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यूक्रेन में युद्ध के हालात से चिंतित बिहार के प्रवासी, रोहतास के डॉक्टर अमित ने वीडियो जारी कर दी जानकारी

यूक्रेन और रशिया के बीच तनातनी की स्थिति को लेकर युद्ध का संकट मंडरा रहा है, ऐसे में यूक्रेन में रह रहे बिहार के प्रवासी की चिंता बढ़ गई है. पिछले 27 साल से यूक्रेन में रह रहे डॉक्टर अमित कुमार ने एक वीडियो जारी कर वहां की स्थिति के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उनकी पूरी मदद की है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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Published : Feb 18, 2022, 12:13 PM IST

रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के डालमियानगर के रहने वाले डॉक्टर अमित कुमार पिछले 27 सालों से यूक्रेन में रह रहे हैं और उन्होंने वहां से एक वीडियो भेजकर स्थिति के बारे में जानकारी दी है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से रशिया और यूक्रेन के(Russia Ukraine Conflict) बीच तनातनी की स्थिति है. ऐसे में यूक्रेन पर युद्ध का (War Situation In Ukraine) संकट मंडरा रहा है लेकिन यूक्रेन में रह रहे बिहार के लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. डालमियानगर के रहने वाले डॉ. अमित कुमार ने वहां के बिगड़े हालात से वे लोग काफी चिंतित हैं. यूक्रेन से उन लोगों ने वीडियो बनाकर भेजा है. साथ ही बताया है कि भारत की सरकार उन लोगों को भरपूर मदद कर रही है. लेकिन यूक्रेन की सरकार की मदद के संबंध में लोग खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र शशिभूषण ने माता-पिता को भेजा ये VIDEO संदेश.. फिर भी घबरा रहे परिजन

यूक्रेन में युद्ध के हालात से चिंतित बिहार के प्रवासी

बता दें कि, क्रीमिया को लेकर यूक्रेन और रशिया में तनातनी चल रही है, क्रीमिया के प्राकृतिक गैस के भंडार पर रशिया के कब्जा के बाद युद्ध के आसार बने हुए हैं. जिन इलाकों पर स्क्रीन के स्थानीय लोगों की सहानुभूति के कारण रशिया ने कब्जा करना शुरू किया है. उस इलाके में रह रहे भारतीय खासकर बिहारी काफी चिंतित है, उनका कहना है कि धीरे-धीरे तनाव बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में भविष्य को लेकर वे लोग काफी सशंकित है. इसलिए तीन दशक से यूक्रेन में रह रहे डॉ. अमित ज्यादा कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि यूक्रेन की हालात लगातार बिगड़ रहे हैं जिसको लेकर चिंता बढ़ती जा रही हैं.

वहीं, इस लड़ाई में अब तक 31 हज़ार से अधिक सिविलियंस मारे जा चुके हैं, 41 सौ से अधिक युक्रेन के सैनिक के अलावे 56 सौ से अधिक प्रो-रसिया सेपरेटर्स की मौत हो चुकी है. हजारों लोग जख्मी भी हैं. वर्ष 1991 में जब रशिया का विघटन हुआ उसके बाद यूक्रेन सहित 14 देश बिखड़ कर सामने आए. रशिया का प्राकृतिक गैस का भंडार अब यूक्रेन में चला गया लेकिन बाद में वर्ष 2014 में रसिया ने यूक्रेन के प्राकृतिक गैस के भंडार क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. विवाद तभी से गहरा रहा है लेकिन जिस तरह से यूरोपीय देश यूक्रेन को मदद कर रही है उसके बाद कहीं ना कहीं युद्ध के आसार और बढ़ते जा रहे हैं. इस परिस्थिति में यूक्रेन में रह रहे बिहारियों की चिंता बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में फंसे हैं हजारों भारतीय छात्र, सरकार से एयरलिफ्ट कराने की मांग

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रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के डालमियानगर के रहने वाले डॉक्टर अमित कुमार पिछले 27 सालों से यूक्रेन में रह रहे हैं और उन्होंने वहां से एक वीडियो भेजकर स्थिति के बारे में जानकारी दी है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से रशिया और यूक्रेन के(Russia Ukraine Conflict) बीच तनातनी की स्थिति है. ऐसे में यूक्रेन पर युद्ध का (War Situation In Ukraine) संकट मंडरा रहा है लेकिन यूक्रेन में रह रहे बिहार के लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. डालमियानगर के रहने वाले डॉ. अमित कुमार ने वहां के बिगड़े हालात से वे लोग काफी चिंतित हैं. यूक्रेन से उन लोगों ने वीडियो बनाकर भेजा है. साथ ही बताया है कि भारत की सरकार उन लोगों को भरपूर मदद कर रही है. लेकिन यूक्रेन की सरकार की मदद के संबंध में लोग खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

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यूक्रेन में युद्ध के हालात से चिंतित बिहार के प्रवासी

बता दें कि, क्रीमिया को लेकर यूक्रेन और रशिया में तनातनी चल रही है, क्रीमिया के प्राकृतिक गैस के भंडार पर रशिया के कब्जा के बाद युद्ध के आसार बने हुए हैं. जिन इलाकों पर स्क्रीन के स्थानीय लोगों की सहानुभूति के कारण रशिया ने कब्जा करना शुरू किया है. उस इलाके में रह रहे भारतीय खासकर बिहारी काफी चिंतित है, उनका कहना है कि धीरे-धीरे तनाव बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में भविष्य को लेकर वे लोग काफी सशंकित है. इसलिए तीन दशक से यूक्रेन में रह रहे डॉ. अमित ज्यादा कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि यूक्रेन की हालात लगातार बिगड़ रहे हैं जिसको लेकर चिंता बढ़ती जा रही हैं.

वहीं, इस लड़ाई में अब तक 31 हज़ार से अधिक सिविलियंस मारे जा चुके हैं, 41 सौ से अधिक युक्रेन के सैनिक के अलावे 56 सौ से अधिक प्रो-रसिया सेपरेटर्स की मौत हो चुकी है. हजारों लोग जख्मी भी हैं. वर्ष 1991 में जब रशिया का विघटन हुआ उसके बाद यूक्रेन सहित 14 देश बिखड़ कर सामने आए. रशिया का प्राकृतिक गैस का भंडार अब यूक्रेन में चला गया लेकिन बाद में वर्ष 2014 में रसिया ने यूक्रेन के प्राकृतिक गैस के भंडार क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. विवाद तभी से गहरा रहा है लेकिन जिस तरह से यूरोपीय देश यूक्रेन को मदद कर रही है उसके बाद कहीं ना कहीं युद्ध के आसार और बढ़ते जा रहे हैं. इस परिस्थिति में यूक्रेन में रह रहे बिहारियों की चिंता बढ़ गई है.

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