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लॉकडाउन : 5 दिनों की पैदल यात्रा कर दिल्ली से सासाराम पहुंचे मजदूर

कोरना की वजह से सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन जारी करने का आदेश दिया है. इस वजह से देशभर में यातायात के सभी साधन ठप है. ऐसे में घर जाने की जल्दी और मजबूरी के कारण दिल्ली और देश के कई बड़े शहरों में काम करने वाले मजदूर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नापने को मजबूर हैं.

दिल्ली से सासाराम पहुंचे मजदूर
दिल्ली से सासाराम पहुंचे मजदूर
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Published : Mar 28, 2020, 9:36 PM IST

रोहतास: इन दिनों पूरे देश में कोरोना ने हाहाकर मचाया हुआ है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. इस वजह से प्रदेश समेत दिल्ली जैसे बड़े शहरों और उसके आसपास के कारखानों में काम बंद हो चुका है. इस वजह से कारखाने में काम करने वाले मजदूरों से लेकर कई गरीब लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर शहर से गांव की तरफ जाने के लिए मजबूर हैं. मजदूर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहें हैं.

दिल्ली से पैदल बिहार आ रहे मजदूर
दिल्ली से पैदल चलकर बिहार आ रहे मजदूरों का समूह जब सासराम पहुंचा तो जब उनसे मजदूरों से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की तो मजदूरों ने बताया कि वे लोग दिल्ली से बिहार के आने के लिए पैदल ही निकल गए. 23 मार्च को दिल्ली से चले थे. तीन दिनों तक लगातार चलने के बाद वे केवल आगरा पहुंचे थे. शुक्रवार 28 मार्च को को सासाराम पहुंचे हैं. अभी उन्हें और आगे जाना है. कई लोगों को मुजफ्फरपुर,समस्तीपुर और दरभंगा तक का सफर तय करना है. मजदूरों का कहना है कि उन लोगों के पास पैसे भी खत्म हो गए हैं. भूख-प्यास की वजह से हमलोगों की हालत बेहद खराब हो गई है. मजदूरों ने बताया कि रास्ते में कुछ लोगों ने मदद की लेकिन कहीं पर भी सरकार या फिर उनके नुमाइंदे ने किसी तरह की मदद नहीं की.

पैदल घर जा रहे मजदूरों का जत्था
पैदल घर जा रहे मजदूरों का जत्था

जिला प्रशासन ने की ठहरने की व्यावस्था
इस मामले पर सासाराम अनुमंडल अधिकारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन को जैसे ही मजदूरों के बारे में पता चला. वैसे ही फौरन मजदूरों के लिए नोखा में उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार कार्य किया जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों के लिए राशि जारी किया था. इसके लिए कई अधिकारी दिल्ली में युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. सरकार ने मजदूरों के लिए एक हेल्प लाईन नंबर भी जारी किया था. वहीं, सूबे के कई जिलों में मजदूरों और बेसहारों के लिए मुफ्त में भोजन और आवास की व्यवस्था भी करवा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बढ़ रहा कोरोना का प्रभाव
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. लॉक डाउन 14 अप्रैल तक देश में लागू रहेगा. बता दें कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देशभर में यह आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

रोहतास: इन दिनों पूरे देश में कोरोना ने हाहाकर मचाया हुआ है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. इस वजह से प्रदेश समेत दिल्ली जैसे बड़े शहरों और उसके आसपास के कारखानों में काम बंद हो चुका है. इस वजह से कारखाने में काम करने वाले मजदूरों से लेकर कई गरीब लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर शहर से गांव की तरफ जाने के लिए मजबूर हैं. मजदूर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहें हैं.

दिल्ली से पैदल बिहार आ रहे मजदूर
दिल्ली से पैदल चलकर बिहार आ रहे मजदूरों का समूह जब सासराम पहुंचा तो जब उनसे मजदूरों से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की तो मजदूरों ने बताया कि वे लोग दिल्ली से बिहार के आने के लिए पैदल ही निकल गए. 23 मार्च को दिल्ली से चले थे. तीन दिनों तक लगातार चलने के बाद वे केवल आगरा पहुंचे थे. शुक्रवार 28 मार्च को को सासाराम पहुंचे हैं. अभी उन्हें और आगे जाना है. कई लोगों को मुजफ्फरपुर,समस्तीपुर और दरभंगा तक का सफर तय करना है. मजदूरों का कहना है कि उन लोगों के पास पैसे भी खत्म हो गए हैं. भूख-प्यास की वजह से हमलोगों की हालत बेहद खराब हो गई है. मजदूरों ने बताया कि रास्ते में कुछ लोगों ने मदद की लेकिन कहीं पर भी सरकार या फिर उनके नुमाइंदे ने किसी तरह की मदद नहीं की.

पैदल घर जा रहे मजदूरों का जत्था
पैदल घर जा रहे मजदूरों का जत्था

जिला प्रशासन ने की ठहरने की व्यावस्था
इस मामले पर सासाराम अनुमंडल अधिकारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन को जैसे ही मजदूरों के बारे में पता चला. वैसे ही फौरन मजदूरों के लिए नोखा में उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार कार्य किया जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों के लिए राशि जारी किया था. इसके लिए कई अधिकारी दिल्ली में युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. सरकार ने मजदूरों के लिए एक हेल्प लाईन नंबर भी जारी किया था. वहीं, सूबे के कई जिलों में मजदूरों और बेसहारों के लिए मुफ्त में भोजन और आवास की व्यवस्था भी करवा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बढ़ रहा कोरोना का प्रभाव
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. लॉक डाउन 14 अप्रैल तक देश में लागू रहेगा. बता दें कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देशभर में यह आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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