रोहतास: सासाराम में लॉक डाउन के बाद लोगों की जिंदगी थम गई है. इस लॉकडाउन में बेजुबान जानवरों को भी खाने-पीने को लेकर मुश्किल हो रही है. लेकिन इन बेजुबान जानवरों के लिए बिक्रमगंज के एसडीएम इन दिनों मसीहा बने हुए हैं.
एसडीएम विजयंत इस संकट की घड़ी में मानवों को सुरक्षित रखने के लिए अपने 24 घंटे न्योछावर करने के संकल्प के साथ दिनारा प्रखंड के भलूनी स्थित अति प्राचीन ऐतिहासिक यक्षिणी भवानी मंदिर के समक्ष सैकड़ों की संख्या में सदियों से रह रहे बंदरों को जीवित रखने के पक्ष में भी काम कर रहे हैं.
ग्रामीण कर रहे तारीफ
अपने इस व्यस्त कार्य में भी कुछ समय निकालकर चना के साथ बंदरों के बीच पहुंचकर उन्हें खिलाना एसडीएम ने अपना धर्म बना लिया है. एसडीएम की इस मानवता पूर्ण कार्यों की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं.
सभी प्राणियों का जीवित रहना अनिवार्य
इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि पृथ्वी की संतुलिता के लिए निवास करने वाले सभी प्राणियों का जीवित रहना अनिवार्य है. सभी प्राणियों के बीच अनुनाश्रय संबंध है जिसके वैज्ञानिक पक्ष भी है. इसके साथ ही गांव में पहुंचकर लोगों से लॉक डाउन का अनुपालन करने की अपील करने की विनम्र शैली भी लोगों को खूब भा रही है.