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पेड़-पौधों में दिलचस्पी के कारण घर पर लगाई नर्सरी, अब कमा रही हैं लाखों रुपये

गीता कुमारी ने बताया कि घर में अकेले होने की वजह से थोड़ी बहुत परेशानियां होती है. लेकिन फूलों का जुनून उन्हें कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया है. बच्चे बड़े हो गए हैं इसी वजह से नर्सरी के लिए समय भी निकाल लेते हैं.

नर्सरी चलाने वाली महिला
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Published : Jun 14, 2019, 10:49 PM IST

रोहतास: आजकल महिलाएं भी किसी मामले में पुरुषों से कम नहीं है. इस कहावत को चरितार्थ किया है जिले की रहने वाली एक महिला गीता कुमारी सिंह ने, इन्होंने अपने घर पर विशाल नर्सरी लगाई है जो लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है. यहां दूर-दूर से लोग अपने पसंदीदा फूल के पौधों की खरीदारी करने आते हैं. स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने खुद से अपने ससुराल में नर्सरी जैसे व्यवसाय को अपनाकर आय का एक बेहतरीन साधन बना लिया है.

गीता कुमारी सिंह ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी होते ही शादी होने के बाद उन्होंने अपने ससुराल में ही नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया था. शुरू से पेड़-पौधों में दिलचस्पी रहने की वजह से नर्सरी जैसे व्यवसाय को शुरू किया. शुरुआती दौर में ही कुछ पैसे लगाए थे, लेकिन अब यह विस्तृत हो गया है. यहां कई हजार फूलों के किस्म मिलते हैं. इसकी कीमत 10 रूपये से लेकर 10000 रूपये तक होती है.

वृहद पैमाने पर लगाया नर्सरी

फूलों के जुनून ने कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया

गीता कुमारी ने बताया कि घर में अकेले होने की वजह से थोड़ी बहुत परेशानियां होती है. लेकिन फूलों का जुनून उन्हें कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया है. बच्चे बड़े हो गए हैं इसी वजह से नर्सरी के लिए समय भी निकाल लेते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ठंड के मुकाबले गर्मी में फूलों की डिमांड कम हो जाती है. इस व्यवसाय से सालाना तीन से चार लाख की आमदनी हो जाती है. नर्सरी का खर्चा 40 से 50 हजार रूपये तक आता है.

बच्चों को दे रही है अच्छी परवरिश

नर्सरी के बड़े पैमाने पर व्यवस्थित कर वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. अपने परिवार में भी बच्चों को अच्छी परवरिश और शिक्षा दे रही हैं. उन्होंने रोजगार के बारे में बताया कि इसे करने में कुछ ही पैसों का खर्चा आता है. इसलिए इसमें कड़ी मेहनत की जाए तो आमदनी अच्छी हो सकती है.

रोहतास: आजकल महिलाएं भी किसी मामले में पुरुषों से कम नहीं है. इस कहावत को चरितार्थ किया है जिले की रहने वाली एक महिला गीता कुमारी सिंह ने, इन्होंने अपने घर पर विशाल नर्सरी लगाई है जो लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है. यहां दूर-दूर से लोग अपने पसंदीदा फूल के पौधों की खरीदारी करने आते हैं. स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने खुद से अपने ससुराल में नर्सरी जैसे व्यवसाय को अपनाकर आय का एक बेहतरीन साधन बना लिया है.

गीता कुमारी सिंह ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी होते ही शादी होने के बाद उन्होंने अपने ससुराल में ही नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया था. शुरू से पेड़-पौधों में दिलचस्पी रहने की वजह से नर्सरी जैसे व्यवसाय को शुरू किया. शुरुआती दौर में ही कुछ पैसे लगाए थे, लेकिन अब यह विस्तृत हो गया है. यहां कई हजार फूलों के किस्म मिलते हैं. इसकी कीमत 10 रूपये से लेकर 10000 रूपये तक होती है.

वृहद पैमाने पर लगाया नर्सरी

फूलों के जुनून ने कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया

गीता कुमारी ने बताया कि घर में अकेले होने की वजह से थोड़ी बहुत परेशानियां होती है. लेकिन फूलों का जुनून उन्हें कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया है. बच्चे बड़े हो गए हैं इसी वजह से नर्सरी के लिए समय भी निकाल लेते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ठंड के मुकाबले गर्मी में फूलों की डिमांड कम हो जाती है. इस व्यवसाय से सालाना तीन से चार लाख की आमदनी हो जाती है. नर्सरी का खर्चा 40 से 50 हजार रूपये तक आता है.

बच्चों को दे रही है अच्छी परवरिश

नर्सरी के बड़े पैमाने पर व्यवस्थित कर वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. अपने परिवार में भी बच्चों को अच्छी परवरिश और शिक्षा दे रही हैं. उन्होंने रोजगार के बारे में बताया कि इसे करने में कुछ ही पैसों का खर्चा आता है. इसलिए इसमें कड़ी मेहनत की जाए तो आमदनी अच्छी हो सकती है.

Intro:रोहतास। महिलाएं भी अब किसी पुरुष से कम नहीं है। इस कहावत को चरितार्थ किया है सासाराम की रहने वाली एक महिला ने जो स्नातक करने के बाद खुद एक व्यवसाय कर लाखों रुपए की कमाई कर रही है।


Body:जिला मुख्यालय के सासाराम में विशाल नर्सरी लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है। यहां दूर-दूर से लोग अपने पसंदीदा फूलों की खरीदारी करने आते हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस नर्सरी का मालिक कोई पुरुष नहीं बल्कि एक साक्षर महिला है। जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद अपने ही ससुराल में नर्सरी जैसे व्यवसाय को कर अपने घरों को रोजी-रोटी का मुकम्मल इंतजाम कर लिया। नर्सरी चलाने वाली महिला ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी होते ही शादी होने के बाद वह अपने ससुराल में ही नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया था। शुरू से फूल पौधे में दिलचस्पी रहने की वजह से वह नर्सरी जैसे व्यवसाय को शुरू किया। शुरुआती दौर में है कुछ ही पैसे लगाया लेकिन अब यही नर्सरी एक विशाल नर्सरी का रूप धारण कर लिया है। यहां कई हजार फूलों के किस्म पाए मिलते है। जहां जिसकी कीमत ₹10 से लेकर ₹10000 तक होता है। वही महिला ने बताया कि घर में अकेले होने की वजह से थोड़ी बहुत परेशानियां होती है। लेकिन फूलों का जुनून उन्हें कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ा दिया। वहीं महिला ने बताया कि उसके बच्चे अभी भी अच्छी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। वही नर्सरी के बारे में बताया कि गर्मी के दिनों में थोड़े बहुत फूलों की डिमांड कम हो जाती है लेकिन जैसे ही ठंडी का मौसम आता है फूलों की बिक्री काफी बढ़ जाती है। महिला ने बताया कि इस व्यवसाय में वह तकरीबन तीन लाख से चार लाख की आमदनी बखूबी कर लेती है। जबकि उसका खर्च 40 से ₹50000 ही आता है। वही जब महिला से पूछा गया कि नर्सरी के व्यवसाय में वह कितने लोगों को रोजगार दिया है तो उन्होंने बताया कि नर्सरी के व्यवसाय में तकरीबन 3 लोगों को अब तक रोजगार दे चुकी है जो सारी की सारी महिलाएं ही हैं।


Conclusion:बरहाल नर्सरी का बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं कर वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही है। वही अपने परिवार में भी बाल बच्चे को अच्छी परवरिश और शिक्षा उच्च भी शिक्षा दे रही है। वहीं महिला ने बताया कि इस रोजगार को करने में कुछ ही पैसों का खर्च होता है। लिहाजा इसे कड़ी मेहनत से अगर किया जाए तो आमदनी काफी होती है।

बाइट। नर्सरी चलाने वाली महिला
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