रोहतासः 'डर मुझे भी लगा फासला देखकर पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर' किसी शायर की लिखी यह पंक्तियां रोहतास जिले के रहने वाले अंकित गुप्ता पर बिल्कुल स्टीक बैठती है. 21 वर्षीय अंकित गुप्ता का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर पर हुआ है. अंकित की इस कामयाबी पर रोहतास के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे रहें हैं.
10 साल की उम्र में उठा सिर से पिता का साया
जिला मुख्यालय सासाराम के तकिया बाजार निवासी अंकित गुप्ता को यह कामयाबी उनकी अपनी लगन और मेहनत के बल पर मिली है. 10 साल की उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया. उस वक्त वो चौथी कक्षा में पढ़ता था.
अंकित आगे की पढ़ाई के लिए अपने नाना के घर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चला गये. चौथी कक्षा से लेकर 12वीं तक उन्होंने गोरखपुर से पढ़ाई की. फिर एक साल की तैयारी के बाद अंकित जेईई मेंस में चयनित हुए.
इसरो में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में हुआ चयन
इसके बाद अंकित का नामांकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हो गया. जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकित का चयन 'इसरो' के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में हुआ है.
'अंकित के पिता की मृत्यु के बाद वह नाना के घर पढ़ने चला गया. 12वीं के बाद उसका नामांकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हुआ. जहां उसने हर एग्जाम में 75% से ऊपर ही मार्क्स लाया. इस वजह से इसरो में उसका चयन फ्री में हुआ है'- प्रेमलता, अंकित की मां
परिवार में है खुशी का माहौल
अंकित के फैमिली मेंबर्स का कहना है कि पिछले महीने 24 दिसंबर को ही अंकित को इसरो से नियुक्ति प्रस्ताव मिला था. तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर अंकित हैं. इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयन होने पर परिवार के लोग काफी खुश हैं. और अंकित के उज्जवल भविष्य की कामनाएं कर रहे हैं.