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बोले बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह- 'शराबबंदी कानून में जागरूकता का अभाव, जल्द हो संशोधन'

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बाद अब बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह ने भी बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) पर सवाल उठाए हैं. सरकार की सहयोगी भाजपा कई बार खुलकर शराबबंदी कानून में संशोधन की मांग कर चुकी है. अब तो बीजेपी इस पक्ष में खुलकर सामने आ गई है. पढ़ें पूरी खबर...

राजेंद्र सिंह, भाजपा नेता
राजेंद्र सिंह, भाजपा नेता
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Published : Jan 20, 2022, 8:18 PM IST

रोहतासः लोजपा से भाजपा में घरवापसी के बाद बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह (BJP Leader Rajendra Singh On Liquor Ban) ने भी बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सवाल उठाया है. बीजेपी नेता ने रोहतास के डेहरी में शराबबंदी कानून में संशोधन की वकालत की है. बता दें कि पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी अपने फेसबुक अकाउंट से शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था और अब राजेंद्र सिंह ने भी शराबबंदी को लेकर बयान दिया है.

ये भी पढ़ेंः जहरीली शराब से मौत पर लोजपा(R) का सवाल- नींद में क्यों है सरकार? जल्द बुलाए सर्वदलीय बैठक

बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शराबबंदी कानून को और भी लचीला करने की जरूरत है, चूंकी जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी, कानून का सार्थक परिणाम नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ पाबंदियों से काम नहीं चलेगा. जब तक समाज इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं करेगा. तब तक ये कानून सफल नहीं होगा.

'प्रदेश में शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब पीकर मरने वालों का सिलसिला जारी है. ऐसे में एक बार फिर इस कानून को संशोधित करने की जरूरत है, ताकि शराबबंदी से होने वाली मौत पर लगाम लग सके. सरकार ने शराबबंदी कानून तो जरूर बना दिया पर जागरूकता का अभाव है. जिस कारण आए दिन शराब से मौत की घटना सामने आ रही हैं' - राजेंद्र सिंह, बीजेपी नेता


ये भी पढ़ेंः 'शराबबंदी वाले बिहार में पियक्कड़ सम्मेलन का मतलब क्या है? JDU नेता ही बिहार में बिकवा रहे हैं शराब'

राजेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि सरकार को चाहिए कि शराबियों के लिए जगह जगह सेंटर्स खोंले. ताकि वहां दवाईयों की व्यवस्था हो जो शराब छुड़ाने में मददगार हो सके. सिर्फ शराबबंदी कानून के सख्त होने से कुछ नहीं होने वाला. अब भी शराब पूरी तरह से बन्द नहीं हो पाई है.


ये भी पढ़ें: जहरीली शराब से मौत! नालंदा में 13 हुई मृतकों की संख्या, 5 माफिया गिरफ्तार

गौरतलब है कि शराबबंदी कानून में संशोधन को लेकर जहां एक तरफ विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सरकार की सहयोगी भाजपा भी कई बार खुलकर शराबबंदी कानून में संशोधन की मांग कर चुकी है. अब तो बीजेपी इस पक्ष में खुलकर सामने आ गई है. जिसके बाद सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं और सरकार इसमें संशोधन करने के लिए मजबूर है.

अब बिहार सरकार भी मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में संशोधन लाने की तैयारी कर रही है. सरकार का ध्यान अब पीने वालों के बजाय व्यापार करने वालों पर होगा. शराब की बिक्री और तस्करी करने वालों के खिलाफ और सख्ती बढ़ेगी. इसके लिए राज्य सरकार कानून में संसोधन कर इसे और कठोर बनाने की तैयारी कर रही है.


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रोहतासः लोजपा से भाजपा में घरवापसी के बाद बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह (BJP Leader Rajendra Singh On Liquor Ban) ने भी बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सवाल उठाया है. बीजेपी नेता ने रोहतास के डेहरी में शराबबंदी कानून में संशोधन की वकालत की है. बता दें कि पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी अपने फेसबुक अकाउंट से शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था और अब राजेंद्र सिंह ने भी शराबबंदी को लेकर बयान दिया है.

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बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शराबबंदी कानून को और भी लचीला करने की जरूरत है, चूंकी जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी, कानून का सार्थक परिणाम नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ पाबंदियों से काम नहीं चलेगा. जब तक समाज इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं करेगा. तब तक ये कानून सफल नहीं होगा.

'प्रदेश में शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब पीकर मरने वालों का सिलसिला जारी है. ऐसे में एक बार फिर इस कानून को संशोधित करने की जरूरत है, ताकि शराबबंदी से होने वाली मौत पर लगाम लग सके. सरकार ने शराबबंदी कानून तो जरूर बना दिया पर जागरूकता का अभाव है. जिस कारण आए दिन शराब से मौत की घटना सामने आ रही हैं' - राजेंद्र सिंह, बीजेपी नेता


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राजेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि सरकार को चाहिए कि शराबियों के लिए जगह जगह सेंटर्स खोंले. ताकि वहां दवाईयों की व्यवस्था हो जो शराब छुड़ाने में मददगार हो सके. सिर्फ शराबबंदी कानून के सख्त होने से कुछ नहीं होने वाला. अब भी शराब पूरी तरह से बन्द नहीं हो पाई है.


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गौरतलब है कि शराबबंदी कानून में संशोधन को लेकर जहां एक तरफ विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सरकार की सहयोगी भाजपा भी कई बार खुलकर शराबबंदी कानून में संशोधन की मांग कर चुकी है. अब तो बीजेपी इस पक्ष में खुलकर सामने आ गई है. जिसके बाद सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं और सरकार इसमें संशोधन करने के लिए मजबूर है.

अब बिहार सरकार भी मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में संशोधन लाने की तैयारी कर रही है. सरकार का ध्यान अब पीने वालों के बजाय व्यापार करने वालों पर होगा. शराब की बिक्री और तस्करी करने वालों के खिलाफ और सख्ती बढ़ेगी. इसके लिए राज्य सरकार कानून में संसोधन कर इसे और कठोर बनाने की तैयारी कर रही है.


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