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रोहतास: खनन इलाके में पहुंची जिला प्रशासन की टीम, कहा- अवैध धंधे बंद कर मुख्य धारा से जुड़ें लोग

जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि सरकार ने जिस पेशे को अवैध घोषित कर दिया है, उससे गांव के लोग दूर रहें. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों के पास रोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

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Published : Mar 2, 2020, 8:33 AM IST

रोहतासः जिले में अवैध खनन और शराब का धंधा फल फूल रहा है. ऐसे इलाकों में जिला प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों से लगातार बातचीत कर उनसे मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम अदमापुर पहुंची. जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनसे सरकार की योजनाओं का लाभ लेने और स्वरोजगार अपनाने की अपील की.

'रोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं'
जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि सरकार ने जिस पेशे को अवैध घोषित कर दिया है, उससे गांव के लोग दूर रहे. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों के पास रोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. पिछले कई पुस्तों से उनका परिवार पत्थर उद्योग से जुड़ा रहा है. पत्थरों का खनन बंद कर देने से उन लोगों के पारंपरिक रोजगार पर संकट आ गया है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को दी जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी
ग्रामीण पूनम देवी ने बताया कि वे लोग चाहते हैं कि उनके इलाके में कोई औधोगिक संयंत्र या कोई कंपनी स्थापित हो जो उन्हें रोजगार उपलब्ध करा सके. सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने बताया कि अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके तहत कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है.

रोहतासः जिले में अवैध खनन और शराब का धंधा फल फूल रहा है. ऐसे इलाकों में जिला प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों से लगातार बातचीत कर उनसे मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम अदमापुर पहुंची. जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनसे सरकार की योजनाओं का लाभ लेने और स्वरोजगार अपनाने की अपील की.

'रोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं'
जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि सरकार ने जिस पेशे को अवैध घोषित कर दिया है, उससे गांव के लोग दूर रहे. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों के पास रोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. पिछले कई पुस्तों से उनका परिवार पत्थर उद्योग से जुड़ा रहा है. पत्थरों का खनन बंद कर देने से उन लोगों के पारंपरिक रोजगार पर संकट आ गया है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को दी जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी
ग्रामीण पूनम देवी ने बताया कि वे लोग चाहते हैं कि उनके इलाके में कोई औधोगिक संयंत्र या कोई कंपनी स्थापित हो जो उन्हें रोजगार उपलब्ध करा सके. सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने बताया कि अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके तहत कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है.

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