रोहतास: बिहार के रोहतास में जिला व्यवहार न्यायालय (District Civil Court in Rohtas) के एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने गवाही के लिए लंबित एक 11 साल पुराने मामले में मधुबनी एसपी और भोजपुर एसपी पर पांच-पांच हजार का अर्थदंड लगाया है. इसके साथ ही राजपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ भी पांच हजार का हर्जाना लगाया गया है.
पढ़ें-Patna High Court ने बिहार सरकार पर लगाया 10 लाख का जुर्माना, वेतन निर्धारण से जुड़ा है मामला
क्या है पूरा मामला: गवाहों को प्रस्तुत करने की लापरवाही को लेकर कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए यह अर्थदंड लगाया है. यह मामला राजपुर थाना कांड संख्या 37/ 12 से जुड़ा है. बताया जाता है कि इसका ट्रायल उक्त कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने इस मामले में एसपी रोहतास के माध्यम से गवाहों को प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था. नियत तिथि के बीत जाने के बाद कोर्ट ने कई बार उक्त पदाधिकारियों को सभी कानून सम्मत आदेश जारी किए थे. इसके बावजूद भी तीनों पदाधिकारी गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत करने में लापरवाही बरत रहे. वहीं कोर्ट ने तीनों पर हर्जाना लगाने का फैसला लिया और राशि अगली नियत तिथि तक जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का आदेश जारी किया है.
सासाराम नगर थानाध्यक्ष से मंगा स्पष्टीकरण: वहीं एक अन्य मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शक्तिधर भारती ने सासाराम नगर थानाध्यक्ष को कोर्ट में शशरीर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि आवेदक सुजीत कुमार वर्मा ने सीजेएम कोर्ट मे तीस हजार रुपये और मोबाइल फोन की उन्मुक्ति के लिए सीजीएम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया था. कोर्ट ने मामले में जांच के बाद नगर थानाध्यक्ष को आवेदक के रुपये और मोबाइल को लौटाने का आदेश जारी किया था. जिसके बाद भी थानाध्यक्ष के द्वारा कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए जब्त मोबाइल और रुपये को वापस कराने में लापरवाही बरती जा रही थी.