रोहतास: बिहार के रोहतास में इन दिनों लूट सको तो लूट लो वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. पूरा मामला जिले के डेहरी नगर परिषद (Dehri Municipal Council of Rohtas) से जुड़ा है. जहां दिन के उजाले में लूट का खेल चल रहा है और इस लूट के सूत्रधार नगर परिषद के ईओ बताये जा रहे हैं. वहीं, अब नगर परिषद के ईओ कुमार ऋत्विक के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का गम्भीर आरोप लगाते हुए, नगर परिषद के वार्ड पार्षद सह चेयरमैन के पति संजीत सहित स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है और ईओ पर कार्रवाई की मांग की है.
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ईओ पर लगे आरोपों की लंबी है फेहरिस्त : दअरसल डेहरी नप के ईओ कुमार ऋत्विक पर वार्ड 34 पार्षद संजीत सिंह ने जिस तरह से गम्भीर आरोप लगाये हैं, वो हैरान कर देने वाले हैं. सबसे बड़ी बात की आम जनता के पैसे को यह अधिकारी कुर्सी पर बैठ कर जिस तरह से अपनी मनमानी कर जेबे भर रहें है, लूट का खेल खेल रहे हैं. ये कब तक चलेगा. वार्ड पार्षद संजीत सिंह ने नप ईओ पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक और सीटो विजन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सुमित कुमार के संबंधों की जांच हो, क्योंकि दोनों की मिलीभगत से नप में बड़ी लूट को अंजाम दिया गया है.
'कंट्रोल रूम पर उक्त कंपनी को करीब 32 लाख 83 हजार, नगर परिषद कार्यालय के नीचे जेम पोर्टल के माध्यम से निविदा किया गया और सीटो विजन को दिया गया. उसका 42 लाख 37190 रुपए भुगतान किया गया जबकि मुख्य पार्षद ने अनुमोदन नहीं किया था. और अधिकारी द्वारा अनुमोदन लिख दिया गया है. कोटेशन के माध्यम से खंडित कर सीटो विजन एवं सुमित कुमार को पेमेंट किया गया.' - संजीत सिंह, वार्ड पार्षद
ईओ पर लगे गंभीर आरोप : वार्ड पार्षद ने बड़ा आरोप लगाते हुए आगे कहा कि साढ़े 3 साल की अवधि में पटना का सबसे चर्चित मॉल जो ओल्ड बाईपास रोड कंकड़बाग में है, उस ग्रैविटी मॉल को भी सुमित कुमार के द्वारा कार्य कराया जा रहा है. साथ ही इसके शेयर होल्डर नप के कार्यपालक पदाधिकारी हैं. पार्षद संजीत सिंह ने मांग किया कि सीटो विजन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और कार्यपालक पदाधिकारी की खाते की जांच की जाए, जिससे सवा दो करोड़ के वित्तीय अनियमितता का खुलासा हो सकता है. वहीं पूरे मामले पर डेहरी नगर परिषद की सभापति विशाखा सिंह ने बताया कि वार्ड पार्षद संजीत सिंह के द्वारा साक्ष्य के साथ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, वित्तीय अनियमितता की बात सामने आई है. बोर्ड की बैठक में सारे प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया है. मेरे द्वारा वरीय अधिकारियों को कार्रवाई हेतु पत्र के मार्फत सूचित की जाएगी.
सासाराम और बिक्रमगंज के ईओ भी रहे हैं घोटाले के आरोपी : बता दें कि कार्यपालक पदाधिकारी पर वित्तीय अनिमितता को लेकर आरोप लगना जिले में कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी बिक्रमगंज नगर पंचायत की ईओ प्रेम स्वरूपम भी पौने दो करोड़ के गबन में दोषी पाई गई थीं. एक वार्ड पार्षद ललन प्रसाद तथा एक पत्रकार के द्वारा की गई शिकायत के आलोक में रोहतास डीएम धर्मेंद्र कुमार द्वारा बिक्रमगंज के अनुमंडल अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. जिस टीम ने जांच के बाद पाया कि सड़क पर लगाए गए मेंटालिक साइन बोर्ड के 1 करोड़ 11 लाख तथा ई रिक्शा के खरीद के लिए 80 लाख रुपए से अधिक की राशि अनियमितता पूर्ण तरीके से भुगतान किया गया था. वहीं सासाराम नगर परिषद अब नगर निगम की ईओ रही कुमारी हिमानी और चेयरमैन तो हवालात की हवा भी खा चुकी हैं.
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