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सहरसा में दो पक्षों के बीच मारपीट में एक महिला की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ किया सड़क जाम

Murder In Land Dispute In Saharsa: बिहार के सहरसा जिले में दो पक्षों के बीच मारपीट में एक महिला की मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया. साथ ही आगजनी करते हुए जमकर बवाल काटा. इस दौरान करीब तीन घंटे तक यातायात व्यवस्था ठप रहा.

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सहरसा में जमीन विवाद में महिला की मौत के बाद सड़क जाम
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 9, 2023, 1:12 PM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा दो पक्षों के बीच मारपीट में जख्मी महिला लीला देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इधर बनमा ओपी पुलिस जाम स्थल पर पहुंच कर शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाना चाह रही थी, लेकिन ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे.

क्या है पूरा मामला: दरअसल पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है, जहां सहुरिया पंचायत के भूत पूर्व मुखिया सुगमा गांव निवासी सुशील पासवान और स्वर्गीय नाथों तांती की पत्नी लीला देवी के बीच कई दिनों से जमीन विवाद चल रहा था. जनता दरबार में दोनों के मामलों पर सुनवाई हुई, लेकिन कोई ठोस निदान नहीं निकला. जिसके बाद दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई.

ढ़ाई एकड़ जमीन पर विवाद: बताया जा रहा है कि पूर्व में लीला देवी के परिजन ढ़ाइ एकड़ जमीन पर खेत जोत रहे थे. यह जमीन राजा द्वारा उन्हें बंदोबस्त किया गया था. बाद में सीओ द्वारा उसी जमीन पर बासगीत पर्चा विपक्षियों को दे दिया गया, तब से लेकर आजतक उसपर जमीन विवाद चल रहा है. मृतका लीला देवी का बेटा विजय तांती का कहना है कि इससे पूर्व उसी जमीन पर बने उनके घर में सुशील पासवान व उनके परीजनों द्वारा आग लगा दिया गया.

इलाज के दौरान महिला की मौत: 5 नवंबर को विपक्षी सुशील पासवान अपने सहयोगियों के साथ हरवे हथियार के बल पर खेत जोतने पहुंचे. जब लीला देवी के परिजनों को पता चला तो उन्होंने उसका विरोध किया. विरोध करने पर दूसरे पक्ष के सुशील पासवान, फुलेश्वरी देवी, आरजू कुमार, राहुल कुमार समेत अज्ञात लोगों ने लाठी डंडे से लीला देवी के साथ मारपीट की. घायल को परिजन इलाज के लिए सोनबरसा राज पीएचसी ले गए जहां 8 नवंबर को उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप: परिजनों ने बताया कि घटना के बाद परिजनों ने 5 तारीख को ही थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी. परिजनों का आरोप है कि तब से लेकर आज तक पुलिस प्रशासन घटनास्थल पर नहीं पहुंची और न ही छानबीन की. मारपीट में मृतक लीला देवी को गंभीर चोटें आई थी, जिसका इलाज जारी था. लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

आश्वासन के बाद हटा सड़क जाम: आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर खूब बवाल किया. हालांकि, सड़क जाम और हंगामा की सूचना मिलने के बाद भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने जाम हटवाया. वहीं, पुलिस ने सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. साथ ही पुलिस ने मृतक महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

"आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है. पूरे मामले की जांच कर गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जाएगी और सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा."- राम सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर

पढ़ें: सहरसा: जमीन विवाद में कोर्ट से गवाही देकर लौट रहे व्यक्ति पर फायरिंग

सहरसा: बिहार के सहरसा दो पक्षों के बीच मारपीट में जख्मी महिला लीला देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इधर बनमा ओपी पुलिस जाम स्थल पर पहुंच कर शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाना चाह रही थी, लेकिन ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे.

क्या है पूरा मामला: दरअसल पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है, जहां सहुरिया पंचायत के भूत पूर्व मुखिया सुगमा गांव निवासी सुशील पासवान और स्वर्गीय नाथों तांती की पत्नी लीला देवी के बीच कई दिनों से जमीन विवाद चल रहा था. जनता दरबार में दोनों के मामलों पर सुनवाई हुई, लेकिन कोई ठोस निदान नहीं निकला. जिसके बाद दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई.

ढ़ाई एकड़ जमीन पर विवाद: बताया जा रहा है कि पूर्व में लीला देवी के परिजन ढ़ाइ एकड़ जमीन पर खेत जोत रहे थे. यह जमीन राजा द्वारा उन्हें बंदोबस्त किया गया था. बाद में सीओ द्वारा उसी जमीन पर बासगीत पर्चा विपक्षियों को दे दिया गया, तब से लेकर आजतक उसपर जमीन विवाद चल रहा है. मृतका लीला देवी का बेटा विजय तांती का कहना है कि इससे पूर्व उसी जमीन पर बने उनके घर में सुशील पासवान व उनके परीजनों द्वारा आग लगा दिया गया.

इलाज के दौरान महिला की मौत: 5 नवंबर को विपक्षी सुशील पासवान अपने सहयोगियों के साथ हरवे हथियार के बल पर खेत जोतने पहुंचे. जब लीला देवी के परिजनों को पता चला तो उन्होंने उसका विरोध किया. विरोध करने पर दूसरे पक्ष के सुशील पासवान, फुलेश्वरी देवी, आरजू कुमार, राहुल कुमार समेत अज्ञात लोगों ने लाठी डंडे से लीला देवी के साथ मारपीट की. घायल को परिजन इलाज के लिए सोनबरसा राज पीएचसी ले गए जहां 8 नवंबर को उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप: परिजनों ने बताया कि घटना के बाद परिजनों ने 5 तारीख को ही थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी. परिजनों का आरोप है कि तब से लेकर आज तक पुलिस प्रशासन घटनास्थल पर नहीं पहुंची और न ही छानबीन की. मारपीट में मृतक लीला देवी को गंभीर चोटें आई थी, जिसका इलाज जारी था. लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

आश्वासन के बाद हटा सड़क जाम: आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर खूब बवाल किया. हालांकि, सड़क जाम और हंगामा की सूचना मिलने के बाद भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने जाम हटवाया. वहीं, पुलिस ने सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. साथ ही पुलिस ने मृतक महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

"आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है. पूरे मामले की जांच कर गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जाएगी और सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा."- राम सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर

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