सहरसा: बिहार के सहरसा में नगर निकाय चुनाव का रिजल्ट (Municipal Elections In Saharsa) आ चुका है. सौरबाजार में मुख्य पार्षद सीट पर रूबी परवीन ने जीत हासिल की है. हालांकि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. दूसरे स्थान पर रहीं नम्रता गुप्ता ने DM से कार्रवाई की मांग की है. कहा जा रहा है कि तीन बच्चों की मां मुख्य पार्षद का चुनाव जीती हैं. जबकि चुनाव आयोग का नियम है कि 3 बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. मामला सौरबाजार नगर पंचायत का है. जहां मुख्य पार्षद के रूप में 1361 वोट प्राप्त कर रूबी परवीन विजयी हुईं, जबकि दूसरे स्थान पर नम्रता गुप्ता को 1320 वोट मिला और वो मुख्य पार्षद चुनाव में दूसरे स्थान पर रहीं.
पढ़ें-सहरसा में निकाय चुनाव का वोट डालने पहुंचे शख्स की मौत, लाइन में ही चक्कर खाकर गिरे
सहरसा में तीन बच्चों की मां बनीं मुख्य पार्षद: नम्रता गुप्ता जो मुख्य पार्षद की रेस में दूसरे स्थान पर हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र समर्पित कर कार्रवाई की मांग की है. नम्रता गुप्ता ने बताया कि जो नगर पंचायत सौरबाजार से जो मुख्य पार्षद के रूप में चुनाव जीती है वह तीन बच्चों की मां है, जबकि चुनाव आयोग का नियम था कि दो बच्चे वाले ही चुनाव लड़ सकते हैं. रूबी परवीन 3 बच्चों की मां है और उन्होंने चुनाव आयोग के आखों में धूल झोंकी है. चुनाव आयोग का फैसला था कि वर्ष 2008 के बाद अगर कोई तीन बच्चे के माता-पिता है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं लेकिन रूबी परवीन ने इन नियमों की धज्जियां उड़ाई है.
"नगर पंचायत सौरबाजार से जो मुख्य पार्षद के रूप में चुनाव जीती है वह तीन बच्चों की मां है, जबकि चुनाव आयोग का नियम था कि दो बच्चे वाले ही चुनाव लड़ सकते हैं. रूबी परवीन 3 बच्चों की मां है और उन्होंने चुनाव आयोग के आखों में धूल झोंकी है. चुनाव आयोग का फैसला था कि वर्ष 2008 के बाद अगर कोई तीन बच्चे के माता-पिता है तो वह चुनाव नही लड़ सकते हैं लेकिन रूबी प्रवीण ने इन नियमों की धज्जियां उड़ाई है."-नम्रता गुप्ता, हारी हुई प्रत्याशी
आयोग करेगा मामले की जांच: इस मामले पर जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि जो भी परिवाद प्राप्त होता है उनकी जांच की जाएगी. आयोग के नियमों से अगर कुछ भी भिन्ननता पाई जाती है तो आयोग के अनुसार विधिसम्मत कार्रवाई होगी. फिलहाल जो विजयी हुई है और जो रिजल्ट प्रत्याशी को प्राप्त हुआ है, वह यथावत रहेगा.
"जांच की जाएगी आयोग के नियमों से अगर कुछ भी भिन्ननता पाई जाती है तो आयोग के अनुसार विधिसम्मत कारवाई की होगी. तत्काल जो विजयी हुई है और जो रिजल्ट प्रत्याशी को प्राप्त हुआ है वह यथावत रहेगा."-आनंद शर्मा, जिलाधिकारी
क्या है चुनाव आयोग का नियम: नगर निकाय चुनाव में दो संतान या फिर उससे कम बच्चे वाले माता-पिता ही प्रत्याशी बन सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को दो से अधिक बच्चे हैं तो इस निकाय चुनाव का हिस्सा नहीं बन सकता है. बता दें कि अगर किसी व्यक्ति के तीन बच्चें है और उसने किसी एक को गोद दे दिया हो बावजूद इसके वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होगी. बायोलॉजिकल पिता के तौर पर तीसरा बच्चा भी उनका ही माना जाएगा. हालांकि जो व्यक्ति बच्चे को गोद लेता है उसे आयोग की नजर में वैधानिक रूप से पिता नहीं माना जाएंगा.
पढ़ें-सहरसा में नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान, महिलाओं का उत्साह चरम पर