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KK Pathak जरा इधर भी देखें.. 'टिप टिप बरसा पानी' वाले स्कूल का हाल, 2 कमरे में 840 स्टूडेंट की पढ़ाई मजबूरी

बिहार के सहरसा में एक ऐसा स्कूल है, जहां 2 कमरे में 840 छात्राओं की पढ़ायी होती है. बारिश में तो स्कूल की छत से 'टिप टिप बरसा पानी' जैसे हालात हो जाते हैं. छात्राओं को पानी पीने के लिए बाहर जाना पड़ता है. इससे भी बड़ी-बड़ी परेशानी को झेलने के लिए यहां की छात्राएं मजबूर हैं. पढ़ें पूरी खबर...

राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार का हाल
राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार का हाल
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Published : Aug 13, 2023, 6:12 AM IST

राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार का हाल

सहरसा: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (Additional Chief Secretary KK Pathak) लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं. उम्मीद है सहरसा जिले के नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत राजकीय कन्या उच्च विद्यालय पूरब बाजार भी पहुंचेंगे, जहां टीन के शेड से बने 2 कमरे में 840 छात्राओं की पढ़ाई होती है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल का क्या हाल होगा? बारिश के समय तो 'टिप टिप बरसा पानी' वाला हाल हो जाता है. छात्राएं भींग कर पढ़ाई करती है, बस्ता तक भींग जाता है.

यह भी पढ़ेंः शिक्षकों के बाद अब बच्चों के लिए KK Pathak का नया फरमान, स्कूल नहीं आए तो...

विद्यालय का भवन जर्जरः बता दें कि राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार बिहार के 20वें स्कूल में शामिल है. विद्यालय का भवन बिल्कुल जर्जर स्थिति में है. स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने कहा कि स्कूल में चहारदीवारी नहीं होने के कारण मनचले युवकों का जमावड़ा लगा रहता है. छात्राओं के साथ छेड़खानी की जाती है. विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. इसके साथ ही स्कूल में पानी पीने के लिए चापाकल नहीं है, जिस कारण दूसरे के घरों में जाकर पानी पीना होता है.

"स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण मनचले आते रहते हैं. छात्राओं से छेड़खानी और मारपीट करते हैं. स्कूल की छत से बारिश में पानी टपकता है, जिससे कीताबें भींग जाती है. स्कूल में पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण दूसरे के चापाकल से पानी पीना होता है. स्कूल में काफी समस्याएं हैं." -नूरजहां, छात्रा

1994 में स्कूल का हुआ निर्माणः स्कूल के प्रभारी प्राचार्य की माने तो दो कमरे में 840 छात्राओं की पढ़ाई होती है. जिसमें 9,10,11,और 12वीं तक के छात्राओं की पढ़ाई कराई जाती है. प्रचार्य ने बताया कि स्कूल का निर्माण 1994 में ही किया गया था, तब से लेकर अब तक मात्र 2 कमरे में ही पढ़ाई हो रही है. इसबार से स्कूल में 12वीं की भी पढ़ाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बाउंड्री नहीं रहने को लेकर असमाजिक तत्व का जमावड़ा लगा रहता है. स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने से आए दिन बदमाश और शिक्षकों में झड़प होते रहता है.

"1994 में स्कूल का निर्माण हुआ, तब से 2 कमरे में ही पढाई हो रही है. स्कूल में कई सारी सुविधाओं की कमी है. दो कमरे में 840 छात्राएं बैठती है. स्कूल में बाउउंड्रीवाल नहीं है, जिससे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. चापाकल लगाया जाता है, लेकिन चोर खोल कर ले जाते हैं. विभाग को कई बार लिखा गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया है." -शुभाशीष झा, प्राचार्य, राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार

"मामला संज्ञान में आया है. जो भी कमियां है, उसे शिक्षा विभाग के संज्ञान में दिया जाएगा. हमलोग जल्द से जल्द उसका निवारण कर करेंगे. बाउंड्री की कमी को दूर किया जाएगा. शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. लड़के जो बदमाशी कर रहे हैं, इसको लेकर एसपी से बात कर कार्रवाई की जाएगी." -वैभव चौधरी, डीएम, सहरसा

राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार का हाल

सहरसा: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (Additional Chief Secretary KK Pathak) लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं. उम्मीद है सहरसा जिले के नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत राजकीय कन्या उच्च विद्यालय पूरब बाजार भी पहुंचेंगे, जहां टीन के शेड से बने 2 कमरे में 840 छात्राओं की पढ़ाई होती है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल का क्या हाल होगा? बारिश के समय तो 'टिप टिप बरसा पानी' वाला हाल हो जाता है. छात्राएं भींग कर पढ़ाई करती है, बस्ता तक भींग जाता है.

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विद्यालय का भवन जर्जरः बता दें कि राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार बिहार के 20वें स्कूल में शामिल है. विद्यालय का भवन बिल्कुल जर्जर स्थिति में है. स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने कहा कि स्कूल में चहारदीवारी नहीं होने के कारण मनचले युवकों का जमावड़ा लगा रहता है. छात्राओं के साथ छेड़खानी की जाती है. विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. इसके साथ ही स्कूल में पानी पीने के लिए चापाकल नहीं है, जिस कारण दूसरे के घरों में जाकर पानी पीना होता है.

"स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण मनचले आते रहते हैं. छात्राओं से छेड़खानी और मारपीट करते हैं. स्कूल की छत से बारिश में पानी टपकता है, जिससे कीताबें भींग जाती है. स्कूल में पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण दूसरे के चापाकल से पानी पीना होता है. स्कूल में काफी समस्याएं हैं." -नूरजहां, छात्रा

1994 में स्कूल का हुआ निर्माणः स्कूल के प्रभारी प्राचार्य की माने तो दो कमरे में 840 छात्राओं की पढ़ाई होती है. जिसमें 9,10,11,और 12वीं तक के छात्राओं की पढ़ाई कराई जाती है. प्रचार्य ने बताया कि स्कूल का निर्माण 1994 में ही किया गया था, तब से लेकर अब तक मात्र 2 कमरे में ही पढ़ाई हो रही है. इसबार से स्कूल में 12वीं की भी पढ़ाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बाउंड्री नहीं रहने को लेकर असमाजिक तत्व का जमावड़ा लगा रहता है. स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने से आए दिन बदमाश और शिक्षकों में झड़प होते रहता है.

"1994 में स्कूल का निर्माण हुआ, तब से 2 कमरे में ही पढाई हो रही है. स्कूल में कई सारी सुविधाओं की कमी है. दो कमरे में 840 छात्राएं बैठती है. स्कूल में बाउउंड्रीवाल नहीं है, जिससे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. चापाकल लगाया जाता है, लेकिन चोर खोल कर ले जाते हैं. विभाग को कई बार लिखा गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया है." -शुभाशीष झा, प्राचार्य, राजकीय कन्यां उच्च विद्यालय पूरब बाजार

"मामला संज्ञान में आया है. जो भी कमियां है, उसे शिक्षा विभाग के संज्ञान में दिया जाएगा. हमलोग जल्द से जल्द उसका निवारण कर करेंगे. बाउंड्री की कमी को दूर किया जाएगा. शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. लड़के जो बदमाशी कर रहे हैं, इसको लेकर एसपी से बात कर कार्रवाई की जाएगी." -वैभव चौधरी, डीएम, सहरसा

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