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करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस का हाल बदहाल, अब तक नहीं हो सका है उद्घाटन

सासाराम के सदर अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस आज भी उद्घाटन की बाट जोह रहा है. सरकार की उदासीनता के कारण ये आज तक चालू नहीं हो सका है.

पोस्टमार्टम हाउस बदहाल
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Published : Jun 1, 2019, 5:51 PM IST

रोहतास: सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव पूरे बिहार में देखा जा सकता है. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल आज भी असुविधाओं की मार झेल रहा है. यहां करोड़ों रुपय खर्च कर नया पोस्टमार्टम का भवन सरकार की उदासीनता के कारण आज तक चालू नहीं हो सका है.

rohtas
पोस्टमार्टम हाउस बदहाल

सरकार स्वास्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च करने का दावा करती है. लेकिन यह दावा महज हवा-हवाई ही बनकर रह जाता है. शहर हो या गांव हर जगह पर सरकारी अस्पताल इन दिनों खुद बीमार है. दरअसल, सासाराम के सदर अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस आज भी उद्घाटन की बाट जोह रहा है. कई वर्ष बीत जाने के बाद भी ये पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं हो सका. लिहाजा पोस्टमार्टम हाउस की बिल्डिंग अब धीरे-धीरे अपना वजूद खोते जा रहा है.

पोस्टमार्टम हाउस बदहाल

पोस्टमार्टम हाउस जर्जर

वहीं, पूरे पोस्टमार्टम हाउस की तस्वीर देख कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गौर करने वाली बात तो ये है कि पोस्टमार्टम हाउस सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल बगल में ही है. इसके बावजूद वहां की गंदगी ऐसी जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. बहरहाल नए पोस्टमार्टम हाउस के बारे में जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दी गयी है. लेकिन अब तक इसपर कोई ठोस कदम नहीं लेने के कारण ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है.

रोहतास: सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव पूरे बिहार में देखा जा सकता है. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल आज भी असुविधाओं की मार झेल रहा है. यहां करोड़ों रुपय खर्च कर नया पोस्टमार्टम का भवन सरकार की उदासीनता के कारण आज तक चालू नहीं हो सका है.

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पोस्टमार्टम हाउस बदहाल

सरकार स्वास्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च करने का दावा करती है. लेकिन यह दावा महज हवा-हवाई ही बनकर रह जाता है. शहर हो या गांव हर जगह पर सरकारी अस्पताल इन दिनों खुद बीमार है. दरअसल, सासाराम के सदर अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस आज भी उद्घाटन की बाट जोह रहा है. कई वर्ष बीत जाने के बाद भी ये पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं हो सका. लिहाजा पोस्टमार्टम हाउस की बिल्डिंग अब धीरे-धीरे अपना वजूद खोते जा रहा है.

पोस्टमार्टम हाउस बदहाल

पोस्टमार्टम हाउस जर्जर

वहीं, पूरे पोस्टमार्टम हाउस की तस्वीर देख कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गौर करने वाली बात तो ये है कि पोस्टमार्टम हाउस सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल बगल में ही है. इसके बावजूद वहां की गंदगी ऐसी जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. बहरहाल नए पोस्टमार्टम हाउस के बारे में जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दी गयी है. लेकिन अब तक इसपर कोई ठोस कदम नहीं लेने के कारण ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय सदर अस्पताल आज भी आ सुविधाओं की मार झेल रहा है। सदर अस्पताल में करोड़ों रुपया खर्च कर नया पोस्टमार्टम का भवन बनाया गया था। लेकिन अफसोस सरकार की उदासीनता के कारण वो आजतक चालू नहीं हो सका।


Body:सरकारी अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव पूरे बिहार में देखा जा सकता है। यह बात हकीकत है कि सरकार स्वास्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च करने का दावा करती है। लेकिन यह दावा महज हवा-हवाई ही बनकर रह जाता है। शहर हो या गांव हर जगह पर सरकारी अस्पताल इन दिनों खुद बीमारी की हालत से जूझ रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा सासाराम के सदर अस्पताल में भी आपको देखने को मिलेगा। जहां कई सालों से करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस आज भी उद्घाटन की बांट झोह रहा है। वही पोस्टमार्टम हाउस बनकर तैयार होने के बाद नहीं चालू होना लोगों के लिए एक मायूसी भरा संदेश है। गौरतलब है कि सदर अस्पताल के अंदर करोड़ों रुपयों की लागत से पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया था। ताकि लाशों का सही ढंग से पोस्टमार्टम किया जा सके। लेकिन अफसोस कई वर्ष बीती जाने के बाद भी ये पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं हो सका। नतीजा पोस्टमार्टम हाउस का बिल्डिंग अब धीरे धीरे वजूद खोते जा रहा है। वहीं भवन की टूटी खिड़कियां इस बात की गवाही दे रही है कि किस तरह सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर चुकी लेकिन अबतक पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं किया जा सका। वहीं पूरे पोस्टमार्टम हाउस की तस्वीर देख कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। वहां गंदी की अम्बर ऐसी की कोई जा नहीं पाए। सबसे गौर फरमाने वाली बात तो ये है कि पूरा पोस्टमार्टम हाउस जी आज भी इस्तेमाल किया जाता है वो सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल बगल में ही है। उसके बावजूद वहां की गंदगी ऐसी जिसका अंदाज़ लगाना मुश्किल है। बहरहाल नए पोस्टमार्टम हाउस के बारे में जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो जन्होने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दिया गया ही। लेकिन अबतक इसपर कोई ठोस अमल नहीं होने की वजह से ही ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है।


Conclusion:बहरहाल सरकार की उदासीनता की वजह से है आज करोड़ों की लगात से बना पोस्टमार्टम हाउस बर्बाद होने के दहलीज पर खड़ा है। लिहाजा अधिकारियों को इस बार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि इसका फायदा लोगों को मिल सके।

बाइट। सिविल सर्जन जनार्धन सिंह
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