रोहतास: रामनवमी के दौरान सासाराम शहर सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ गया था. जमकर तोड़फोड़, बमबाजी और आगजनी तक हुई थी, जिसके बाद इस बार मोहर्रम में जिला प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रही है. जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.
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मोहर्रम को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट: रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे जिले में 449 जगह पर ताजिया की जुलूस निकाली जा रही है. जिसको लेकर सभी कमेटियों के साथ बैठक कर लिया गया है. साथ ही रोहतास जिला में बीएसएफ ,बीएमपी और सीआरपीएफ की भी तैनाती कर दी गई है.
"मोहर्रम के जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर पूर्णत: रोक लगा दिया गया है. अगर कहीं से भी डीजे बजाने की बात सामने आएगी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी."- धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, रोहतास
2900 लोगों पर निषेधाज्ञा: इसके अलावा डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 2900 लोगों पर निषेधाज्ञा की भी कार्रवाई की गई है. अगर कहीं से किसी तरह की गड़बड़ी की कोई सूचना आएगी, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मोहर्रम मनाने की अपील की है.
किया गया फ्लैग मार्च: इससे पहले 27 जुलाई को पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया. सादे लिबास में महिला व पुरुष जवानों की तैनाती की गई है. गड़बड़ी फैलाने वालों और उपद्रवियों पर पैनी नजर रखी जा रही है.
रामनवमी की घटना से प्रशासन ने ली सीख: रामनवमी के जुलूस के दौरान रोहतास का सासाराम रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. दो समुदायों के बीच खूनी झड़प के बाद हालात बद से बदतर हो गए थे. मोहर्रम में हालात ना बिगड़े इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है.