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रोहतास: डैम में पानी नहीं होने से गहराया जल संकट, 8 जिलों के किसान मायूस

पहले जहां 25 मई तक नहरों में पानी छोड़ दिया जाता था. वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि यह समय सीमा 5 जून के बाद तक चली जाएगी.

सूखा पड़ा डैम
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Published : Jun 1, 2019, 6:55 PM IST

रोहतास: जिले के इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से बिहार के 8 जिलों में सिंचाई होती है. लेकिन, इस बार बारिश नहीं होने से भयावह जल-संकट मंडरा रहा है. डैम में पानी नहीं है, जिससे समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. वहीं, किसान भी बिना पानी के खेती नहीं कर पा रहे हैं. खेतों में पानी नहीं पहुंचने से हाहाकार की स्थिति मची हुई है.

दरअसल, रिहंद और बाणसागर के अलावा ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र से इकट्ठा होकर बराज में पानी पहुंचता है. लेकिन, जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा नहीं होने के कारण अभी तक बराज में पानी बहुत कम है. पहले जहां 25 मई तक नहरों में पानी छोड़ दिया जाता था. वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि यह समय सीमा 5 जून के बाद तक चली जाएगी.

किसान और इंजीनियर का बयान

दो से तीन दिनों में होगी आपूर्ति
रोहतास के अलावे कैमूर, औरंगाबाद, बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद और पटना जिला के कुछ क्षेत्र इसी डैम के भरोसे चलते हैं. लेकिन, अभी तक बराज में पानी काफी कम है. विभाग की ओर से रिहंद और बाण सागर से पानी मंगाया जा रहा है. उम्मीद है कि 2 से 3 दिनों में पानी बराज तक पहुंच जाएगा. उसके बाद ही तय हो पाएगा कि नहरों में पानी कब तक दिया जाएगा. बराज पर तैनात अभियंता बताते हैं कि किसानों की समस्या को देखते हुए बराज में पानी एकत्र किया जा रहा है. निर्देश आने के बाद नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा.

पानी की बाट जोह रहे किसान
वहीं, किसान इंद्रपुरी बराज के पानी के लिए बाट जोह रहे हैं. रोहिणी नक्षत्र में बिछड़ा डालने के लिए किसान बेचैन हैं. ऐसे में ना तो सिंचाई का जल नसीब है और ना ही बारिश हो रही है. किसान हाथ पर हाथ धरे विभाग से आदेश आने का इंतजार कर रहे हैं.

रोहतास: जिले के इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से बिहार के 8 जिलों में सिंचाई होती है. लेकिन, इस बार बारिश नहीं होने से भयावह जल-संकट मंडरा रहा है. डैम में पानी नहीं है, जिससे समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. वहीं, किसान भी बिना पानी के खेती नहीं कर पा रहे हैं. खेतों में पानी नहीं पहुंचने से हाहाकार की स्थिति मची हुई है.

दरअसल, रिहंद और बाणसागर के अलावा ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र से इकट्ठा होकर बराज में पानी पहुंचता है. लेकिन, जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा नहीं होने के कारण अभी तक बराज में पानी बहुत कम है. पहले जहां 25 मई तक नहरों में पानी छोड़ दिया जाता था. वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि यह समय सीमा 5 जून के बाद तक चली जाएगी.

किसान और इंजीनियर का बयान

दो से तीन दिनों में होगी आपूर्ति
रोहतास के अलावे कैमूर, औरंगाबाद, बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद और पटना जिला के कुछ क्षेत्र इसी डैम के भरोसे चलते हैं. लेकिन, अभी तक बराज में पानी काफी कम है. विभाग की ओर से रिहंद और बाण सागर से पानी मंगाया जा रहा है. उम्मीद है कि 2 से 3 दिनों में पानी बराज तक पहुंच जाएगा. उसके बाद ही तय हो पाएगा कि नहरों में पानी कब तक दिया जाएगा. बराज पर तैनात अभियंता बताते हैं कि किसानों की समस्या को देखते हुए बराज में पानी एकत्र किया जा रहा है. निर्देश आने के बाद नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा.

पानी की बाट जोह रहे किसान
वहीं, किसान इंद्रपुरी बराज के पानी के लिए बाट जोह रहे हैं. रोहिणी नक्षत्र में बिछड़ा डालने के लिए किसान बेचैन हैं. ऐसे में ना तो सिंचाई का जल नसीब है और ना ही बारिश हो रही है. किसान हाथ पर हाथ धरे विभाग से आदेश आने का इंतजार कर रहे हैं.

Intro:Desk Bihar
Report - Ravi Kumar /Sasaram
Slug -Farmer_Hahakaar(EXCLUSIVE )
रोहतास जिले के इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से बिहार के 8 जिलो में सिंचाई होती है लेकिन इस बार अभी तक डैम में पानी नहीं होने से समस्या विकराल रूप लेती जा रही है वही किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंचने से हाहाकार की स्थिति मची हुई है


Body:दरअसल रिहंद तथा बाणसागर के अलावा ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र से इकट्ठा होकर बराज में पानी पहुंचता है लेकिन जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा नहीं होने के कारण अभी तक बराज में पानी बहुत कम है पहले जहां 25 मई तक नहरों में पानी छोड़ देने की बात थी लेकिन वर्तमान स्थिति से ऐसा लगता है कि यह समय सीमा 5 जून के बाद तक चली जाएगी

रोहतास के अलावे कैमूर औरंगाबाद बक्सर भोजपुर अरवल जहानाबाद तथा पटना जिला के कुछ क्षेत्रों को इसी भरोसे पानी मिलता है लेकिन अभी तक बराज में पानी काफी कम है विभाग के द्वारा रिहंद तथा बाण सागर से पानी मंगाया जा रहा है उम्मीद है कि 2 से 3 दिनों में पानी बराज तक पहुंच जाएगा उसके बाद ही तय हो पाएगा कि नहरों में पानी कब तक दिया जाएगा बराज पर तैनात कनीय अभियंता बताते हैं कि किसानों की समस्या को देखते हुए बराज में एकत्र किए गए पानी को जैसे ही निर्देश आएगा नहरो में छोड़ दिया जाएगा वहीं किसान इंद्रपुरी बराज के पानी के लिए टकटकी लगाए हुए हैं


Conclusion:रोहिणी नक्षत्र में बिछड़ा डालने को लेकर बेचैन किसान खेतों को तैयार कर पानी के लिए सिंचाई विभाग और आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं किसान आनंद पांडे का कहना है कि सिंचाई विभाग के कैलेंडर के अनुसार खरीफ फसल हेतु 25 मई से इंद्रपुरी बराज से नहरो में पानी छोड़ा जाना था किन्तु जल संकट से जूझ रहे इंद्रपुरी बराज में पानी नहीं होने कारण बाणसागर व रिहंद के भरोसे पहले 27 मई फिर 29 मई को उसके बाद 31 मई को नहरों में पानी छोड़े जाने की बात कही जा रही है लेकिन अब नही लगता कि तय समय पर उनके खेतो में पानी मिल पायेगा हालांकि अधिकारियों ने 5 जून को अंतिम डेड लाईन तय किया है


8 जिलों को पहुंचता है पानी

इंद्रपुरी बराज से छोड़े जाने वाले पानी 8जिलो तक पहुंचता है इसके लिए दो अलग-अलग मुख्य नहर का निर्माण अंग्रेजों के समय से किया गया था जहां सोन पश्चिमी मुख्य नहर से कैमूर सासाराम बक्सर और आरा जिले में छोटी- छोटी नहरो के द्वारा किसानों के खेतों को पानी पहुंचता है वहीं पूर्व पूर्वी मुख्य नहर के तहत पटना औरंगाबाद अरवल और जहानाबाद जिले के किसानों के खेतों को पानी पहुंचता है

बाईट - बिश्वजीत जे ई
बाईट - आनंद पांडेय किसान
PTC - रवि कुमार
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