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ससुराल में आंचल फैलाकर बेटे अयांश के लिए मदद मांग रही नेहा सिंह, बोलीं- इसे सूना मत होने देना

11 महीने के अयांश को एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज भारत में भी संभव नहीं है. अयांश की मां नेहा सिंह लोगों से मदद की अपील के लिए अपने ससुराल पहुंची हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

अयांश
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Published : Aug 30, 2021, 11:45 AM IST

रोहतास: 11 महीने के अयांश (Ayansh) को एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत भर में भी नहीं है. अयांश के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. बच्चे के इलाज के लिए अमेरीका से इंजेक्शन मंगाया जाना है. इंजेक्शन की कीमत ज्यादा होने से अयांश की मां नेहा सिंह भावुक होकर लोगों से मदद के लिए अपील कर रही हैं. वहीं, मदद की उम्मीद से वे अपने ससुराल पहुंची हैं.

इसे भी पढ़ें: CM के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता, 16 करोड़ का एक इंजेक्‍शन बचा सकता है जान

अयांश स्‍पाइनल मस्‍कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नामक दुलर्भ बीमारी से जूझ रहा है. 11 महीने के अयांश की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की दरकार है. ऐसे में अयांश की मां नेहा सिंह अपने बीमार बच्चे को लेकर डेहरी ऑन सोन स्थित पटनवा गांव अपने ससुराल पहुंची हैं. जहां बहू और मासूम अयांश को देखने लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: अयांश को लेकर बोले CM नीतीश- सरकारी खजाने से मदद देना संभव नहीं

ससुराल पहुंची नेहा ने भावुक होकर लोगों से अपील करते हुए कहा कि अयांश को लेकर चलाए जा रहे मुहिम की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिससे वे एक बार फिर से फंडिंग की शुरुआत कर रही हैं. सबसे पहले इस गांव से ही उनके बीमार बच्चे की मदद के लिए फंडिंग की शुरुआत हुई थी. नेहा ने कहा कि वे गांव-गांव जाकर लोगों से अपने बीमार बच्चे की मदद के लिए आंचल फैलाकर मदद मांग रही हैं. जिससे उनके बच्चे को 16 करोड़ का इंजेक्शन लग सके.

नेहा ने बताया कि फंडिंग में तकरीबन 8 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है. बच्चे की खातिर वह शेष राशि जुटाने के लिए मदद की अपील कर रही हैं. जिससे बीमार बच्चे की जान बचाई जा सके. अयांश ही उनके लिए सबकुछ है. वह उसे खोना नहीं चाहती हैं.

मैं हाथ जोड़कर अपील कर रही हूं कि यहां के लोगों ने मेरी बहुत मदद की है. मैं सभी लोगों से अपील कर रही हूं कि मेरा आंचल सुना न हो. मैं पहले एक बच्चे को खो चुकी हूं. अब मैं अयांश को नहीं खोना चाहती. यदि मैं इसे खो दूंगी, तो मैं नहीं रह पाऊंगी. अयांश के पास बहुत कम समय बचा हुआ है. प्लीज अयांश के खातिर मदद के लिए आगे आइये. -नेहा सिंह, अयांश की मां

कुछ लोगों के माध्यम से यह अफवाह फैलाया गया है कि नेहा सिंह का उनके ससुराल से कोई रिश्ता नहीं है. इस भीड़ को देखकर समझ आ रहा होगा कि नेहा और उसके बच्चे अयांश से कितना लगाव है. जिन लोगों के पास पैसे नहीं है, उनसे अपील की जा रही है कि धान, गेंहू आदि देकर ही मदद करें. -दीपक कुमार, समाजसेवी

बता दें कि नेही सिंह अयांश को लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार में भी जा चुकी हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पहले ही कह दिया था कि सरकारी खजाने से बच्चे की मदद करना संभव नहीं है. जिसके बाद अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह का कहना है कि सरकार को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

बता दें कि इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर का अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

रोहतास: 11 महीने के अयांश (Ayansh) को एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत भर में भी नहीं है. अयांश के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. बच्चे के इलाज के लिए अमेरीका से इंजेक्शन मंगाया जाना है. इंजेक्शन की कीमत ज्यादा होने से अयांश की मां नेहा सिंह भावुक होकर लोगों से मदद के लिए अपील कर रही हैं. वहीं, मदद की उम्मीद से वे अपने ससुराल पहुंची हैं.

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अयांश स्‍पाइनल मस्‍कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नामक दुलर्भ बीमारी से जूझ रहा है. 11 महीने के अयांश की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की दरकार है. ऐसे में अयांश की मां नेहा सिंह अपने बीमार बच्चे को लेकर डेहरी ऑन सोन स्थित पटनवा गांव अपने ससुराल पहुंची हैं. जहां बहू और मासूम अयांश को देखने लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

देखें रिपोर्ट.

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ससुराल पहुंची नेहा ने भावुक होकर लोगों से अपील करते हुए कहा कि अयांश को लेकर चलाए जा रहे मुहिम की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिससे वे एक बार फिर से फंडिंग की शुरुआत कर रही हैं. सबसे पहले इस गांव से ही उनके बीमार बच्चे की मदद के लिए फंडिंग की शुरुआत हुई थी. नेहा ने कहा कि वे गांव-गांव जाकर लोगों से अपने बीमार बच्चे की मदद के लिए आंचल फैलाकर मदद मांग रही हैं. जिससे उनके बच्चे को 16 करोड़ का इंजेक्शन लग सके.

नेहा ने बताया कि फंडिंग में तकरीबन 8 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है. बच्चे की खातिर वह शेष राशि जुटाने के लिए मदद की अपील कर रही हैं. जिससे बीमार बच्चे की जान बचाई जा सके. अयांश ही उनके लिए सबकुछ है. वह उसे खोना नहीं चाहती हैं.

मैं हाथ जोड़कर अपील कर रही हूं कि यहां के लोगों ने मेरी बहुत मदद की है. मैं सभी लोगों से अपील कर रही हूं कि मेरा आंचल सुना न हो. मैं पहले एक बच्चे को खो चुकी हूं. अब मैं अयांश को नहीं खोना चाहती. यदि मैं इसे खो दूंगी, तो मैं नहीं रह पाऊंगी. अयांश के पास बहुत कम समय बचा हुआ है. प्लीज अयांश के खातिर मदद के लिए आगे आइये. -नेहा सिंह, अयांश की मां

कुछ लोगों के माध्यम से यह अफवाह फैलाया गया है कि नेहा सिंह का उनके ससुराल से कोई रिश्ता नहीं है. इस भीड़ को देखकर समझ आ रहा होगा कि नेहा और उसके बच्चे अयांश से कितना लगाव है. जिन लोगों के पास पैसे नहीं है, उनसे अपील की जा रही है कि धान, गेंहू आदि देकर ही मदद करें. -दीपक कुमार, समाजसेवी

बता दें कि नेही सिंह अयांश को लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार में भी जा चुकी हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पहले ही कह दिया था कि सरकारी खजाने से बच्चे की मदद करना संभव नहीं है. जिसके बाद अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह का कहना है कि सरकार को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

बता दें कि इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर का अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

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