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शाम ढलते ही यहां शुरू हो जाता है माफियाओं का खेल, बच्चों से पैक कराते हैं शराब

रोहतास जिले के डालमियानगर के गंगौली गांव में शराब माफियाओं का आतंक है. लोग माफियाओं के डर से घर में दुबककर रहने को मजबूर हैं. अंधेरा होते ही गांव के बाहर माफिया शराब बनाने में जुट जाते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि शराब के खुले खेल से हमारे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. गांव में आए दिन लोग शराब पीकर हंगामा करते हैं.

Rohtas
शराब माफियाओं का आतंक
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Published : Jan 15, 2021, 9:59 PM IST

Updated : Jan 15, 2021, 10:40 PM IST

रोहतास: बिहार में शराब पर पूर्ण पाबंदी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राज्य के आला पुलिस अधिकारी शराब के धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कहते हैं, लेकिन इसका जमीन पर कितना असर है यह रोहतास जिले के डालमियानगर के गंगौली गांव में देखा जा सकता है.

यहां शाम ढलते ही माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है. माफिया शराब बनाते और बेचते हैं. लोग शराब पीने के लिए जुटते हैं और नशे में धुत्त होकर गांव में हंगामा करते हैं. माफिया शराब पैक करने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए वे बच्चों को 50 रुपए रोज देते हैं.

देखें रिपोर्ट

शिकायत पर करते हैं मारपीट
गांव के लोगों के बीच शराब माफियाओं का आतंक है. गांव के लोगों ने कई बार पुलिस से शराब के धंधे की शिकायत की. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की. शिकायत करने पर माफियाओं ने मारपीट और गाली-गलौज की. गांव के पप्पू पासवान का कहना है कि पुलिस से शिकायत करने पर माफियाओं ने उनका हाथ तोड़ दिया था.

बेखौफ होकर बनाते हैं शराब
ग्रामीणों का आरोप है कि माफिया यहां बेखौफ होकर शराब बनाते हैं. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं. कई बार पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी शराब निर्माण की सूचना दी पर कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर रहा. पुलिस कभी-कभी छापेमारी करने जरूर आती है, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति कर लौट जाती है.

liquor rohtas
देसी शराब बनाने की सामग्री.

गांव की महिलाएं कहती हैं कि इलाके में शराब माफियाओं का इस कदर आतंक है कि वे लोग दिनदहाड़े मारपीट करने लगते हैं. गांव में खुलेआम शराब बिकने से बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है. शराब माफिया नशा कर गांव में गाली-गलौज करते हैं. यहां तक कि घर में शराब रखकर पुलिस से फंसवा देने की धमकी भी देते हैं.

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हुई और शराब माफियाओं के ठिकाने पर भी पहुंची. यहां शराब के धंधेबाजों ने कई जगह गड्ढे खोद कर अवैध शराब का निर्माण किया था. गड्ढे में प्लास्टिक की थैलियों में शराब व प्लास्टिक के बड़े-बड़े बर्तन पड़े थे.

Rohtas
शराब माफियाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला डिब्बा.

बच्चों का भविष्य हो रहा बर्बाद
"यहां शराब माफिया सक्रिय हैं. हमलोग पुलिस को सूचना देते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा सही कार्रवाई नहीं होती. हमारे बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है. लॉकडाउन के समय शराब माफियों ने मारकर मेरा हाथ तोड़ दिया. मैं थानाध्यक्ष के पास गया तो वे अपशब्द बोलने लगे."-पप्पू पासवान, ग्रामीण

"हमारे गांव में शराब का धंधा बंद होना चाहिए. शराब माफिया दरवाजे पर आकर गाली-गलौज करते हैं. चार दिन पहले मेरे दरवाजे पर कुछ शराब माफिया आए थे और धमकी दी थी कि तुमलोग हमारे खिलाफ शिकायत करते हो. तुमलोगों के साथ कोई भी हादसा हो सकता है. गाड़ी से धक्का मार देंगे."- बैजयंती देवी, ग्रामीण

रोहतास: बिहार में शराब पर पूर्ण पाबंदी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राज्य के आला पुलिस अधिकारी शराब के धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कहते हैं, लेकिन इसका जमीन पर कितना असर है यह रोहतास जिले के डालमियानगर के गंगौली गांव में देखा जा सकता है.

यहां शाम ढलते ही माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है. माफिया शराब बनाते और बेचते हैं. लोग शराब पीने के लिए जुटते हैं और नशे में धुत्त होकर गांव में हंगामा करते हैं. माफिया शराब पैक करने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए वे बच्चों को 50 रुपए रोज देते हैं.

देखें रिपोर्ट

शिकायत पर करते हैं मारपीट
गांव के लोगों के बीच शराब माफियाओं का आतंक है. गांव के लोगों ने कई बार पुलिस से शराब के धंधे की शिकायत की. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की. शिकायत करने पर माफियाओं ने मारपीट और गाली-गलौज की. गांव के पप्पू पासवान का कहना है कि पुलिस से शिकायत करने पर माफियाओं ने उनका हाथ तोड़ दिया था.

बेखौफ होकर बनाते हैं शराब
ग्रामीणों का आरोप है कि माफिया यहां बेखौफ होकर शराब बनाते हैं. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं. कई बार पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी शराब निर्माण की सूचना दी पर कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर रहा. पुलिस कभी-कभी छापेमारी करने जरूर आती है, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति कर लौट जाती है.

liquor rohtas
देसी शराब बनाने की सामग्री.

गांव की महिलाएं कहती हैं कि इलाके में शराब माफियाओं का इस कदर आतंक है कि वे लोग दिनदहाड़े मारपीट करने लगते हैं. गांव में खुलेआम शराब बिकने से बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है. शराब माफिया नशा कर गांव में गाली-गलौज करते हैं. यहां तक कि घर में शराब रखकर पुलिस से फंसवा देने की धमकी भी देते हैं.

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हुई और शराब माफियाओं के ठिकाने पर भी पहुंची. यहां शराब के धंधेबाजों ने कई जगह गड्ढे खोद कर अवैध शराब का निर्माण किया था. गड्ढे में प्लास्टिक की थैलियों में शराब व प्लास्टिक के बड़े-बड़े बर्तन पड़े थे.

Rohtas
शराब माफियाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला डिब्बा.

बच्चों का भविष्य हो रहा बर्बाद
"यहां शराब माफिया सक्रिय हैं. हमलोग पुलिस को सूचना देते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा सही कार्रवाई नहीं होती. हमारे बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है. लॉकडाउन के समय शराब माफियों ने मारकर मेरा हाथ तोड़ दिया. मैं थानाध्यक्ष के पास गया तो वे अपशब्द बोलने लगे."-पप्पू पासवान, ग्रामीण

"हमारे गांव में शराब का धंधा बंद होना चाहिए. शराब माफिया दरवाजे पर आकर गाली-गलौज करते हैं. चार दिन पहले मेरे दरवाजे पर कुछ शराब माफिया आए थे और धमकी दी थी कि तुमलोग हमारे खिलाफ शिकायत करते हो. तुमलोगों के साथ कोई भी हादसा हो सकता है. गाड़ी से धक्का मार देंगे."- बैजयंती देवी, ग्रामीण

Last Updated : Jan 15, 2021, 10:40 PM IST
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