सहरसा: जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर प्रसव केंद्र की सुविधा शुरू करने की कवायद चल रही है. बीते गुरुवार को जिलाधिकारी कौशल कुमार ने सोनवर्षा प्रखंड अंतर्गत सहसौल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 5 बेड के प्रसव सेंटर का उद्घाटन किया. इस दौरान डीएम ने कहा कि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए संस्थागत प्रसूति सेवाओं के विस्तार, समय रहते प्रसव संबंधी जटिलताओं की पहचान और उनका उपचार जरूरी होता है.
बात दें कि सहसौल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करायी जाने वाली रेफरल और प्रसूति सेवाओं का डीएम ने मुआयना भी किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और वेलनेस सेंटर सहसौल में प्रदान की जा रही सभी सुविधाओं के साथ साथ डिलीवरी प्वाइंट की शुरुआत की गई है. प्रसव सेंटर की शुरुआत होने से एएनएम व स्टाफ नर्स 24 घंटे मिलेंगी.
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मातृ एवं शिशु मृत्यु दर होगी कम
'एक अध्ययन के अनुसार, मां और नवजात बच्चों की मौत की अधिकतर घटनाएं प्रसव के 24 घंटे के दौरान होती हैं. इसलिए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए संस्थागत प्रसूति सेवाओं के विस्तार, समय रहते प्रसव संबंधी जटिलताओं की पहचान और उनका उपचार जरूरी होता है. कई बार समय पर सही उपचार न मिल पाने से मां और उसके शिशु का जीवन खतरे में पड़ जाता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर गरीब अधिक आश्रित रहते हैं. इसलिए इन सेवाओं के मजबूत करने की दिशा में गुरुवार को साहसौल स्वास्थ्य केंद्र-सह वेलनेस सेंटर पर प्रसूति सेवाओं को शुरू का प्रारंभ कराया गया है.'- कौशल कुमार, डीएम