रोहतासः बिहार के रोहतास जिले के सासाराम के रहने वाले बॉक्सर श्यामानंद (Rohtas Boxer Shyamanand) ने मैट्रिक्स फाइट नाइट 10 दुबई (Matrix Fight Night Season 10 in Dubai) में जीत हासिल कर अपने देश का नाम रौशन किया है. दरसअल बीते 18 नवंबर की रात दुबई में मैट्रिक्स फाइट नाइट 10 का आयोजन किया गया था, जिसमें दुनिया भर के मिक्स मार्शल आर्ट के 20 बॉक्सरों ने हिस्सा लिया. दुबई में हुए मैट्रिक्स फाइट में रोहतास के श्यामानंद ने शानदार जीत हासिल की. अपने गृह जिले सासाराम में लौटने के बाद श्यामानंद को बधाइ देने का तांता लगा हुआ है. लोग उनके घर पहुंच कर शुभकामनाएं दे रहे हैं.
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खेल प्रेमियों ने किया श्यामानंद का WELCOME: सासाराम के रहने वाले श्यामानंद ने 18 नवंबर को दुबई में आयोजित मैट्रिक्स फाइट नाइट-10 वर्ल्ड चैंपियनशिप में इंग्लैंड के रिचर्ड अलेक्जेंडर को हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया है. इतने बड़े मुकाम हासिल करने के बाद से श्यामानंद जब अपने गृह जिला सासाराम पहुंचे तो स्थानीय लोगों एवं खेल प्रेमियों ने उनका जमकर स्वागत किया. जिले के लोग बॉक्सर श्यामानंद की इस जीत से काफी खुश हैं.
18 नवंबर को दुबई में हुआ मुकाबलाः बता दें कि सासाराम जैसे छोटे शहर से निकलकर फाइटिंग में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाला श्यामानंद पहला स्पोर्ट्स मैन हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई एवं ट्रेनिंग सासाराम में ही हुई है. 18 नवंबर को दुबई में हुए मैट्रिक्स फाइट नाइट-10 में श्यामानंद कमाल दिखाकर अभी अपने शहर लौटे हैं. वह करन सराय मोहल्ले के रहने वाले हैं, जिन्होंने अपने प्रतिद्वंदी इंग्लैड के रिचर्ड एलेग्जेंडर को नॉकआउट में पराजित कर हिंदुस्तान का मान बढ़ाया उन्होंने फ्री हैंड फाइटिंग के रिंग में अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी दी.
"दुबई में हुए मैट्रिक्स फाइट नाइट 10 मेरा फाइनल मुकाबला वर्ल्ड चैंपियनशिप में इंग्लैंड के रिचर्ड अलेक्जेंडर के साथ था, जो काफी अच्छे खिलाड़ी हैं. मैने उनको नॉकआउट किया. काफी मुश्किल था एक बेहतरीन खिलाड़ी के साथ मुकाबला करना, लेकिन हिम्मत और विश्ववास के साथ खेला और मुझे जीत मिली. इस सफलता में सभी का योगदान रहा." - श्यामानंद, विनर, मैट्रिक्स फाइट नाइट 10
परिवार में खुशियों की लहरः रोहतास के ब्रह्मानंद गुप्ता के पुत्र श्यामानंद बचपन से ही प्रतिभाशाली थे. अपने लक्ष्य के प्रति उनकी सजगता ही उसे वहां तक लेकर गई. श्यामानंद कहते हैं कि उनके सफलता में सब का योगदान है. सासाराम के लोगों की आशा और उम्मीदें उनसे बहुत है. अपने माता-पिता के साथ पूरे शहर का मान-सम्मान बढ़ाना उनका लक्ष्य है. बेटे की इस सफलता से पूरा परिवार खुशियों में डूबा है. श्यामानंद की मां ने कहा कि वो अपने बेटे की कामयाबी से काफी खुश हैं और जब वो इस फिल्ड में आए हैं तो इसमें और अच्छा करें. लोग भी मेरे बेटे को सपोर्ट करें, ताकि वो और अच्छा खेलें और देश का नाम रोशन करे.