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दारोगा वीरेंद्र पासवान का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव सोनडीहा, पटना में इलाज के दौरान हुई थी मौत - Villagers attack on police team in Aurangabad

औरंगाबाद में पुलिस पर हुए पथराव में घायल हुए दारोगा की इलाज के दौरान पटना में मौत हो गई. उनका पार्थिव शरीर को सोमवार को पैतृक गांव सोनडीहा लाया (Inspector Virendra Paswan body reached ancestral village) गया. शव पहुंचते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई. गांव का माहौल गमगीन हो गया. पढ़ें पूरी खबर.

दारोगा का शव पहुंचा पैतृक गांव
दारोगा का शव पहुंचा पैतृक गांव
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Published : Jan 31, 2022, 4:59 PM IST

रोहतास: बिहार के औरंगाबाद में बीते दिनों छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया (Villagers Attack On Police Team In Aurangabad) था. इस घटना में दाउदनगर थाना के दारोगा वीरेंद्र पासवान गंभीर रुप से घायल हो गये थे. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सोमवार को दारोगा वीरेंद्र पासवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रोहतास जिले के शिवसागर के सोनडिहरा लाया गया.

ये भी पढ़ें-औरंगाबाद में ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम पर हमला, एक दारोगा गंभीर रूप से घायल

दारोगा का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक गांव पहुंचा. उनके वृद्ध पिता फफक कर रो पड़े. पूरे परिवार का माहौल गमगीन हो गया. शव के पहुंचते ही क्षेत्र में आग की तरह सूचना फैल गई और लोग दारोगा के घर की तरफ उमड़ पड़े. दारोगा के पार्थिव शरीर को लेकर पुलिस बल गांव पहुंचे. जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ताओं के अलावा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

सोनडिहरा गांव के रामबचन पासवान के चार बेटों में दारोगा वीरेंद्र पासवान एकमात्र नौकरी करने वाले थे. मृतक के तीन भाई सुरेंद्र पासवान, विरेंद्र पासवान, छोटन पासवान और चंद्रभान पासवान गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं. वीरेंद्र पासवान भरे-पूरे परिवार के धुरी थे. दारोगा के पुत्र और एक पुत्री है, जिसकी शादी होने वाली थी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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रोहतास: बिहार के औरंगाबाद में बीते दिनों छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया (Villagers Attack On Police Team In Aurangabad) था. इस घटना में दाउदनगर थाना के दारोगा वीरेंद्र पासवान गंभीर रुप से घायल हो गये थे. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सोमवार को दारोगा वीरेंद्र पासवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रोहतास जिले के शिवसागर के सोनडिहरा लाया गया.

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दारोगा का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक गांव पहुंचा. उनके वृद्ध पिता फफक कर रो पड़े. पूरे परिवार का माहौल गमगीन हो गया. शव के पहुंचते ही क्षेत्र में आग की तरह सूचना फैल गई और लोग दारोगा के घर की तरफ उमड़ पड़े. दारोगा के पार्थिव शरीर को लेकर पुलिस बल गांव पहुंचे. जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ताओं के अलावा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

सोनडिहरा गांव के रामबचन पासवान के चार बेटों में दारोगा वीरेंद्र पासवान एकमात्र नौकरी करने वाले थे. मृतक के तीन भाई सुरेंद्र पासवान, विरेंद्र पासवान, छोटन पासवान और चंद्रभान पासवान गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं. वीरेंद्र पासवान भरे-पूरे परिवार के धुरी थे. दारोगा के पुत्र और एक पुत्री है, जिसकी शादी होने वाली थी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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