सहरसा: दो वक्त की रोटी के लिए बेरोजगारी का दंश झेल रहे मजदूर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. पूरा मामला जिले के कोशी इलाके की है. यहां हजारों मजदूर घर छोड़कर बाहर काम करने के लिए जा रहे हैं. सहरसा स्टेशन पर लोग भेड़-बकरी की तरह ट्रेन में भरकर रोजगार के लिए पंजाब पलायन कर रहे हैं.
सरकार विफल
पलायन कर रहे लोगों का कहना है कि बिहार सरकार ने रोड मैप में कहा था की यहां रोजगार का सृजन करेंगे और बिहार से हो रहे पलायन को कम करेंगे. लेकिन, आज भी स्थिति जस के तस बनी हुई है. एक मजदूर ने कहा कि बिहार में रोजगार नहीं होने के कारण वह पंजाब में काम करने के लिए जा रहा है. वहां जाकर किसानी करेंगे. इस मंहगाई में घर नहीं चल पा रहा है.
बच्चों के भविष्य के लिए हो रहे दूर
पलायनकर्ता ने बताया कि वह पंजाब जाकर मजदूरी करेंगे. घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं. अगर काम नहीं करेंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे बनाएंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनाव में सिर्फ वादा करती है. लेकिन, चुनाव जीतते ही सबकुछ भूल जाती है. बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे हैं.
गरीबी ने किया जीना मुहाल
कोशी क्षेत्र में गरीबी और बेरोजगार ने लोगों को अन्य प्रांतों की ओर पलायन करने के लिए लोगों को विवश कर दिया हैं. यहां हर दिन हजारो की संख्या में लोग अन्य शहरों में पलायन कर रहे हैं. बेरोजगार गरीबी से त्रस्त होकर सडक पर आ गए है. वहीं, किसी के घर में दो वक्त का चुल्हा तक नहीं जुट रहा है. यहां तक कि सरकार की योजनाओं से भी कई लोग वंचित हैं.