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सहरसा: शराब कारोबारी की मदद करने के आरोप में उत्पाद विभाग का 2 अफसर गिरफ्तार

शराब कारोबारी को मदद पहुंचाने के आरोप में उत्पाद विभाग के निरीक्षक फैयाज अहमद और केस के अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है. वहीं, उत्पाद अधीक्षक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है.

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Published : Jan 15, 2020, 7:56 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 9:15 PM IST

Saharsa
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सहरसा: जिले में शराब कारोबारी पर नकेल कसने के दायित्व का निर्वहन करने वाले उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर ही कार्रवाई हो गई. जिले की पुलिस ने उन्हें शराब के बरामद खेप में हेराफेरी और कारोबारी की मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उत्पात निरीक्षक और सहायक उत्पात सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

दरसल ये मामला 12 दिसंबर को शराब बरामदगी से जुड़ा हुआ है. जब उत्पाद विभाग ने एक ट्रक से 2 हजार लीटर शराब बरामद किया था. बताया जाता है कि इसमें शराब कारोबारी को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से शराब बरामदगी के 13 घंटे बाद सीजर बना. फिर 16 घंटे के बाद मामला दर्ज किया गया. वहीं, दर्ज मामले में ट्रक मालिक और ड्राइवर का नाम भी दर्ज नहीं किया गया.

Saharsa
आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस

तीन स्तरीय जांच के बाद हुआ खुलासा
बता दें कि मामला दर्ज करने में विलंब होने के कारण मामले का तीन स्तरीय जांच हुआ. जिसमें मामला संदेहास्पद पाया गया. इसके बाद सदर थाना में उत्पात अधीक्षक असरफ जमाल, उत्पात निरीक्षक फैयाज अहमद के अलावा केस का अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसके बाद दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

पेश है रिपोर्ट

'दोषी पर की जाएगी कार्रवाई'
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि एक माह पूर्व लगभग उत्पात विभाग ने 2 हजार लीटर शराब की बरामदगी की थी. इस केस का अनुसंधान उत्पात विभाग के अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक कर रहे थे. लेकिन केस में कुछ कमी नजर आने के बाद इसपर जांच की गई तो यह मामला सामने आया. जिस पर कार्रवाई की गई.

सहरसा: जिले में शराब कारोबारी पर नकेल कसने के दायित्व का निर्वहन करने वाले उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर ही कार्रवाई हो गई. जिले की पुलिस ने उन्हें शराब के बरामद खेप में हेराफेरी और कारोबारी की मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उत्पात निरीक्षक और सहायक उत्पात सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

दरसल ये मामला 12 दिसंबर को शराब बरामदगी से जुड़ा हुआ है. जब उत्पाद विभाग ने एक ट्रक से 2 हजार लीटर शराब बरामद किया था. बताया जाता है कि इसमें शराब कारोबारी को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से शराब बरामदगी के 13 घंटे बाद सीजर बना. फिर 16 घंटे के बाद मामला दर्ज किया गया. वहीं, दर्ज मामले में ट्रक मालिक और ड्राइवर का नाम भी दर्ज नहीं किया गया.

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आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस

तीन स्तरीय जांच के बाद हुआ खुलासा
बता दें कि मामला दर्ज करने में विलंब होने के कारण मामले का तीन स्तरीय जांच हुआ. जिसमें मामला संदेहास्पद पाया गया. इसके बाद सदर थाना में उत्पात अधीक्षक असरफ जमाल, उत्पात निरीक्षक फैयाज अहमद के अलावा केस का अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसके बाद दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

पेश है रिपोर्ट

'दोषी पर की जाएगी कार्रवाई'
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि एक माह पूर्व लगभग उत्पात विभाग ने 2 हजार लीटर शराब की बरामदगी की थी. इस केस का अनुसंधान उत्पात विभाग के अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक कर रहे थे. लेकिन केस में कुछ कमी नजर आने के बाद इसपर जांच की गई तो यह मामला सामने आया. जिस पर कार्रवाई की गई.

Intro:सहरसा-शराब कारोबारी पर नकेल कसने का दायित्व निर्वहन करने वाले उत्पात विभाग शराब कारोबारी को पहुंचा रहे थे मदद।पुलिस ने उत्पात निरीक्षक व सहायक उत्पात सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर भेजा जेल।
Body:दरअसल मामला 12 दिसंबर के शराब बरामदगी से जुड़ा हुआ है।जब उत्पाद विभाग ने एक ट्रक से 2000लीटर शराब बरामद किया था पर इसमें शराब कारोबारी को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से बरामदगी के 13 घंटे बाद सीजर बना फिर 16 को मामला दर्ज किया गया इसमें न तो ड्राइवर का नाम दिया और न ही ट्रक के स्वामित्व को दर्शाया गया ।मामला दर्ज करने में विलंब को लेके जांच हुआ।जिसमें तीन स्तरीय जांच हुआ।एक जांच मद्य निषेध विभाग पटना के द्वारा व दो जांच जिला स्तर से हुआ और तीनो ही जांच में मामला संदेहास्पद मिला।जिसके आधार पर सदर थाना में मामला दर्ज हुआ।इसमें तीन लोगों अभियुक्त बनाया गया जिसमें उत्पात अधीक्षक असरफ जमाल,उत्पात निरीक्षक फैयाज अहमद के अलावे केश का अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि एक माह पूर्व लगभग उत्पात विभाग के द्वारा 2000 लीटर शराब की बरामदगी की गयी थी उस केश का अनुसंधान उत्पात विभाग के द्वारा किया जा रहा था।परंतु केश में कंमियाँ शुरुआत से ही प्रकाश में आ थी।इसको लेकर तीन स्तरीय जांच हुआ।एक जांच मद्य निषेध विभाग पटना के द्वारा व दो जांच जिला स्तर से हुआ और तीनो ही जांच में मामला संदेहास्पद मिला।जिसके आधार पर सदर थाना में मामला दर्ज हुआ।इसमें तीन लोगों अभियुक्त बनाया गया जिसमें उत्पात अधीक्षक असरफ जमाल,उत्पात निरीक्षक फैयाज अहमद के अलावे केश का अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक है इसमें से उत्पात निरीक्षक फैयाज अहमद के अलावे केश का अनुसंधानकर्ता वीरेंद्र पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।साथ ही उत्पात अधीक्षक की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी जारी है।
Conclusion:-सच मायने में बिहार सरकार की बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू करवाने का दायित्व निर्वहन करने वाला उत्पात विभाग खुद शराब कारोबारी को मदद पहुंचा कर बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को असफल करने का प्रयास किया।जो एक गंभीर अपराध है
Last Updated : Jan 15, 2020, 9:15 PM IST
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