादव का तंज, बोले- 'सरकार मान गई कि बिहार में मौजूद है शराब'

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सहरसा: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव शुक्रवार को सहरसा व्यवहार न्यायालय (Saharsa Civil Court) में पेश होने पहुंचे. उन पर बीते चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का मामले दर्ज किया गया था, जिसकी पेशी के लिए वे आए थे. कोर्ट में पेश होने के बाद वे पत्रकारों से बातचीत की और सरकार पर जमकर निशाना साधा. चुनाव आचार संहिता को लेकर उन्होंने सरकार पर हमला बोला. जाप प्रमुख ने कहा कि आचार संहिता को चुनाव आयोग ने जबरदस्ती सत्ताधारी लोगों का हथियार बना दिया है.

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सरकार पर बरसे पप्पू यादव: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि आचार संहिता जैसी चीजें सत्ताधारी दल का हथकंडा है, वे जिसको चाहे उसको एक केस में फंसा देते हैं. इसका इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. जिस तरह आंदोलन करने पर धारा 153 जो नॉन बेलेबल है, जो सरकारी काम में बाधा डालने के लिए किया जाता है. उसका भी गलत इस्तेमाल होता है. इसके इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. धारा 153 सरकारी कामकाज में दखल के लिए लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि नेताओं को, भ्रष्टाचारियों को सब कुछ करने की इजाजत है, लेकिन इसके खिलाफ कोई बोलेगा तो धारा 153 लग जाएगा. मतलब इस आईडियोलॉजी को मिटा देने की जरूरत है.

आचार संहिता को गलत इस्तेमाल करते हैं सत्ताधारी दल: जाप प्रमुख ने कहा कि शासकीय दल निरंकुश हो जाता है. वे इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. गलत लोगों के खिलाफ आप सड़क पर बैठे हैं, ट्रेन को रोके हैं. तो ये उसके खिलाफ यह कानून इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता और आंदोलन के बाद धारा 153 लगा देना. आवाज को दबाना है. इससे लोकतंत्र कमजोर होता है. अब कोई अच्छा लकीर खींची जाए. जिससे लोगों के भीतर डर रहे कि सरकारी संपत्ति की क्षति ना हो. जाप नेता ने कहा कि जब वे अपने जीने के राइट को लेकर कहीं बैठते हैं तो उस पर धारा 153 लगा देते हैं. इसीलिए आचार संहिता और धारा 153 के खिलाफ वे बराबर बोलते हैं.

व्यापारियों का रखना चाहिए ख्याल: मौके पर पूर्व सांसद के अलावा कई अन्य समर्थक मौजूद थे. वहीं उन्होंने बंगाली बाजार रेल ओवरब्रिज निर्माण को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि शहर के डेवलपमेंट को देखते हुए काम करना चाहिए. एनएच और रेलवे ने मिलकर ओवरब्रिज निर्माण के लिए बहुत पहले पैसा दे दिया है. लेकिन इसे लम्बा नहीं खींच सकते हैं. एनएच इस तरह से नहीं काम करें. कई सालों से बाजार में काम कर रहे व्यापारियों का ख्याल रखना चाहिए. जो पूंजी लगाकर इतने लंबे समय से छोटा-बड़ा बाजार करके अपने परिवार का जिंदगी को चला रहे हैं. उनका ख्याल रखना चाहिए.

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