रोहतास: बिहार विधानसभा में बुधवार को शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) विधेयक पास हो गया. आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने सदन में मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Liquor Prohibition Amendment Bill 2022) पेश किया था. संशोधन को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी. विधेयक पास होने के बाद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.
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पप्पू यादव ने सरकार पर कसा तंज: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि एक बार पीने वाले को छूट देकर छोड़ने के प्रावधान का मतलब साफ है कि बिहार में शराब चलेगा. सरकार अपनी हर कैबिनेट की बैठक में नए-नए कानून बनाकर शराबबंदी को कमजोर करने में लगी हुई है. उन्होंने सासाराम में कहा की जिस तरह से अधिकारियों की बात में आकर शराबबंदी में रोज नए कानून और प्रावधान लाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई मुकम्मल सुधार नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि आम लोगों के बीच सहमति बनाकर आवश्यक संशोधन करें.
एमएलसी चुनाव को लेकर जनसंपर्क करने पहुंचे थे जाप प्रमुख: दअरसल जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव कैमूर-रोहतास विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव जनसंपर्क करने सासाराम पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी कानून में लाए गए संशोधन का मजाक उड़ाया. कहा कि सरकार यह मान गई है कि बिहार में शराब मौजूद है. तभी तो एक बार शराब पीने पर सिर्फ जुर्माना देकर कोई छूट सकता है. इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद चुनाव में धनबल की बहुलता पर चिंता व्यक्त किया और कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में पंचायत प्रतिनिधियों से वोट मांगा.
शराबबंदी कानून में संशोधन विधेयक पास: बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया गया, जो पास हो गया. संशोधिक विधेयक को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा. इस विधेयक में एक तरफ जहां लोगों को राहत दी गई है, वहीं तरफ सख्ती भी बरती गई है. जुर्माना देकर शराब पीने वालों को छोड़ने का प्रावधान है तो कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ बुलडोजर भी चलेगा. सत्ता पक्ष का कहना है कि संशोधन के बाद इन कानून को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा. हालांकि आरजेडी का दावा है कि सरकार बैकफुट पर है. वहीं कांग्रेस की विधायक ने शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग की.
अप्रैल 2016 से शराबबंदी: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.
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