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रोहतास: सोन नदी में युवाओं ने बनाया नाव का पुल , सूर्य को छठ व्रती देंगे अर्घ्य

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Published : Nov 2, 2019, 2:11 PM IST

छठ के मौके पर डेहरी में मयूर क्लब पिछले 25 सालों से सोन नदी के बीचों-बीच नाव का पुल बनाता है. इसमें नाव के ऊपर बांस डालकर चकली से फूल बनाया जाता है. यह छठ व्रतियों के भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए बनाया जाता है.

सोन नदी में युवाओं ने बनाया नाव का पुल

रोहतासः लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पूरे सूबे में उत्साह है. इसी उत्साह से लबरेज जिले के डेहरी में मयूर क्लब पिछले 25 सालों से सोन नदी के बीचों-बीच नाव का पुल बनाता है. इस पुल के निर्माण में उन्हें किसी भी तरह का प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलता है.

500 मीटर का पुल
हर साल शिवगंज के युवा लगभग 500 मीटर का पुल बनाते हैं. यह छठ व्रतियों के भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए बनाया जाता है. इसको बनाने में कई नाव को लगते हैं. इसमें नाव के ऊपर बांस डालकर चकली से फूल बनाया जाता है. जो देखने में काफी आकर्षक लगता है.

सोन नदी में युवाओं ने बनाया नाव का पुल

स्थानीय लोग मिलजुलकर करते हैं पुल का निर्माण
सोन नदी के किनारे चचरी से बनाए इस पुल को पार कर अंदर टीले तक जाकर लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. इसको बनाने में लाखों रुपए का खर्च होता है. जो स्थानीय खुद से वहन करते हैं. क्लब के सदस्य अनुज कुमार बताते हैं कि स्थानीय लोग मिलजुलकर इस पुल का निर्माण करते हैं. छठ में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है.

rohtas
पुल निर्माण में लगा स्थानीय

रोहतासः लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पूरे सूबे में उत्साह है. इसी उत्साह से लबरेज जिले के डेहरी में मयूर क्लब पिछले 25 सालों से सोन नदी के बीचों-बीच नाव का पुल बनाता है. इस पुल के निर्माण में उन्हें किसी भी तरह का प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलता है.

500 मीटर का पुल
हर साल शिवगंज के युवा लगभग 500 मीटर का पुल बनाते हैं. यह छठ व्रतियों के भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए बनाया जाता है. इसको बनाने में कई नाव को लगते हैं. इसमें नाव के ऊपर बांस डालकर चकली से फूल बनाया जाता है. जो देखने में काफी आकर्षक लगता है.

सोन नदी में युवाओं ने बनाया नाव का पुल

स्थानीय लोग मिलजुलकर करते हैं पुल का निर्माण
सोन नदी के किनारे चचरी से बनाए इस पुल को पार कर अंदर टीले तक जाकर लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. इसको बनाने में लाखों रुपए का खर्च होता है. जो स्थानीय खुद से वहन करते हैं. क्लब के सदस्य अनुज कुमार बताते हैं कि स्थानीय लोग मिलजुलकर इस पुल का निर्माण करते हैं. छठ में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है.

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पुल निर्माण में लगा स्थानीय
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रोहतास - लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पूरे सूबे में उत्साह है इसी उत्साह से लबरेज जिले के डेहरी में मयूर मयूर क्लब के तत्वाधान में विगत 22 सालों से सोन नदी के बीचों-बीच 9:00 का पुल बनाया जाता है ताकि छठ करने वाले वृत्ति सोन में जाकर भगवान भास्कर को अर्घ दे सके सबसे अहम बात है कि युवाओं के द्वारा बनाए जाने वाले इस नाव के पुल में किसी भी तरह का प्रशासनिक सहयोग नहीं मिल पाता है


Body:दरअसल डेहरी स्थित सोन नदी में लोग नाम और बांस के चकरी का पुल बनाते हैं ताकि छठ व्रतियों को विश फोन में रख देने में आसानी हो देहरी के शिवगंज के युवाओं के द्वारा लगभग 500 मीटर का या पुर हर साल बनाया जाता है इस पुल को बनाने में कई नाव को लगाया जाता है और नाव के ऊपर बांस डालकर चकली से फूल बनाया जाता है जो देखने में काफी आकर्षक होता है तथा लोगों को बढ़िया अनुभूति होती है

बताया जाता है कि सोन नदी के किनारे चचरी से बनाए इस 500 मीटर के पुल को पार कर अंदर टीले तक लोग जाते हैं और वहां जाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं इस नाव और चकरी के पुल को बनाने में लाखों रुपए का खर्च होता है जो स्थानीय लोग खुद से वाहन करते हैं डेहरी के मयूर नवयुवक क्लब नामक संस्था के बैनर तले शिवगंज के युवाओं के द्वारा इसका पिछले 25 सालों से निर्माण किया जाता है क्लब के अनुज कुमार बताते हैं कि स्थानीय लोग मिलजुलकर स्कूल का निर्माण करते हैं तथा छठ में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है उनसे होकर सैकड़ों श्रद्धालु गुजरते हैं तथा बीच फोन में छठी मैया की पूजा अर्चना करते हैं


Conclusion:
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