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गरीबी में दाह संस्कार भी नहीं हुआ नसीब, कुत्ते नोंचते रहे अधजला शव

करगहर प्रखंड के वार्ड नंबर दो में एक व्यक्ति की मौत हो गई. उसकी पत्नी ने भीख मांग कर शव को जलाया. ऐसी स्थिति के जीने के बावजूद भी उसे कोई अब तक सरकार से कोई लाभ नहीं मिल सका है.

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Published : Sep 20, 2019, 11:48 PM IST

रोहतास

रोहतास: सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं बनाती है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाती हैं. जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. एक व्यक्ति की लाश पैसों के अभाव में पूरी नहीं जल सकी. जिसके बाद अधजले लाश को कुत्ते नोंच रहे थे.

मामला जिले के करगहर प्रखंड के वार्ड नंबर दो का है. यहां रह रहे महादलित परिवार में लकड़ नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई. उसके घरवालों के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे. भीख मांग कर उसकी पत्नी ने उसका अंतिम संस्कार तो किया, लेकिन लाश पूरी नहीं जल सकी और बाद में कुत्ते उसे नोंच रहे थे.

पीड़ित महिला और एसडीओ का बयान

अधजली लाश को घुमा रहे थे कुत्ते
मृतक की पत्नी ने बताया कि अचानक पति की मौत हो गई. लोगों से पैसे लेकर पति का अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन लाश पूरी तरह नहीं जल सकी. उस अधजले लाश को कुत्ते घुमा रहे थे. लोगों ने देखा तो कुत्तों को भगाया. उसके बाद कुछ लोगों की आर्थिक मदद से फिर से लाश को जलाया गया. वहीं, सरकार की मदद को लेकर सवाल पर उसने कहा कि अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है. नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

रोहतास
एसडीओ राजकुमार गुप्ता

जल्द मिलेगा सरकारी लाभ
एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने पीड़ित महिला की मदद करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि उसको सरकारी योजनाओं का जल्द लाभ दिया जाएगा. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस संबंध में बात भी की है. जल्द से जल्द उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

रोहतास: सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं बनाती है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाती हैं. जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. एक व्यक्ति की लाश पैसों के अभाव में पूरी नहीं जल सकी. जिसके बाद अधजले लाश को कुत्ते नोंच रहे थे.

मामला जिले के करगहर प्रखंड के वार्ड नंबर दो का है. यहां रह रहे महादलित परिवार में लकड़ नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई. उसके घरवालों के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे. भीख मांग कर उसकी पत्नी ने उसका अंतिम संस्कार तो किया, लेकिन लाश पूरी नहीं जल सकी और बाद में कुत्ते उसे नोंच रहे थे.

पीड़ित महिला और एसडीओ का बयान

अधजली लाश को घुमा रहे थे कुत्ते
मृतक की पत्नी ने बताया कि अचानक पति की मौत हो गई. लोगों से पैसे लेकर पति का अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन लाश पूरी तरह नहीं जल सकी. उस अधजले लाश को कुत्ते घुमा रहे थे. लोगों ने देखा तो कुत्तों को भगाया. उसके बाद कुछ लोगों की आर्थिक मदद से फिर से लाश को जलाया गया. वहीं, सरकार की मदद को लेकर सवाल पर उसने कहा कि अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है. नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

रोहतास
एसडीओ राजकुमार गुप्ता

जल्द मिलेगा सरकारी लाभ
एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने पीड़ित महिला की मदद करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि उसको सरकारी योजनाओं का जल्द लाभ दिया जाएगा. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस संबंध में बात भी की है. जल्द से जल्द उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

Intro:रोहतास। जिले के करगहर प्रखंड में मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला पेश आया है। जहां एक महादलित परिवार को अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए भीख मांगना पड़ा।


Body:जिले के करगहर बाजार के वार्ड नंबर दो में महादलित परिवार गुड़िया देवी के आंसू उस वक्त टपक पड़े जब उनके पति लकड़ डोम अचानक इस दुनिया से हमेशा के लिए चल बसे। मृतक अपने पीछे चार बच्चों को छोड़ गया। परिवार की स्थिति इतनी दयनीय है कि मृतक के दाह संस्कार के तक के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। लिहाज़ा अपने पति के दाह संस्कार के लिए उसे भीख तक मांगने पड़े। महादलित महिला ने प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से मदद के लिए दरवाजा खटखटाया लेकिन कहीं से मदद नहीं मिला। मृतक की पत्नी ने बताया कि जैसे तैसे में अपने पति का उसने दाह संस्कार किया। लेकिन लकड़ी की कमी की वजह से शव पूरी तरह से नहीं चल पाया। लिहाजा आधे अधूरे जले शव को कुत्ते नोचने लगे आसपास के लोगों ने जब यह देखा तो किसी तरह कुत्ते को वहां से भगाया जिसके बाद मृतक की पत्नी ने पुनः अपने पति का दाह संस्कार किया। महिला के भीख मांगने के दौरान ही उसकी मुलाकात समाजसेवी सोनू पांडे से हुई जिससे वह अपने पति के दाह संस्कार में मदद की गुहार करने लगी। जिसके बाद सोनू पांडे ने उसे आर्थिक मदद दिया ताकि उसके पति का दाह संस्कार और उसका काम क्रिया हो सके। गौरतलब है कि इस महिला के पास में ना तो अपने मकान है और ना ही सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उसे अब तक कोई लाभ मिल पाया है। प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला है। लिहाज़ा आज भी टूट हुए मकान में रहने को मजबूर है ये बेबस महिला। लिहाज़ा इसको लेकर कई बार उसने प्रखंड के बीडीओ से गुहार तक लगा चुकी है लेकिन आला अधिकारियों के द्वारा अब तक कोई ठोस अमल नहीं किया गया। जाहिर है सरकार गरीबों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है लेकिन इस योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाता है। वही जब ईटीवी भारत के संवाददाता इस मामले को लेकर सासाराम सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता से बात की तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि गरीब महिला को सरकारी योजनाओं का लाभ तुरंत दिया जाएगा। इसको लेकर वह प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात भी किया और कहा कि जितनी जल्दी हो सके महिला को सरकारी योजना का लाभ दिया जाए।


Conclusion:गौरतलब है कि एक तरफ जहां सरकार महादलितों के हितों की बात करती है तो वही आज भी महादलित कई सरकारी योजनाओं से वंचित है। जाहिर है जो काम प्रशासन को करना चाहिए वह काम अब समाजसेवी कर रहे हैं।


बाइट। सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता
बाइट। म्रतक की पत्नी
बाइट। सोनू पांडेय समाजसेवी
पीटीसी
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