रोहतास: बिहार सरकार के दावों के बावजूद रोहतास में यूरिया की किल्लत (Shortage of Urea Fertilizer in Rohtas) से यहां के किसान परेशान हैं. आलम यह है कि इस कड़ाके की ठंड में भी महिला और पुरुष किसान को-ऑपरेटिव के पास सुबह 3 बजे से ही लाइन में खड़े देखे जा सकते हैं.
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दरअसल जिले में इन दिनों यूरिया खाद की किल्लत हो गई है. किसान खाद के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगे हैं. सबसे बड़ी ये बात है कि खाद के लिए कई महिला किसान भी सुबह से ही को-ऑपरेटिव के पास आ जाती हैं, लेकिन उन लोगों को उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. यूरिया के लिए खेत खलिहान को छोड़कर किसान उर्वरक विक्रेताओं से लेकर कृषि विभाग के कार्यालय तक दौड़ लगा रहे हैं.
खाद लेने पहुंची कई महिलाओं ने बताया कि तीन-तीन दिन से वो लोग खाद के लिए दौड़ रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. किसानों का आरोप है कि यूरिया की उपलब्धता के बावजूद भी उन्हें उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. ऐसे में अधिकारियों का दावा ठीक इससे उलट है, उनका कहना है कि किसानों को खाद मुहैया कराई जा रही है.
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बता दें कि रबी की फसलों के लिए इन दिनों यूरिया की आवश्यकता है. ऐसे में अचानक से यूरिया बाजार से गायब हो गई है, जिस कारण यूरिया की कालाबाजारी (Black Marketing of Urea) धड़ल्ले से की जा रही है. अधिकारी के मुताबिक जिले में गेहूं की फसल के लिए 58 हजार एमटी यूरिया की जरूरत है, अब तक करीब 30 हजार एमटी यूरिया की खेप जिले में पहुंच चुकी है. विक्रेताओं के पास फिलहाल 1215 एमटी यूरिया है. वहीं, स्टॉक में दो हजार एमटी यूरिया है.
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