रोहतासः मौसम की मार के कारण जिले में रबी की फसल प्रभावित हो रही है. ऐसे में रबी की फसलों के पहले पटवन के लिए किसानों को नहरों में पानी की आवश्यकता होती है. सिंचाई विभाग ने फिलहाल पश्चिमी संयोजन नहर में दो हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे किसानों को रवि की अच्छी फसल की उम्मीद जगी है. हालांकि इलाके के कुछ किसान इसे नाकाफी बता रहे हैं. किसानों का कहना है कि हर साल उन्हें पटवन के लिए खुद के संसाधनों पर ही निर्भर रहना पड़ता है.
दो लाख 73 हजार हेक्टेयर का है लक्ष्य
सिंचाई विभाग ने रवि की फसलों की सिंचाई के लिए इस बार दो लाख 73 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है. जिसके लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था की जा रही है. शाहबाद के किसानों को पटवन का पानी देने के लिए 25 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन इस बार एक पखवारे के विलंब के साथ इंद्रपुरी बराज से पटवन का पानी छोड़ा गया है.
पहली खेप में छोड़ा गया 2000 क्यूसेक पानी
इस सीजन की पहली खेप में 2000 क्यूसेक पानी इंद्रपुरी बराज से छोड़ा गया है. पानी से रोहतास के अलावे कैमूर, बक्सर और भोजपुर के किसानों को भी लाभ मिलेगा. लेकिन जिले के किसानों का कहना है कि जो पानी पटवन के लिए मिल रहा है, वह बहुत कम है हम लोग खुद संसाधन जुटाकर खेतों में पटवन कर रहे हैं. लेकिन सभी किसान ऐसा नहीं कर पाते जिससे उनकी फसल बर्बाद हो जाती है.
टारगेट के मुताबिक मिलेगा सभी को पानी
सिंचाई विभाग के आयोजन और मॉनिटरिंग प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भावनाथ सिंह ने बताया कि अपने हिस्से के पानी पर यूपी झारखंड और बिहार की बात हो चुकी है. टारगेट के मुताबिक पानी भी मिलेगा. प्रत्येक वर्ष सिंचाई के लक्ष्य को बढ़ाया जा रहा है यह रवि और खरीफ दोनों फसलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
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'नहीं होने दी जाएगी किसानों को पानी की कमी'
कार्यपालक अभियंता ने ये भी कहा कि किसानों को पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी. खासकर रोहतास कैमूर जिले को आपूर्ति दी जा रही है. वहीं, बक्सर और भोजपुर पर भी नजर रखी जा रही है. अगर पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंचा तो आपूर्ति और बढ़ा दी जाएगी. बहरहाल अगर सिंचाई विभाग समय पर सिंचित क्षेत्रों में नहरों के माध्यम से पानी पहुंचा दे तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.